एजीआर एक प्रकार की संस्था है, क्योंकि एजीआर (AGR) एक ऐसी संस्था है, जो टेलीकॉम कंपनियों से सम्बंधित काम करती है | एजीआर संस्था इन कंपनियों से यूजेज और लाइसेंसिंग फीस जमा कराने का काम बहुत ही सरलता पूर्वक करती है| इसके अलावा भारत देश में आज भी कई टेलीकॉम कंपनियां ऐसी हैं, जो देश में लम्बे समय से दूरसंचार की सुविधा प्रदान करती चली आ रही है | ये वो कंम्पनियां हैं, जिन्हे देश में जारी रखने के लिए इनसे एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) संचार मंत्रालय के दूरसंचार विभाग (DoT) द्वारा टेलीकॉम कंपनियों से लिया जाने वाला यूजेज और लाइसेंसिग फीस प्रदान कराई जाती है। यदि आप भी AGR के विषय में जानना चाहते हैं, तो यहाँ पर आपको AGR Full Form in Hindi, एजीआर का मतलब क्या होता है? इसकी विस्तृत जानकारी प्रदान की जा रही है |

AGR का फुल फॉर्म क्या होता है
एजीआर (AGR) का फुल फॉर्म “Adjusted Gross Revenue” होता है और इसका हिंदी में मतलब ‘एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR)’ होता है, जिसे हिंदी भाषा में “समायोजित सकल राजस्व” कहा जाता है | इसके दो भाग करके अलग-अलग रखा गया है – पहला स्पेक्ट्रम यूजेज चार्ज और दूसरा लाइसेंसिंग फीस, ये क्रमश: 3-5 प्रतिशत और 8 प्रतिशत तक ही रहता है।
एजीआर से सम्बंधित महत्वपूर्ण जानकारी
- 1999 की नई दूरसंचार नीति के तहत एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) की अवधारणा का पूर्ण रूप से विकास हुआ था |
- नीति के मुताबिक, जो कपंनियों को लाइसेंस फीस और आवंटित स्पेक्ट्रम के उपयोग किये जाने की फीस का भुगतान करना होता है | वह भुगतान ‘राजस्व अंश’ के रूप में किया जाता है ।
- अलावा राजस्व अंश की गणना में प्रयोग की जाने वाली राजस्व की मात्रा को प्रमुख रूप से समायोजित सकल राजस्व (Adjusted Gross Revenue-AGR) कहा जाता हैं।
- दूरसंचार कंपनियों के अनुसार, AGR की गणना प्रमुख रूप से दूरसंचार सेवाओं से प्राप्त की जाने वाली आय पर ही करना आवश्यक होता है |
- टेलीकॉम कंपनियों से सम्बंधित ही काम आयोजन कक्रके काम करती है |
एजीआर संस्था पर चर्चा क्यों
एजीआर संस्था के चर्चा में आने पर दूरसंचार विभाग द्वारा कहा गया कि,“AGR की गणना किसी टेलीकॉम कंपनी को होने वाली संपूर्ण आय या रेवेन्यू के आधार पर की जाएगी, जिसके अंतर्गत डिपॉजिट इंट्रेस्ट और एसेट बिक्री जैसे गैर टेलीकॉम स्रोत से हुई आय भी सम्मिलित हो, इसी वजह से टेलीकॉम कंपनियों का कहना था कि एजीआर (AGR) की गणना केवल टेलीकॉम सेवाओं से होने वाली आय के आधार पर किया जाना चाहिए।”
इससे पहले सेल्युलर ऑपरेटर एसोसिएशन ऑफ इंडिया (COAI) ने एजीआर (AGR) की गणना की जाने वाली सरकारी परिभाषा को साल 2005 में चुनौती देने का काम कर डाला था, लेकिन तब दूरसंचार विवाद समाधान और अपील न्यायाधिकरण (TDSAT) ने सरकार द्वारा बनाये गए नियम को वैध मान लिया और कंपनियों की आय में सभी तरह की प्राप्तियों को शामिल कर दिया |
यहाँ पर हमने आपको एजीआर (AGR) के विषय में सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध कराई है | यदि इस जानकारी से रिलेटेड आपके मन में किसी प्रकार का प्रश्न या विचार आ रहा है, अथवा इससे सम्बंधित अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो कमेंट बाक्स के माध्यम से पूँछ सकते है, हम आपके द्वारा की गयी प्रतिक्रिया और सुझावों का इंतजार कर रहे है |