देश के हर एक नागरिक का अपना एक अलग-अलग सपना होता है, क्योंकि बहुत से नागरिक ऐसे होते है, जो वकील, डॉक्टर या फिर एक अध्यापक का पद प्राप्त करना चाहते है, तो वहीं बहुत से लोग ऐसे होते है, जो एक ऑफिसर या इंजीनियर का पद प्राप्त करने की इच्छा रखते है | वहीं एक इंजीनियर का पद प्राप्त करने के लिए अभ्यर्थियों को अधिक से अधिक मेहनत करनी होती है |

एक इंजीनियर का पद प्राप्त करने के लिए अभ्यर्थियों को जेईई की परीक्षा में सफलता प्राप्त करना आवश्यक होता है, क्योंकि इस परीक्षा में सफलता प्राप्त करने वाले अभ्यर्थी ही एक इंजीनियरिंग की तैयार कर सकते है | इसलिए यदि आपको जीईई से सम्बंधित अधिक जानकारी नहीं प्राप्त है और आप इसके विषय में जानना चाहते है, तो यहाँ पर आपको JEE Full From in Hindi | जेईई का फुल फॉर्म और मतलब क्या है ? इसकी विस्तृत जानकारी प्रदान की जा रही है |
जीईई (JEE) का फुल फॉर्म
जीईई का फुल फॉर्म “Joint Entrance Examination” होता है। वहीं इसका हिंदी में उच्चारण “जॉइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन” होता है | यह प्रकार की परीक्षा होती है, जो इनजियर बनने वाले अभ्यर्थियों के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है |
जेईई का क्या मतलब है ?
JEE एक महत्वपूर्ण परीक्षा होती है | वहीं जो अभ्यर्थी एक इंजीनियर बनना चाहते है, तो वो अभ्यर्थी इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के लिए सबसे पहले किसी अच्छे कॉलेज में एडमिशन लेते है, जिसके लिए उन्हें सबसे पहले JEE एग्जाम में सफलता प्राप्त करना होता है और इसके साथ ही अभ्यर्थियों को इस एग्जाम में अच्छा Score प्राप्त करना भी आवश्यक होता है, क्योंकि इसमें आपके Score से ही यह तय किया जाता है कि, आपको कौन से कॉलेज में एडमिशन दिया जा सकता है |
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JEE के कितने भाग होते है?
JEE की मुख्य रूप से दो भाग होते है, क्योंकि इसे दो भागों में ही विभाजित किया गया है जैसे- JEE Mains और JEE Advance इसमें से JEE की परीक्षा का आयोजन साल में दो बार किया जाता है। यानी 6 महीने में एक बार इस एग्जाम का आयोजन किया जाता है | यह एक नेशनल लेवल का एग्जाम होता है |
JEE Mains के लिए पात्र अभ्यर्थी
इस परीक्षा में 12वी की कक्षा में पढ़ रहे है अभ्यर्थी जिन्होंने (फिजिक्स केमिस्ट्री और मैथ्स ) के विषयों का चुनाव किया है, वो PCM के अभ्यर्थी इस एग्जाम में बैठ सकते है। इसके अलावा जिन अभ्यर्थियों ने 12वी कक्षा में सफलता प्राप्त कर ली है वो अभ्यर्थी भी 2 साल तक इस परीक्षा में बैठ सकते है | इसका मतलब यह होता है, कि अभ्यर्थी 3 साल तक एग्जाम में बैठ सकता है , जिनका आयोजन साल में दो बार किया जाता है | इसलिए एक अभ्यर्थी इस परीक्षा में कुल 6 बार बैठ सकता है।
JEE Main एवं JEE Advance में अंतर
अप्रैल 2013 से ही जीईई की परीक्षा को दो हिस्सों में आयोजित किया जाने लगा है। एक है Main और दूसरा Advance , जिसकी वजह से अभ्यर्थी कई बार सोच में पड़ जाते हैं कि JEE Main एवं JEE Advance में क्या अंतर है। इसलिए जानिये JEE Main एवं JEE Advance में अंतर है |
JEE Main
Main के एग्जाम में Entrance Test को CBSE के द्वारा Conduct करवाया जाता है। और फिर इसमें अच्छे अंक प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों को IITs, NITs, CFTIs एवं अन्य Engineering कॉलेज में आसानी से एडमिशन प्रदान कर दिया जाता है, जो राज्य सरकार द्वारा चलाये जा रहे हैं। इनमें कुछ अच्छे निजी कॉलेज भी शामिल किये जाते हैं, जिससे अभ्यर्थियों को किसी भी प्रकार समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता है |
JEE Advance
वहीं JEE Advance का आयोजन अधिकतर आईआईटी के द्वारा किया जाता है। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान तथा सूचना प्रौद्योगिकी संस्थानों में एड्मिशन JEE Main परीक्षा को आधार मानकर किया जाता है। इसके अलावा डीम्ड विश्वविद्यालय भी एक दायरा तय करके JEE Main Exam के Result का उपयोग अपने यहाँ एड्मिशन देने के लिए कभी -कभी करते है |
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यहाँ पर हमने आपको जेईई के फुल फॉर्म के विषय में जानकारी उपलब्ध कराई है | यदि इस जानकारी से रिलेटेड आपके मन में किसी प्रकार का प्रश्न या विचार आ रहा है, अथवा इससे सम्बंधित अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो कमेंट बाक्स के माध्यम से पूँछ सकते है, हम आपके द्वारा की गयी प्रतिक्रिया और सुझावों का इंतजार कर रहे है |