AK – 47 एक राइफल है, जो बहुत ही खतरनाक मानी जाती है। इस राइफल को 1947 में बनाई गई थी और इसके आविष्कारक Mikhail Kalashnikov के नाम पर ही इसका नाम रखा गया था । इसके बाद सोवियत आर्मी में इसका पहला मॉडल सन 1948 में शामिल किया गया है। 30 देशों में क्लाशिनिकोव और उससे लाइसेस प्राप्त कंपनियों ने इस राइफल के 200 से भी अधिक वैरिएंट तैयार कर दिए थे | यह बहुत ही अच्छी राइफल है, जिसे इस्तेमाल करने के लिए हर किसी को नहीं दी जाती है |

इसलिए यदि आपको एके – 47 राइफल के विषय में अधिक जानकारी नहीं प्राप्त है और आप इसके विषय में जानना चाहते है, तो यहाँ पर आपको एके-47 का फुल फॉर्म | AK 47 Meaning, Full Form in Hindi | इसकी विस्तृत जानकारी प्रदान की जा रही है |
एके-47 (AK 47) का फुल फॉर्म
एके 47 का फुल फॉर्म “Avtomat Kalashnikova, Russian for Automatic Kalashnikov” होता है और वहीं इसे हिंदी भाषा में “एके-47 राइफल” के नाम से जाना जाता है |
एके-47 का क्या मतलब है ?
द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, एक टैंक कमांडर Mikhail Kalashnikov के कंधे में चोट काफी चोट लग गई थी, जिसके बाद उन्हें घायल अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया गया, जब वो अस्पताल में भर्ती ही थे तभी उन्होंने वहाँ सेवियत राइफल्स की शिकायत करने वाले घायल सैनिकों की कुछ बाते सुनी, जिसके बाद उन्होंने इसे बदलने का फैसला किया और हथियार डिजाइनर के रूप में अपना कैरियर शुरू कर दिया | फिर 1942 से 1947 तक उन्होंने 5 साल बहुत ही अधिक कड़ी मेहनत की और जिसके बाद उन्होंने AK 47 जैसी खतरनाक राइफल तैयार की |
एके-47 के कुछ रोचक तथ्य
- वहीं अब वर्तमान समय में अफगानिस्तान से लेकर जिम्बांबे तक और दुनिया के 106 देशों की मिलिट्री और कुछ स्पेशल फोर्सेज़ Ak-47 का प्रयोग करती चली आ रही है |
- AK-47 राइफल दुनिया की अकेली ऐसी राइफल तैयार की गई है, जो किसी भी वातावरण में काम के लिए इस्तेमाल की जा सकती है | इसके अलावा इसे आसानी के साथ चलाया भी जा सकता है | इसे चलाना बिलकुल भी कठिन काम नहीं है |
- दुनिया में अधिकतर लोग किसी अन्य बंदूक की बज़ाय एके-47 को ही काॅपी करते है, क्योंकि या एक ऐसी राइफल है, जो सभी बंदूकों से अलग है और देखने में भी बहुत ही रोचक लगती है | इस राइफल को बनाने में केवल 8 पुर्जों का इस्तेमाल किया गया है और ये ऐसे पुर्जे है, जिन्हे जोड़ने में एक मिनट से भी कम समय लगता है |
- AK 47 दुनिया की सबसे ज्यादा ब्लैक (अवैध) रूप से बेची जाने वाली राइफल बन चुकी है |
- यह ऐसी गन है, जिसे 6000 से 15000 राउंड तक चलाया जा सकता है Ak-47 की एक मैगज़ीन में 30 राउंड होते है |
- एके-47 का AKM वर्जन, इस समय दुनिया का सबसे हल्का राइफल है | फुल लोड होने के बाद भी इस राइफल का वज़न केवल 1 किलो है | इससे एक मिनट में 640 राउंड किए जा सकते है |
- एके-47 एक गैस संचालित, सिलेक्टिव फायर राइफल है | इसका अर्थ यह है, कि इस राइफल से शूटर चाहे तो एक-एक करके फायरिंग कर सकता है या फिर एक ही बार में पूरी मैगज़ीन का इस्तेमाल कर सकता है |
- आधुनिक एके-47 राइफल पर एक ग्रेनेड लांचर भी जोड़ सकते है |
- एके-47 की भेदन शक्ति भी इतनी पावरफुल है कि, यह कुछ दीवारो, यहाँ तक की कार के धातु के दरवाजें को भेद कर उसके पीछे बैठे इंसान की जान ले सकती है |
- AK-47, 300 मीटर की दूरी तक सटीक निशाना लगाने का काम करती है और वहीं अगर शूटर का निशाना सही लगता है तो इससे निकली हुई गोली 800 मीटर पर भी लक्ष्य को मारने में कामयाब हो सकती है |
- एके-47 की सप्लाई रूस दुनिया को करता ही है, तो वहीं 30 अन्य देशों को भी इसे बनाने का लाइसेंस प्राप्त है | जैसे:- भारत, चीन, इज़रायल , मिस्त्र, नाइजीरिया, चाइना , आदि |
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आतंकवादी द्वारा एके-47 का इस्तेमाल क्यों किया जाता है ?
एके-47 को Reload होने में अधिक समय नहीं लगता है, क्योंकि इसे रीलोड होने में मात्र 2.5 सेकंड का समय लगता है और इस बंदूक की नली से गोली छूटने की रफ्तार 710 मीटर प्रति सेकंड है | इसके अलावा इसे चलाने के लिए किसी खास ट्रेनिंग की भी ज़रूरत नही होती है, इसे कुछ समय के ही अंतर्गत चलाना सीख सकते है | इस बन्दूक से पानी के अंदर भी गोली चलाई जा सकती है | इस बन्दूक की साफ-सफाई और मेंटेनेंस भी आसानी से कर सकते है | ये सभी फीचर्स होने की वजह से अधिकतर आतंकवादी इस बंदूक का इस्तेमाल करते है |
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