हैलो दोस्तों आज मैं आपको इस आर्टिकल के जरिये से OLED Full Form In Hindi और इससे रिलेटेड सभी तरह की मालूमात (इंफॉर्मेशन) देने जा रहा हूँ. जैसा कि आप सब जानते हैं कि आजकल टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल तेजी से हो रहा है| वक़्त-वक़्त पर नई तकनीक और नई चीजों की शुरुआत के साथ, भारत सूचना प्रतियोगिता में तेजी से बदलाव देख रहा है| इसी के साथ OLED आ चुका है और कई मोबाइल कंपनियां इसका इस्तेमाल कर रही है| तो दोस्तों आज मैं आपको OLED FULL FORM IN HINDI के बारे में बताऊंगा कि OLED की मुकम्मल फुल फॉर्म क्या है. तो दोस्तों आइये आपको OLED FULL FORM IN HINDI के बारे बताता हूँ.

OLED का फुल फॉर्म
“Organic Light Emitting Diodes” OLED की फुल फॉर्म होती है जिसे हिन्दी भाषा में “कार्बनिक प्रकाश उत्सर्जक डायोड” कहते है| आजकल मोबाइल टीवी और अन्य इलेक्ट्रॉनिक चीजों में OLED का ज्यादा इस्तेमाल हो रहा है इसकी पिक्चर क्वालिटी LED के मुकाबले काफी अच्छी होती है इसलिए आज के समय में कई कंपनियां इस तकनीक का ज्यादा इस्तेमाल कर रही है| इसे टीवी में इस्तेमाल करने से टीवी में कलर की क्वालिटी काफी अच्छी हो जाती है। यह यूजर को बहुत अच्छा अनुभव देता है, इस तकनीक में एक कैथोड कैथोड और एक एनोड एनोड का इस्तेमाल किया जाता है|
OLED क्या है?
आपको बता दें कि यह एक तरह की डिस्प्ले टेक्नोलॉजी है| यह LED का एक बेहतर रूप है जो तस्वीर की गुणवत्ता में काफी सुधार करता है| OLED डिस्प्ले बहुत पतला होता है| जिससे इमेज क्वालिटी काफी अच्छी दिखाई देती है| जैविक फिल्म की इस श्रृंखला में जैविक फिल्म को एक साथ रखा गया है| इसके साथ ही दो कनेक्टर्स को सीरीज में लगाया जाता है। जब कनेक्टर्स के बीच करंट पास किया जाता है तो लाइट एमिट होती है जिससे आपकी पिक्चर क्वालिटी बहुत अच्छी हो जाती है। यह एलईडी की तुलना में कहीं अधिक कुशल है|
OLED कैसे काम करता है:-? (How does OLED work)
OLED एक फ्लैट लाइट तकनीक है जिसमें दो कनेक्टरों के बीच कार्बनिक पतली फिल्मों की एक श्रृंखला रखी जाती है| आजकल OLED का इस्तेमाल डिस्प्ले और लाइट के निर्माण में किया जाता है, जिसमें एक कैथोड और एक एनोड का इस्तेमाल किया जाता है|
OLED का इतिहास:- (History of OLED)
आपको बता दें कि OLED का अविष्कार 1987 में हुआ था। इसे पहली बार चिंग डब्ल्यू जरिये ईस्टमैन कोडक में इस्तेमाल किया गया था | तांग और स्टीवन वैन स्लीके | तब से अब तक इसमें कई बदलाव किये जा चुके हैं जिससे इसकी क्वालिटी बहुत अच्छी हो गयी है जिससे हम बहुत ही कम ऊर्जा का इस्तेमाल करके अच्छी पिक्चर क्वालिटी का मजा ले सकते है|
OLED का बुनियादी ढांचा:- (Basic Infrastructure of OLED)
इसमें उत्सर्जक परतों के बीच एक उत्सर्जक परत होती है| इसमें एक कैथोड और एक एनोड का इस्तेमाल किया गया है| इसमें ऑर्गेनिक मॉलिक्यूल्स का इस्तेमाल किया गया है| यह इलेक्ट्रॉनों और छिद्रों को बढ़ाता है। एक विशिष्ट ओएलईडी छह परतों का इस्तेमाल करता है| उत्पादक वर्ग की परत उसके ऊपर और नीचे की परत में रखी जाती है| शीर्ष परत को सील कहा जाता है| और नीचे की परत को पदार्थ पदार्थ कहते है|
OLED पैनल कैसे बनाया जाता है:-? (How is an OLED Panel Made)
OLED पैनल सब्सट्रेट, बैकप्लेन, फ्रंटप्लेन सब्सट्रेट, बैकप्लेन, फ्रंटप्लेन और एक एनकैप्सुलेशन लेयर एनकैप्सुलेशन लेयर का उपयोग करता है| यह बहुत रोमांचक है| इसके साथ ही एनकैप्सुलेशन लेयर एनकैप्सुलेशन लेयर भी बहुत उत्तेजक होती है, इसमें फ्रंटप्लेन डिपोजिशन बहुत ही अनोखा है, इसके साथ पैटर्न बनाने के लिए शैडो मास्क का इस्तेमाल किया जाता है| यहाँ पर एक इंकजेट प्रिंटर का इस्तेमाल किया जाता है| इसका इस्तेमाल OLED को असेंबल करने के लिए किया जाता है|
OLED के प्रकार:- (Types of OLED)
1:-TRADITIONAL OLED
2:- LIGHT EMITTING POLYMERS
1.ट्रेडिशनल OLED:- ट्रेडिशनल ओएलईडी में छोटे कार्बनिक अणुओं का इस्तेमाल किया जाता है| इन्हें ग्लास के ऊपर लाइटलाइट करने के लिए शामिल किया जाता है|
2. प्रकाश उत्सर्जक बहुलक:- इसमें प्लास्टिक के बड़े अणुओं का इस्तेमाल किया जाता है, जिन्हें बहुलक बहुलक कहते हैं| इस तरह के ओएलईडी को लाइट एमिटिंग पॉलिमर के रूप में जाना जाता है| ये प्लास्टिक पर छपे होते है, तो पतले और लचीले होते है|
- Passive-matrix OLED.
- Active-matrix OLED.
- Transparent OLED.
- Top-emitting OLED.
- Foldable OLED.
- White OLED.
OLED के लाभ:- (BENEFITS OF OLED)
यह बहुत पतला होता है, यह हल्का और सुविधाजनक है| इन्हें आसानी से उठाया जा सकता है। वे उज्जवल हैं, इसलिए उन्हें बैकलाइट की जरुरत नहीं है, यह LCD की तुलना में बहुत कम ऊर्जा का इस्तेमाल करता है| राज्य में आने के लिए किसी वार्म-अप समय की ज़रूरत नहीं हैं|
OLED से नुकसान:- (Loss from OLED)
इसके जैविक अणु जल्दी खराब होने लगते हैं, यह पानी और नमी के प्रति बहुत संवेदनशील है| ऐसा होम टीवी सेट में नहीं होता है लेकिन पोर्टेबल डिवाइस में ऐसा ज्यादा होता है|
सुविधाओं का ओएलईडी:- (OLED OF FEATURES)
OLED पतला और हल्का होता है क्योंकि इसमें बैकलाइट की आवश्यकता नहीं होती है, यह हल्के और पतले की कई परतों से बना होता है, इसलिए यह हल्का और बहुत लचीला होता है। यह आसानी से लचीला और रोल करने योग्य है, भविष्य में इसकी मदद से फोल्डेबल गैजेट बनाया जा सकता है, OLED तकनीक बहुत कम बिजली की खपत करती है। इसलिए पोर्टेबल डिवाइस, टीवी और इससे बने मोबाइल की बैटरी लाइफ और बिजली की खपत बहुत कम होती है,
इस बिल्ट-इन गैजेट में शानदार रंग, अनंत कंट्रास्ट, तेज प्रतिक्रिया दर और व्यापक देखने के कोण के साथ शानदार तस्वीर की गुणवत्ता है, और इसे बनाने में बहुत कम लागत आती है। OLED तकनीक पर आधारित पोर्टेबल डिवाइस तुरंत शुरू हो जाते हैं| OLED (ऑर्गेनिक लाइट एमिटिंग डायोड) एक अगली पीढ़ी का डिस्प्ले है जो पतला, हल्का, कम बिजली की खपत वाला है| और इसमें उत्कृष्ट कंट्रास्ट और जवाबदेही है। निम्नलिखित अन्य डिस्प्ले की तुलना में ओएलईडी की सामान्य विशेषताओं और उनके फायदे और नुकसान का विस्तृत विवरण है.
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