देश में कुछ समय पहले ऐसे महान नागरिक थे, जिनका नाम आज भी लिया जाता है, क्योंकि ये ऐसे नागरिक थे, जिन्होंने देश के हित के लिए मुख्य रूप से कई अहम कार्य है, उन्ही सभी कार्यों को याद करते हुए देश आज भी ऐसे लोगों की सराहना करता है | इसी तरह देश के अब्दुल कलाम का भी नाम लिया जाता है, जो मुख्य रूप से भारत के एक महान वैज्ञानिक और राष्ट्रपति थे | इ

सके अलावा अब्दुल कलाम जी को भारत के मिसाइल कार्यक्रम का जनक भी कहा जाता है, इन्होंने भारत के पोखरण परमाणु परीक्षण में अपनी प्रमुख भूमिका निभाई थी, जिसकी वजह से भारत एक परमाणु संपन्न राष्ट्र बन सका | वहीं यदि आप एपीजे के विषय में नहीं जानते है और आप इसके विषय में जानना चाहते है, तो यहाँ पर आपको एपीजे का फुल फॉर्म क्या है, APJ Meaning, Full Form in hindee | इसकी पूरी जानकारी प्रदान की जा रही है |
एपीजे (APJ) का फुल फॉर्म
एपीजे का फुल फॉर्म “Avul Pakir Jainulabdeen” होता है | वहीं इसका हिंदी में उच्चारण “अवुल पकिर जैनुलाब्दीन” होता है | यानि कि, एपीजे अब्दुल कलाम जी का पूरा नाम ‘अबुल पकिर जैनुलाअबदीन अब्दुल कलाम’ था |
एपीजे का क्या मतलब है ?
अवुल पकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम, जिसे आमतौर पर डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के रूप में जाना जाता है | यह एक भारतीय वैज्ञानिक हैं | इसके अलावा अब्दुल जी को बैलिस्टिक मिसाइल और सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (एसएलवी) तकनीक के विकास के लिए भारत के मिसाइल मैन के रूप में जाना जाता है। अवुल पकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 में रामेश्वरम, तमिलनाडु, भारत में हुआ था।
एपीजे का जन्म
एपीजे अब्दुल कलाम जी का जन्म 15 अक्टूबर 1931 में भारत के तमिलनाडु राज्य में रामेश्वरम् नामक स्थान पर हुआ था | कलाम जी अपने परिवार के एक ऐसे सदस्य थे, जिन्हे बहुत स्नेह और प्यार दिया जाता था, लेकिन उनकी आर्थिक स्थिति कुछ सही नहीं थी, जिस कारण उन्हें बचपन से ही अपने परिवार की जिम्मेदारी उठानी पड़ती थी | अब्दुल जी को पढ़ने का बहुत ही अधिक शौक था, जिस कारण से वह घर में रात के समय में अपनी पढ़ाई केरोसिन तेल के दीपक जलाकर करते थे और इसके बाद कलाम जी परिवार में सहयोग करने के लिए सुबह जल्दी उठकर रेलवे स्टेशन और बस अड्डे पर जाकर समाचार पत्र खरीदकर उनका वितरण वह उसी समय घर-घर जाकर और बाजार में जाकर बेचा करते थे | इसी तरह के कार्यों को करके वो अपने प्रयास से घर में सहयोग करते थे | वहीं यह उनका आत्मनिर्भर बनने की तरफ पहला कदम था | इसके बाद वह अपने जीवन में आगे बढ़ते चले गए |
एपीजे से सम्बंधित महत्वपूर्ण जानकारी
एपीजे ने मद्रास इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी से इंजीनियरिंग की अपनी पढाई पूरी की, इसके बाद उन्हें रक्षा अनुसन्धान और विकास संगठन (डीआरडीओ) में वैज्ञानिक के पद के लिए नियुक्त कर लिया गया, जहाँ पर उन्होंने भारतीय सेना के लिए एक छोटे हेलीकाप्टर का डिजाईन बनाकर दिखाया था | कलाम पंडित जवाहर लाल नेहरु द्वारा गठित ‘इंडियन नेशनल कमेटी फॉर स्पेस रिसर्च’ के सदस्य भी थे, इसी के साथ उन्हें प्रसिद्ध अंतरिक्ष वैज्ञानिक विक्रम सारा भाई के साथ कार्य करने का अवसर प्राप्त हुआ | इसके बाद वर्ष 1969 में कलाम जी का ट्रांसफर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) में कर दिया गया, जहाँ पर उन्हें सेटेलाइट लांच व्हीकल परियोजना के निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया | इसी परियोजना के माध्यम से ही भारत का प्रथम उपग्रह ‘रोहिणी’ पृथ्वी की कक्षा में वर्ष 1980 में स्थापित किया गया | इसके बाद अब्दुल कलाम का नाम पूरे भारत में प्रसिद्ध हो गया और इनका नाम भारत के महान वैज्ञानिकों में आने लगा | अब्दुल जी को इस परियोजना के लिए ही भारत सरकार ने पोखरण परमाणु परिक्षण करने की प्रमुख जिम्मेदारी सौंपी, जिसका परिक्षण वर्ष 1998 में कलाम जी की देख-रेख में किया गया |
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