भारत ने कई देशों के साथ विभिन्न प्रकार के समझौते किये है | समझौते में प्रत्येक देश अपने हितों का विशेष ध्यान रखते है | इसी प्रकार से RCEP भी एक व्यापारिक समझौता है | इस समझौते में 16 देश शामिल है | यह विश्व का सबसे बड़ा फ्री ट्रेड पैक्ट है |

इस समझौते के अंतर्गत प्रत्येक देश एक दूसरे को व्यापारिक सुविधाएँ प्रदान करते है | यदि आपको इसके विषय में जानकारी नहीं तो इस पेज पर RCEP Full Form in Hindi, RCEP का क्या मतलब होता है, के विषय में बताया जा रहा है |
RCEP फुल फॉर्म (Full Form)
RCEP का फुल फॉर्म “Regional Comprehensive Economic Partnership” है, हिंदी में इसे “रिजनल कॉम्प्रिहेंसिव इकनॉमिक पार्टनरशिप” (RCEP) के नाम से भी जाना जाता है | RCEP एक मुक्त व्यापार समझौता है | इसके अंतर्गत सदस्य देश एक दूसरे से आयात और निर्यात पर अत्यधिक कम टैक्स लगाते हैं | इसमें अभी तक इस समझौते में आसियान के 10 सदस्य देशों के अतिरिक्त भारत, चीन, जापान, साउथ कोरिया, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड सम्मिलित है | यह समझौता विश्व के 3.4 अरब लोगों के मध्य किया गया है |
प्रस्ताव (Proposal)
रिजनल कॉम्प्रिहेंसिव इकनॉमिक पार्टनरशिप (RCEP) समझौते के अंतर्गत भारत को चीन से आने वाले लगभग 80 प्रतिशत उत्पादों पर शुल्क को हटाना होगा | इसके बाद भारत को ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड से आयात होने वाले 86 प्रतिशत उत्पादों पर भी शुल्क को हटाना होगा | भारत जापान और दक्षिण कोरिया से भी वस्तुओं का आयात करता है इसलिए भारत को इस समझौते के कारण इन देशों के 90 प्रतिशत उत्पादों पर शुल्क को कम करना या पूरी तरह से हटाना पड़ सकता है | यह कटौती 5, 10, 15, 20 और 25 साल की अवधि में पूरी तरह से लागू हो सकती है | अभी तक भारत को RCEP के सदस्य देशों चीन, दक्षिण कोरिया और आस्ट्रेलिया और अन्य सदस्य देशों के बहुत ही अधिक व्यापार घाटा हुआ है |
आईओसीएल, बीपीसीएल व एचपीसीएल का फुल फॉर्म
विपक्ष का तर्क (Opposition Argument)
केंद्र में इस समझौते के विरुद्ध विपक्ष है, विपक्ष का मानना है कि यदि भारत सरकार इसमें शामिल होती है, तो भारतीय अर्थव्यवस्था को बहुत ही हानि होगी | इस समझौते के कारण किसानों, दुकानदारों, छोटे और मझले व्यापारियों को बहुत ही गंभीर दुष्परिणाम उठाने पड़ सकते है | इस समझौते में एशिया-प्रशांत के 16 देशों के साथ व्यापार प्रस्तावित है |
भारतीय उद्योग पर प्रभाव (Effects)
आरसीईपी समूह में चीन उपस्थित है, इससे भारतीय उद्योग चिंतित है | डेयरी, धातु, इलेक्ट्रॉनिक्स और रसायन से सम्बंधित क्षेत्र की कंपनियों ने भारत सरकार से शुल्क कटौती न करने का आग्रह किया है | शुल्क कटौती होने से विदेशी कम्पनियाँ भारत में सस्ते दामों पर वस्तुएं बेच सकती है, इससे भारतीय उद्योग पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है |
व्यापारिक घाटे का बोझ
व्यापारिक घाटे का अर्थ देश से आयात अधिक और निर्यात कम होता है | यदि भारत आयात टैक्स को कम करता है तो तो व्यापार घाटा और अधिक बढ़ सकता है | RCEP के अधिकतर सदस्य देशों के साथ है भारत का व्यापार घाटा बहुत ही अधिक है | इस समझौते के बाद यह और अधिक बढ़ सकता है |