MLC Full Form in Hindi -एमएलसी फुल फॉर्म हिंदी में भारत के छः राज्यों में विधान परिषद यानि की (MLC) का चुनाव होता है भारतीय संविधान के अनुच्छेद 169,171(1) एवं 171(2) के तहत इसका गठन किया जाता है | एमएलसी (MLC) सदस्यों की संख्या विधानसभा (MLA) के सदस्यों की संख्या की एक तिहाई होती है परन्तु जम्मू-कश्मीर के लिए कुछ नियम अलग से बनाये गए थे, लेकिन अब धारा 370 समाप्त होने के बाद, इस राज्य में विधान परिषद् समाप्त हो गया है |
MLC Full Form in Hindi
विधान परिषद के सदस्यों के अधिकार विधान सभा सदस्यों के बराबर होते है जैसे – गाड़ियां, सुरक्षा दस्ते और विधायकों के बराबर निर्वाचन क्षेत्र फंड का प्रयोग करने के भी अधिकार दिए गए है | यह चुनाव अप्रत्यक्ष चुनाव होता है, जो सीधे जनता द्वारा नहीं होता है |
MLC Full Form in Hindi एमएलसी का फुल फॉर्म
MLC का अंग्रेजी में फुल फॉर्म “Member of Legislative Council” होता है, और हिंदी में एमएलसी का फुल फॉर्म ‘विधान परिषद का सदस्य’ होता है। विधान परिषद का एक सदस्य (MLC) स्थानीय निकायों, राज्य विधान सभा, राज्यपाल, स्नातक और शिक्षकों द्वारा 6 साल के कार्यकाल के लिए इसका चुनाव किया जाता है। इस प्रक्रिया में प्रत्येक दो वर्ष में एक तिहाई सदस्य सेवानिवृत्त हो जाते हैं, और नए सदस्यों का चुनाव कर लिया जाता है |
एमएलसी (MLC) का चुनाव कैसे होता है
विधान सभा और विधान परिषद राज्य सरकार के प्रमुख अंग होते है | एमएलसी (MLC) के चुनाव के लिए विधान परिषद के एक तिहाई सदस्यों का चुनाव राज्य विधानसभा के सदस्यों द्वारा किया जाता हैं | और अन्य एक तिहाई स्थानीय निकायों के सदस्यों द्वारा यानी कि नगर पालिका और जिला बोर्ड के सदस्यों द्वारा इनका चुनाव किया जाता है | 1/12 सदस्यों को राज्य के शिक्षकों द्वारा किया जाता हैं और शेष 1/12 सदस्यों को स्नातक पास पंजीकृत मतदाताओं द्वारा किया जाता हैं | जिसके बाद ही एक एमएलसी चुना जाता है |
एमएलसी (MLC) की योग्यता
- सर्वप्रथम उसे भारत का नागरिक होना अनिवार्य होता है।
- वह आयु कम से कम 30 साल की पूरी हो चुका हो ।
- मानसिक रूप से पागल व दिवालिया घोषित न किया गया हो।
- इसके अलावा उस क्षेत्र का निवासी होने के साथ, वोटर लिस्ट में उसका नाम भी होना आवश्यक है।
- समान समय में वह संसद का सदस्य और किसी सरकारी पद पर नियुक्त नहीं होना चाहिए।
इन राज्यों में है विधान परिषद की व्यवस्था –
कुछ भारतीय राज्यों में लोकतंत्र की ऊपरी प्रतिनिधि सभा को विधान परिषद कहते है। यह व्यवस्था आंध्र प्रदेश, बिहार, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश राज्यों में की गई है | वर्तमान समय में भारत के कुल छः राज्यों में विधान परिषद से गठित सरकारे चल रही है । इसके अलावा, विकिपीडिआ में दी गई जानकारी के अनुसार राजस्थान, असम, ओडिशा को भारत की संसद ने अपने स्वयं के विधान परिषद बनाने की मंजूरी प्रदान कर दी है |
विकिपीडिआ के अनुसार केंद्र शासित प्रदेशों में विधान परिषद का गठन किया गया है –
- जम्मू कश्मीर
- दिल्ली और
- पांडिचेरी
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विधान परिषद का गठन
विधान परिषद का गठन, संविधान के अनुच्छेद 169, 171(1) एवं 171(2) में का प्रावधान दिया गया है। गठन की प्रक्रिया इस प्रकार है –
- किसी राज्य में इसका गठन करने के लिए विधानसभा में उपस्थित सदस्यों के दो तिहाई बहुमत से प्रस्ताव को पारित करवाना जरूरी होता है फिर जिसके उपरांत संघीय संसद के पास भेजना होता है।
- इसके बाद अनुच्छेद 171 (2) के मुताबिक लोकसभा और राज्यसभा साधारण बहुमत से प्रस्ताव पारित करने का कार्य करती है।
- इसके बाद राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के लिए इस प्रस्ताव को भेजना होता है।
- यदि राष्ट्रपति के हस्ताक्षर हो जाते है तो इसके बाद विधान परिषद के गठन की मंजूरी प्राप्त हो जाती है।