हैलो दोस्तों आज मैं आपको इस आर्टिकल के जरिये से NPA Full Form In Hindi के बारे में Information (मालूमात) देने जा रहा हूँ | तो दोस्तों जैसा की आप सब ये जानते ही होंगे की हमारे इस हिन्दुस्तान में बहुत से Businessman रहते है जो अपने कारोबार (बिज़नेस) को बढ़ाने के लिए हर वक़्त मेहनत कर रहा है| लेकिन कई बार Businessman को पैसे की ज़रूरत होती है, ऐसे में कोई भी Businessman बैंक से लोन लेने की कोशिश करता है और न सिर्फ Businessman बल्कि कई मर्तबा अनेक लोगों को अपनी कुछ Wishes जरूरतों को पूरा करने के लिए बैंक से लोन लेना पढ़ता है.
जब बैंक लोन देता है तो हमारा यह फर्ज होता है की हम इस लोन की किस्तें वक़्त पर अदा करे लेकिन वाजे वक़्त हर शख़्स किसी न किसी वज़ह से बैंक की किस्तें अदा नहीं कर पाता और जब लोग बैंक के लोन की किस्ते बैंक को अदा नहीं करते है तो ऐसी हालत में बैंक को NPA करार दिया जाता है| तो दोस्तों अब आप सोच रहें होंगे की NPA क्या होता है तो आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है|
क्योकि आज हम आपको इस मजमून के जरिये NPA के बारे में बहुत सी बाते बताने जा रहे है| तो दोस्तों अगर आप भी इससे मुतालिक मालूमात हासिल करना चाहते है तो इसके लिए आप सब को इस मजमून को आखिर तक पढ़ना होगा क्योंकि इस मजमून को पढ़ने के बाद ही आप NPA से मुतालिक मालूमात हासिल कर सकेंगे और जान सकेंगे कि NPA क्या है और इसकी मुकम्मल फुल फॉर्म क्या है| इसलिए मेहरबानी करके इस आर्टिकल को आखिर तक पढ़े .

NPA FULL FORM ENGLISH AUR HINDI:- (एनपीए फुल फॉर्म अंग्रेजी और हिन्दी)
Non Performing Assets (नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स) NPA की फुल फॉर्म होती है जिसे हिन्दी भाषा (Language) में गैर निष्पादित संपत्ति के नाम से जाना जाता है| NPA भारतीय बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों के जरिये दिए गए वे ऋण हैं, जिनके ब्याज तथा मूलधन लंबे समय से देय हैं| यह टाइम 90 दिन या 90 दिनों से अधिक का होता है|
एनपीए क्या होता है:- (What is NPA)
तो दोस्तों आप सभी को यह बता दे की गैर निष्पादित संपत्ति एक ऐसी स्थिति होती है जब अगर बैंक किसी को भी लोन देता है और कोई व्यक्ति या फिर बहुत से व्यक्ति बैंक की क़िस्त को समय से नहीं चुका पाते है तो ऐसे में बैंक के पैसे फस चुके होते है और इस स्थिति में बैंक को NPA यानि के Non Performing Assets घोषित कर दिया जाता है| जिसकी वजह से बैंकों को नुकसान उठाना पड़ता है| अगर आप सभी को भारतीय रिज़र्व बैंक के अनुसार बताये तो NPA वो होता है जब किसी की कोई संपत्ति यानि के Assets कोई भी आय देना बंद कर देते है यानि के उस सम्पति से उनको कोई भी लाभ प्राप्त नहीं होता है तो ऐसी स्थिति को Non Performing Assets के नाम से जाना जाता है|
NPA के कितने प्रकार होते है:- (How many types of NPA are there)
NPA तीन प्रकार के होते हैं
1:- Sub Standard Assets:- ( सबस्टैंडर्ड असेट्स)
2:- Doubtful Assets:- (डाउटफुल असेट्स)
3:- Lossful Assets:- (लॉसफ़ुल असेट्स)
1. Sub Standard Assets (सबस्टैंडर्ड असेट्स):- इस स्थिति में ऐसा होता है की जब भी कोई खाता या फिर लोन एक साल के लिए लिए या फिर उससे कम समय की अवधी के लिए NPA की स्थिति में रहता है तो ऐसे में उस खाते को Sub Standard Assets (सबस्टैंडर्ड असेट्स) कहा जाता है.
2:- Doubtful Assets (डाउटफुल असेट्स):- इस स्थिति में यह होता है की अगर कोई खाता एक साल से कुछ अधिक टाइम के लिए NPA में रहता है तो ऐसे में उस खाते को Doubtful Assets (डाउटफुल असेट्स) के नाम से जाना जाता है.
3:- Lossful Assets:- लॉसफ़ुल असेट्स एक ऐसी स्थिति होती है जिसमे जब किसी लोन के खाते से किस्तों की वसूली की उम्मीद न हो तो ऐसे में उस खाते को Lossful Assets (लॉसफ़ुल असेट्स) कहा जाता है.
आपको हमारे जरिये से बताई गई जानकारी कैसी लगी, आप हमे कमेंट करके बता सकते है| और अपने दोस्तों से शेयर भी कर सकते है|