Pashu Bima Yojna Kiya Hai – पशु बिमा योजना क्या है केंद्र सरकार ने पशु बिमा योजना लागु की है इस योजना में देश के बस कुछ ही चुनिंदा जिलों को ही शामिल किया गया है और ये योजना बस देश के ३०० जिलों में रहने वाले पशु पलने वालो को ही इस योजना का फायदा मिल सकता है योजना निकलने का मैन मकसद ये है की इस योजना किसी वजह से पशुओ की मोत हो जाने पर पशु पलने वालो को इसके नुकसान से बचाया जा सके

और साथ ही लोगो को पशुधन बिमा से मिलने वाले फायदों के वारेमे बताने और पशुधन के सामान की क्वालिटी और विकास लक्ष्य के साथ पसंदीदा बनाने के लिए की गई है और अगर आप भी पशु पालते है और आपको भी अपने पाछूओ का बिमा करवाना है आप भी बिमा करवाना चाहते हो तो आज हम आपको यहाँ पर पशु बिमा योजना के वारे में पूरी जानकारी देने वाले है हमारी इस पोस्ट में आपक्को सभी जानकारी मिल जायँगी बस आपको हमारी इस पोस्ट को लास्ट तक बहुत धयान से पढ़ना है
Pashu Bima Yojna Kiya Hai (Animal Insurance)
इस पशु बिमा योजना का जो मसकद है वो ये है की जो लोग पशु पालते है और पशु पाल कर अपनी ज़िन्दगी गुज़रते है उनको नुकसान से निकलने में मदद करना पशुओ के साथ किसी भी तरह की अनहोनी होना या किसी भी कुदरती बीमारी या फिर किसी भी दुर्घटना में पशुओ की मोत हो जाना किसी भी पशु पलने वाले का बहुत नुकसान हो जाता है इसी को धयान में रखते हुवे ये योजना निकली गई है
इस योजना में देशी/संकर दुध देने वाले पशुओ को रखा गया है इन पशुओ का बिमा उनकी बाज़ारू कीमत के ऊपर किया जाता है इस बीमे में बीमे की ५०% ही एक्सेप्टेड की जाती है पूरी लागत केंद्र सरकार से ही वहन होती है | योजना अनुदान का फायदा बस दो पशु हर लाभार्थी को तीन साल की एक पॉलिसी के साथ ही मिलेगा
पशु बीमा योजना में सम्बंधित पशु तथा लाभार्थियों का चयन
- योजना में देशी / संकर दुधारू मवेशी और भैंस जैसे पशुओ को रखा गया है इसके अतिरिक्त भैंस दूध देने वाले और बिना दूध देने वाले पशु के अलावा गर्भवती मवेशी जो कि बछड़े को जन्म दे चुके हो को शामिल किया गया है |
- वह पशु जो सरकार द्वारा लागू किसी और योजना के पहले से लाभार्थी है , वह इस योजना के लाभ से वंचित रहेंगे |
- योजना का लाभ केवल दो पशु रखने वाले पशुपालको के लिए ही है तथा एक पशु का बीमा अधिकतम 3 वर्ष तक का हो सकता है |
- सूखे तथा बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं के हो जाने पर किसानो को तीन वर्ष की पॉलिसी लेने के लिए प्रोत्साहित किया जायेगा | जिससे वे बीमें का वास्तविक लाभ प्राप्त कर सके इसके अतिरिक्त यदि कोई किसान तीन वर्ष से कम अवधि वाली पॉलिसी लेना चाहेगा तो वह भी ले सकता है तथा अगले वर्ष बीमा कराने पर बीमा क़िस्त में अनुदान भी उपलब्ध होगा |
- पशु का बीमा उसके बाजार में होने वाले अधिकतम मूल्य पर आधारित होगा | जो कि लाभार्थी , अधिकृत पशु चिकित्सक एवं बीमा एजेंट द्वारा सम्मिलित की जाएगी |
- योजना के अधीन आने वाले मवेशियों की मृत्यु हो जाने पर पशु स्वामी को योजना की रकम बीमा कंपनी द्वारा प्रदान की जाएगी |
- योजना के अंतर्गत मुआवजे की रकम को पशु की मृत्यु के 15 दिनो के मध्य पशुपालक को दे दी जायेगी|
- इस योजना से पशु की मृत्यु हो जाने पर पशुपालक को अधिक हानि नहीं उठानी पड़ेगी|
- मुआवजे का भुगतान पशु की वर्तमान बाजार मूल्य पर किया जायेगा|
बीमाकृत पशु की पहचान (Identification of the Insured Animal)
वह पशु जिनका योजना के तहत बीमा किया गया है उन्हें एक अलग पहचान दी जाती है ताकि बीमा – राशि का दावा करते टाइम उनकी आसानी से पहचान की जा सके| इस पहचान के लिए पशुओ के कान में अनोखे तरीके से अंकन किया जाता है जिसे हर तरह से सुरक्षित रखा जाना चाहिए| पॉलिसी लेते टाइम कान में किये जाने वाले अंकन या हाल में माइक्रोचिप लगाया जाता है|
इस पहचान चिह्न को लगाने का खर्च बीमा कंपनी से किया जाता है, तथा रख – रखाव की जिम्मेदारी लाभ लेने वाले पशुपालको की होगी मवेशी के कान में किये गए अंकन तथा उपयोग सामग्री का चुनाव बीमा कंपनी तथा लाभार्थी दोनों की सहमति पर होता है |