
Chand Dharti Se Kitna Dur Hai दोस्तों चांद तो हर व्यक्ति ने देखा होगा, इसे शुद्ध हिंदी में Moon (चंद्रमा) भी कहा जाता है यह पृथ्वी का प्राकृतिक उपग्रह है रात में जब यह चमकता है तो इससे निकलने वाली रोशनी अंधेरे को चीरकर धरती पर रोशनी फैलाती है यह देखने में बेहद खूबसूरत है और पूरे महीने के अलग-अलग आकार हमें देखने को मिलते हैं| दोस्तों क्या आप में से कोई ये जानता है कि चंद्रमा और पृथ्वी के बीच कितनी दूरी है| अगर आप इसके बारे में नहीं जानते तो क्या आप जानते हैं कि चंद्रमा पृथ्वी से कितनी दूरी पर है| अगर इस बारे में नहीं जानते तो परेशान होने की जरूरत है। क्योंकि आज के हमारे आर्टिकल के जरिए आप जानेंगे कि चंद्रमा पृथ्वी से कितनी दूरी पर है| Chand Dharti Se Kitna Dur Hai और इस विषय से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारी आपको आज के आर्टिकल से मिलेगी| इन सभी जानकारियों को जानने के लिए आर्टिकल को आखिर गौर से पढ़े.

चाँद: धरती से चाँद के पास का सफर (Chand Dharti Se Kitna Dur Hai)
Chand Dharti Se Kitna Dur Hai चंद्रमा की पृथ्वी से दूरी को “लुनर डिस्टेंस” (Lunar Distance)) कहा जाता है। हालाँकि, इसकी सटीक दूरी का पता लगाना असंभव है लेकिन अंतरिक्ष वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं के अनुसार चंद्रमा की पृथ्वी से दूरी लगभग 384,399 किलोमीटर (238,854 मील) है। यह 1 सेमी मेजर एक्सिस वैल्यू है| इसके अतिरिक्त, चांद से धरती की समय औसत दूरी 385,000.6 किलोमीटर (229,228.3 मील) है।जब चांद धरती की परिक्रमा करता है, तो यह दूरी बदलती रहती है:इसमें 50,200 किलोमीटर (31,200 मील) का अंतर रहता है: जब चंद्रमा धरती से सबसे निकटतम होता है, तो यह दूरी 356,500 किलोमीटर (221,500 मील) होती है, और सबसे दूर तम होने पर यह अंतराल 406,700 किलोमीटर (252,700 मील) का होता है।
चाँद से धरती से दूरी | 384803 किमी |
प्रक्रमण समय | 27.321661 दिन |
औसत परिक्रमण गति | 1.022 किमी सेकंड |
झुकाव | 5.145 क्रांतिवृत्त से भूमध्य रेखा से 18.29 वे 28.58 के बीच |
PLANETS NAME IN HINDI AND ENGLISH
चंद्रमा तक पहुंचने में कितना समय लगता है
वैसे देखा जाए तो मनुष्य द्वारा चंद्रमा पर जाने का इतिहास वर्षों पुराना हो गया है लेकिन आज भी चांद के बारे में हर कोई जानना चाहता है और कई लोग तो इस पर घर बसाने के सपने भी देखते हैं और आपको बता दें कि अब तो चांद पर प्लॉट भी बिकने लगे हैं भारत के जाने-माने दिवंगत कलाकार सुशांत सिंह राजपूत ने भी चंद्रमा पर प्लॉट खरीदा था| यदि हम बात करें कि चांद पर पहुंचने में समय कितना लगता है तो यह इस बात पर निर्भर करता है कि चंद्रमा धरती के ऑर्बिट में किस जगह पर है| जिस अंतरिक्ष यान में हम सफर कर रहे हैं उसकी गति क्या है चंद्रमा पर धरती से भेजे गए विमान आईएस ए स्मार्ट वन को चांद पर पहुंचने में 1 साल 1 महीना और 2 सप्ताह का समय लगा था| जबकि आपको बता दें कि चंद्रमा पर अब तक सबसे तेज गति से जाने वाले विमान न्यू हॉरिजॉन्स इस दूरी को तय करने में करीब 8 घंटे में 35 मिनट का समय लगा था ऐसा भी हो सकता है कि जब चंद्रमा पर मनुष्य बसने लगे तो यह समय अंतराल और कम हो जाए.
चन्द्रमा पर कौन कौन गया है
- नील आर्मस्ट्रांग – अपोलो 11 मिशन के कमांडर थे, जिन्होंने 1969 में पहली बार चंद्रमा पर कदम रखा था।
- बजुआ एलड्रिन – अपोलो 11 मिशन के एक अंतरिक्ष यात्री थे, जो नील आर्मस्ट्रांग के साथ चंद्रमा पर गए थे।
- पीट कॉनराड – अपोलो 12 मिशन के कमांडर थे, जो 1969 में चंद्रमा पर पहुंचे थे।
- एलन बीन – अपोलो 12 मिशन के अंतरिक्ष यात्री थे, जो पीट कॉनराड के साथ चंद्रमा पर गए थे।
- एलन शेपर्ड – अपोलो 14 मिशन के कमांडर थे, जिन्होंने 1971 में चंद्रमा पर जाने का सफ़ल प्रयास किया था।
- एडगर मिशेल – अपोलो 14 मिशन के अंतरिक्ष यात्री थे, जो एलन शेपर्ड के साथ चंद्रमा पर गए थे।
- डेविड स्कॉट – अपोलो 15 मिशन के कमांडर थे, जिन्होंने 1971 में चंद्रमा पर जाने का सफ़ल प्रयास किया था।
- जेम्स इरविन – अपोलो 15 मिशन के अंतरिक्ष यात्री थे, जो डेविड स्कॉट के साथ चंद्रमा पर गए थे।
- जॉन यंग – अपोलो 16 मिशन के कमांडर थे, जिन्होंने 1972 में चंद्रमा पर जाने का सफ़ल प्रयास किया था।
- चार्ल्स ड्यूक – अपोलो 16 मिशन के अंतरिक्ष यात्री थे, जो जॉन यंग के साथ चंद्रमा पर गए थे।
- यूजीन सेरनन – अपोलो 17 मिशन के कमांडर थे, जिन्होंने 1972 में चंद्रमा पर जाने का सफ़ल प्रयास किया था।
- हैरिसन श्मिट – अपोलो 17 मिशन के अंतरिक्ष यात्री थे, जो यूजीन सेरनन के साथ चंद्रमा पर गए थे।
चांद के बारे में कुछ जरूरी बातें
- पूर्णिमा के दिन चंद्रमा की रोशनी दिनों की तुलना में 9 गुना अधिक होती है
- चंद्रमा का वजन लगभग 81 अरब टन है
- ऐसा कहा जाता है कि जिस तरफ चंद्रमा की रोशनी होती है उस तरफ चंद्रमा का तापमान लगभग 180 डिग्री तक पहुंच जाता है।
- पृथ्वी से चंद्रमा का केवल 59% भाग ही दिखाई देता है
- क्षेत्रफल के हिसाब से चंद्रमा का क्षेत्रफल इतना बड़ा है कि यह दक्षिण अफ्रीका का क्षेत्रफल है
- चंद्रमा को पृथ्वी तक पहुंचने में लगभग 1 माह का समय लगता है
- हर कोई सोचता है कि चंद्रमा का आकार गोल है लेकिन चंद्रमा गोल नहीं है
- चंद्र ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच से गुजरता है, इसे चंद्र ग्रहण कहा जाता है
- हमारे सौर मंडल में लगभग 181 अन्य उपग्रह शामिल हैं जिनमें चंद्रमा पांचवें स्थान पर आता है
- पृथ्वी से चंद्रमा तक जाने में लगभग 3 दिन का समय लगता है
- चंद्रमा पृथ्वी के चारों ओर घूमता है जिसके कारण पृथ्वी पर दिन का उपवास होता है
- चंद्रमा पर चलने वाले पहले व्यक्ति का नाम नील आर्मस्ट्रांग था
- आज तक केवल 12 लोग ही चाँद पर गए हैं
- चंद्रमा की तुलना में सूर्य चंद्रमा से लगभग 400 गुना बड़ा है
Chand Dharti Se Kitna Dur Hai RELATED FAQS
Question. चंद्रमा पृथ्वी के चक्कर क्यों लगाता है?
Answers. चंद्रमा पृथ्वी के चक्कर इसलिए लगाता है क्योंकि चंद्रमा और पृथ्वी के बीच की दूरी निश्चित नहीं है|
Question. धरती का एक पूरा चक्कर लगाने में चंद्रमा को कितना समय लगता है?
Answers. धरती का पूरा एक चक्कर लगाने में चंद्रमा को लगभग 27.3 दिन (एक महीना) का समय लगता है।
Question. चंद्रग्रहण क्या है और यह क्यों लगता है?
Answers. जैसे कि आप जानते ही होंगे कि धरती चंद्रमा वे सूर्य लगातार अपने अक्ष पर चक्कर लगाते रहते हैं लगातार घूमने की इस प्रक्रिया में जब सूर्य और चंद्रमा के बीच में पृथ्वी आ जाती है| तो सूर्य की रोशनी पृथ्वी चंद्रमा तक जाने से रोक देता है यही खगोलीय घटनाक्रम चंद्रग्रहण कहलाता है|
Question. क्या चंद्रमा पर पानी है चांद पर पानी की खोज किसने की?
Answers. जी हां आपको बता दें कि चंद्रमा पर पानी पाया गया है और इसकी खोज हाल ही में भारत द्वारा की गई थी|
Question. धरती से चांद पर पहुंचने में कितना समय लगता है?
Answers. धरती से चांद पर पहुंचने में एक अंतरिक्ष यातायात मिशन को करीब 3 दिन लगते हैं।