DRS FULL FORM IN HINDI | डीआरएस फुल फॉर्म हिंदी में

हैलो दोस्तों जैसा की आप सब जानते है की क्रिकेट बहुत फेवरेट (पसंदीदा) खेल हैं| बहुत से लोग इस गेम को खेलना पसंद करते हैं जिसमें आप को भी क्रिकेट खेल (गेम) में दिलचस्पी होगी | आप सभी यह भी जानते ही होंगे कि हर खेल के अपने तरीके होते हैं| तो दोस्तों आपको यह भी बता दें कि क्रिकेट में नये नियम बनाये जाते हैं| क्रिकेट में बहुत सी चीजों का इस्तेमाल किया जाता है जैसे:- कि विकेट, एलबीडब्ल्यू, डीआरएस इत्यादि | तो दोस्तों मैं सिर्फ डीआरएस की बात कर रही हूँ. आप सभी जानते ही होंगे कि DRS क्या है? अगर आपको मालूम नहीं की DRS FULL FORM IN HINDI और DRS का फुल फॉर्म क्या होता है? तो दोस्तों आपको परेशान होनी की कोई ज़रूरत नहीं हैं|

क्योंकि आज मैं आपको इस आर्टिकल के ज़रिये से डीआरएस के बारे में मालूमात (इंफॉर्मेशन) देने जा रही हूँ. की डीआरएस क्या होता हैं? और इसकी फुल फॉर्म क्या होती हैं और इसका इस्तेमाल (यूज़) कब किया जाता है| तो दोस्तों अगर आप सब इस बारे में कुछ और मालूमात (इंफॉर्मेशन) हासिल करना चाहते हैं तो इसके लिए आप सब को DRS FULL FORM IN HINDI इस आर्टिकल को आखिर तक गौर से पढ़ना होगा क्योंकि इसे पढ़ने के बाद ही आप इससे मुतालिक इंफॉर्मेशन हासिल कर सकेंगे, तो प्लीज़ इस आर्टिकल को आख़िर तक पूरा पढ़े.

DRS Full Form:- डीआरएस फुल फॉर्म

“Decision Review System” DRS की फुल फॉर्म होती है जिसे हिन्दी भाषा में “डिसीजन रिव्यू सिस्टम” कहते हैं| जो 22 गज की पिच पर खेले जाने वाले क्रिकेट के खेल में एक टेक्नोलॉजी मदद है| निर्णय समीक्षा प्रणाली का इस्तेमाल ने क्रिकेट फैंस और ऑडियंस को क्रिकेट के खेल में शामिल तकनीकीताओं को समझने की अनुमति दी है. निर्णय समीक्षा प्रणाली ने पिछले एक दशक में मैच के परिणामों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है| Decision Review System के नियम हमेशा विवादास्पद और विवादास्पद रहे हैं, जो क्रिकेट के सभी रूपों में इसकी वैधता पर सवाल उठाते हैं.

डीआरएस क्या होता है?:- DRS kya hota hai

तो दोस्तों जैसा कि मैंने आपको ऊपर बताया है की DRS का फुल फॉर्म डिसीजन रिव्यू सिस्टम होता है। इसका मतलब हिन्दी में निर्णय समीक्षा प्रणाली है| इसका इस्तेमाल क्रिकेट में तब किया जाता है जब एक टीम को लगता है कि अंपायर के ज़रिये गलत फ़ैसला (डिसीजन) लिया गया है जिस समय टीम डीआरएस की अपील करती है| डीआरएस लेने की अपील टीम के कप्तान ही करते हैं|  डीआरएस की अपील करते हुए टीम के कप्तान को अपने हाथों से टी बनाना होता है| डीआरएस लेने या न लेने का फैसला टीम के कप्तान को 10 सेकंड के अंदर ही लेना होता है| दोनों टीमें डीआरएस लेने की हकदार हैं|

जब किसी टीम के ज़रिये DRS लिया जाता है, उसके बाद तीसरा अंपायर सिचुएशन को दोबारा देखने और ध्यान से समझने के बाद यह तय करता है कि कोई खिलाड़ी आउट है या नहीं| अगर अंपायर का फैसला गलत होता है तो अंपायर थर्ड अंपायर के हिसाब से अपना फैसला बदल देता है और अगर अंपायर का फैसला भी सही होता है तो वह टीम उस मैच के दौरान दोबारा DRS का इस्तेमाल नहीं कर सकती है. इसका इस्तेमाल ज़्यादातर तब किया जाता है जब कोई खिलाड़ी पगबाधा आउट हो जाता है और उसका डिसीजन जानने के लिए DRS भी लिया जाता है| प्रत्येक टीम पारी में 2-2 DRS की हकदार है.

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डीआरएस का इस्तेमाल:- Use of DRS

तो दोस्तों अब मैं आपको बताने जा रही हूँ कि टीम डीआरएस का इस्तेमाल कितनी बार और कैसे कर सकती है| तो दोस्तों एक टीम को DRS लेने का पूरा अधिकार होता है इसलिए BCCI ने यह नियम बनाया है कि हर टीम को पारी के दौरान 2 बार DRS लेने का अधिकार है| अगर किसी टीम ने DRS लिया है और अंपायर का फ़ैसला गलत है और DRS का डिसीजन सही है, तो टीम को 2 बार और DRS लेने की इजाज़त है और यदि अंपायर का फ़ैसला सही है और टीम का डिसीजन गलत है, तो दोस्तों उस टीम के 2  दो डीआरएस में एक कम हो जाता है.

तो दोस्तों आपको हमारे जरिये से बताई गई DRS जानकारी कैसी लगी, आप हमे कमेंट करके बता सकते है| और अपने दोस्तों से शेयर भी कर सकते है|