हैलो दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के जरिये से Car Ka Avishkar Kisne Aur Kab Kiya Tha, Kaar आज के वक़्त में कार बहुत ही यूजफुल साधन (Resource) है| दोस्तों हम रोज़ सड़क पर अलग-अलग तरह की कारें देखते है जिसमें सफर पर जाना आरामदायक और फायदेमंद होता है| दोस्तों कार में आपको कई तरह की फैसिलिटी मिलेंगी जो की दूसरे वसीले (साधन) यानि बस, ट्रैन, मोटरबाइक में नहीं मिलेंगी | आज हम जो सड़कों पर कार देख रहे है उस कार में और जो सबसे पहले बनाई गई कार में बहुत ज्यादा फर्क है सबसे पहले जो कार बनाई गई थी.
वह भाप के इंजन से चलती थी लेकिन उसके बाद में अलग-अलग लोगों ने इसके ऊपर Experiment किया और अलग-अलग तरह के इंजन से इसे चलाने की कोशिश की तब जाकर हमें एक मॉडल कार मिली जो की पेट्रोल और डीजल से चलती और गैस से भी चलती है दोस्तों आपके पास भी कार होगी पर क्या आपने कभी ये सोचा है कि कार का आविष्कार (invention) किसने किया? तो दोस्तों आइये जानते कि Kaar Ka Avishkar Kisne Aur Kab Kiya Tha?

कार का आविष्कार किसने किया
दोस्तों कार का आविष्कार (Invention) कार्ल बेंज ने 1885 में किया था| कार्ल बेंज एक जर्मन इंजन डिज़ाइनर और ऑटोमोटिव इंजीनियर थे| कार्ल बेंज ने सबसे पहले तीन पहियों वाली कार तामीर की थी| जिस कार का नाम उन्होंने मोटर वैगन रखा था| वह गैसोलीन इंजन वाली पहली सफल कार बनाने वाले इंजीनियरों में से एक थे| उन्होंने मर्सिडीज-बेंज कंपनी की स्थापना की थी जो आज भी एक बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनी है| दोस्तों कार की History बहुत ही दिलचस्प है|
इसकी वज़ह यह है कि कार के आविष्कार का दावा वक़्त – वक़्त पर कई लोगों ने किया है| कार के आविष्कार (Invention) में कई वैज्ञानिकों के योगदान है| दोस्तों आपको बता दे आम लोगों के लिए कार खरीदना हेनरी फोर्ड ने आसान किया | उन्होंने फ़ोर्ड मोटर कम्पनी की शुरुआत की थी| फ़ोर्ड ने मिडिल क्लास (Middle class) कारे लांच (Launch) की थी| दोस्तों पेट्रोल इंजन की कार का आविष्कार (Invention) अमेरिकी चार्ल्स ढुरेया ने किया था| यह दुनिया (World) की पहली ऐसी कार थी जो पेट्रोल की मदद से चलती थी|
India (भारत) में पहली बार कार कब चली
हिन्दुस्तान (भारत) में सबसे पहली कार 1897 में कोलकाता के मिस्टर फोस्टर के मालिक क्रॉप्टन ग्रीवर ने खरीदी थी और इन्होने ही पहली कार चलाई थी| उसके बाद सन 1898 में भारत में और 4 कार खरीदी गयी थी जिसमे से एक कार टाटा कंपनी के founded by (संस्थापक) जमशेद जी टाटा ने खरीदी थी|
History of the Car:- (कार का इतिहास)
सन 1769 एक Frenchman (Nicholas-Joseph) ने Propelled वाहन (Vehicle) का आविष्कार (Invention) ईजाद किया जो कि भाप के इंजन से चलता था| 1832 से 1839 के बीच Scotland की Robert Anderson ने एक बिजली से चलने वाले वाहन (Vehicle) को ईजाद किया| लेकिन ये बहुत ही एक्सपेंसिव (Expensive) था| और दोस्तों इसे लगातार चार्ज करना पड़ता था, कार्ल बेंज ने 1885 में तीन पहियों वाली कार तामीर की | कार को ईजाद कार्ल बेंज ने 1885 में कर दिया था.
लेकिन उन्हें इस ईजाद का पेटेंट 1986 में मिला और उसके बाद वह सरकारी फॉर्म से वह कार के ईजाद करने वाले (Inventor) बन गए दोस्तों उसके बाद उन्होंने अपनी कार पब्लिक परफोरमेंन्स किया और उसके बाद अपनी कार में सुधार (तब्दीली) करते हुए 1994 में कार्ल बेंज ने चार पहियों वाली कार तामीर की. दोस्तों फिर कार्ल बेंज ने अपनी इस चार पहियों वाली कार का नाम बेंज विलो रखा जिसकी अधिकतम स्पीड 20 किलोमीटर प्रति घंटा थी और इसमें 3 हॉर्स पावर का इंजन लगाया गया था.
जब बेंज विलो को ईजाद किया तो इसे आम लोगों के सामने लाया गया था | जिससे आम लोग भी इस कार का इस्तेमाल कर सके और उन्हें भी कही आने जाने के लिए एक अच्छा Resource (साधन) अवेलेबल (Available) हो सके और इसी वजह 1894 से लेकर 1902 के बीच लगभग 1200 बेंज विलो कारों को तामीर किया गया और उसे आम लोगो के लिए भी अवेलेबल (उपलब्ध) करवाया जाने लगा.
तो दोस्तों अब आपको मालूम हो गया होगा कि कार का आविष्कार (Car Ka Avishkar Kisne Kiya) 1885 में Car Ka Avishkar कार्ल बेंज ने किया था | कार्ल बेंज एक जर्मन इंजन डिज़ाइनर और ऑटोमोटिव इंजीनियर थे | कार्ल बेंज ने सबसे पहले तीन पहियों वाली कार तामीर की थी|