India Me Kitne High Courts hai – इंडिया में कितने हाई कोर्ट्स है

India Me Kitne High Courts hai – इंडिया में कितने हाई कोर्ट्स है भारत के सविधान में पैराग्राफ 214 के हिसाब से है राज्ये में उच्च न्यायालय बनाया गया है और किसी भी राज्ये के लेवल पर सबसे बड़ी न्यायिक शक्ति देश में हाई कोर्ट यानी उच्च न्यायालय के पास होती है हमारे भारत देश में बहुत सारे न्यायालय है किया आप सब जानते है की हमारे भारत में कितने उच्च न्यायालय हैं और कहां पर बने हैं और इनको कब इनको गया था और अगर आपको नहीं पता है

India Me Kitne High Courts hai

तो चले फिर आपको अपनी इस पोस्ट की मदद से हम आप तक इसकी सभी जानकारिया देते है हमारी इस पोस्ट में हम आपको बताने वाले है की हमारे देश भारत में सबसे बड़ा उच्च न्यायालय कब बनाया गया और कहा पर बनाया गया है

India Me Kitne High Courts hai

हमारे भारत में सब को मिलाकर 25 हिघ्कोर्ट है ये राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के स्तर पर न्यायिक प्राधिकरण के रूप में कार्यरत हैं।उच्च न्यायालय राज्यों में न्यायिक विभाग के मुख्य न्यायाधीश से नेतृत्व किए जाते हैं और वे राज्य के न्यायिक संगठन के प्रमुख होते हैं

India Me Kitne High Courts hai भारत की सभी उच्च न्यायालयों की सूची

न्यायालय का नामस्थापना  
इलाहाबाद हाई कोर्ट  17 मार्च 1836
आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट1 जनवरी 2019  
मुंबई हाई कोर्ट14 अगस्त 1862  
कोलकाता हाई कोर्ट  1 जुलाई 1862
छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट1 नवंबर 2000  
दिल्ली हाईकोर्ट31 अक्टूबर 1966  
गुवाहाटी हाई कोर्ट1 मार्च 1948  
गुजरात हाई कोर्ट  1 मई 1960
हिमाचल हाई कोर्ट25 जनवरी 1971  
जम्मू और कश्मीर हाई कोर्ट             26 मार्च 1928
झारखंड हाई कोर्ट                              15 नवंबर 2000
कर्नाटक हाईकोर्ट                            1884  
केरल हाई कोर्ट                                  1 नवंबर 1956  
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट                            2 जनवरी 1936
मद्रास हाई कोर्ट                                    15 अगस्त 1862
मणिपुर हाई कोर्ट                          25 मार्च 2013  
मेघालय हाई कोर्ट                                    23 मार्च 2013
उड़ीसा हाई कोर्ट                                    3 अप्रैल 1948  
उड़ीसा हाई कोर्ट                                   3 अप्रैल 1948
घटना हाई कोर्ट                                2 सितंबर 1916  
पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट                      15 अगस्त 1947  
राजस्थान हाई कोर्ट                             21 जून 1949
सिक्किम हाई कोर्ट                                 16 मई 1975
तेलंगाना हाई कोर्ट                                    1 जनवरी 2019
त्रिपुरा हाई कोर्ट                                           26 मार्च 2013  
उत्तराखंड हाई कोर्ट                                     9 नवंबर 2013


उच्च न्यायालय के न्यायाधीश तथा शक्तियां

आज के टाइम में उच्च न्यायालय को निम्नलिखित न्यायिक क्षेत्र और शक्तियाँ मिली हुई हैं

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  • प्रारंभिक क्षेत्राधिकार
  • न्यायादेश (रिट) क्षेत्राधिकार
  • अपीलीय क्षेत्राधिकार
  • पर्यवेक्षक क्षेत्राधिकार
  • अधीनस्थ न्यायालयों पर नियंत्रण
  • अभिलेख का न्यायालय

न्यायाधीशों की नियुक्ति

संविधान का आर्टिकल 217: यह कहता है कि उच्च न्यायालय के न्यायाधीश को राष्ट्रपति भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI), राज्य के राज्यपाल के काउन्सलिंग से की जाएगी। मुख्य न्यायाधीश के अलावा किसी अन्य न्यायाधीश की नियुक्ति के मामले में उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से काउन्सलिंग किया जाता है

India Me Kitne High Courts hai न्यायाधीशों का कार्यकाल

15 संविधान संशोधन 1963 के हिसाब से कोई भी न्यायाधीश अपनी 62 साल तक की उम्र तक काम करता रहता है और हलाकि जब भी वह अपना पद छोड़ते है तो अपना तियाग पात्र राष्ट्रपति को देते है और उसके बाद वह अपने पद को छोड़ते है

उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों का वेतन

उच्च न्यायालय के मैन न्यायाधीश को 2,80,000/- हर महीने और अन्य न्यायाधीशों को 2,50,00/- हर महीने सैलरी के रूप में दिया जाता है

हाईकोर्ट में जजों की नियुक्ति कौन करता है

भारतीय संविधान के आर्टिकल 216 के हिसाब से हाई कोर्ट का गठन किया जाता है और दूसरा भारत के संविधान के आर्टिकल 217 के अंदर चीफ जस्टिस को अपॉइंटमेंट किया जाता है और हम आपको बतादे की हाईकोर्ट के जजों को भारत के राष्ट्रप ही चुनते है

हाईकोर्ट के मामले में संविधान क्या कहता है

भारत के संविधान के आर्टिकल 214 में इस बात का समर्थन करता है कि प्रत्येक राज्य में एक उच्च न्यायालय होगा। यह आपूर्ति संयुक्त राज्य अमेरिका के निवासियों की उपयोगिता के लिए बनाई गई थी। आपको बता दें कि जहां देश में सुप्रीम कोर्ट प्रमुख है, वहीं संयुक्त राज्य अमेरिका में हाई कोर्ट राजधानी है।

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जिस तरह शिकायतकर्ता निष्पक्षता नहीं बरतने पर निचली अदालत से लेकर हाई कोर्ट तक का प्रलोभन देते हैं। इसी तरह से ,अगर कोई गणमान्य व्यक्ति उच्च न्यायालय के फैसले से नाखुश है, तो वह स्वागत मामले को उच्च न्यायालय में ले जा सकता है