वीआरएस (VRS) का फुल फॉर्म क्या होता है

किसी संगठन में कर्मचारियों की संख्या का निर्धारण प्रबंधक के द्वारा किया जाता है | प्रबंधक अपने संगठन में नियोजित जनशक्ति का सही आकार और बढ़ती हुई प्रतिस्‍पर्धा का सामना करने के उद्देश्‍य से एक महत्‍वपूर्ण प्रबंधन कार्य नीति का निर्माण करता है | कर्मचारियों की मौजूदा संख्‍या में कमी करने के लिए स्‍वैच्छिक सेवा निवृत्ति योजना (वीआरएस) को लागू किया जाता है |

इस योजना को सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों अथवा सरकारी कंपनियों में लागू किया जाता है | इस पेज पर वीआरएस (VRS) का फुल फॉर्म क्या होता है ,सरकारी नौकरी में VRS का क्या मतलब है, के विषय में बताया जा रहा है |

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वीआरएस (VRS) का फुल फॉर्म (फुल Form)

वीआरएस (VRS) का फुल फॉर्म “Voluntary Retirement Scheme” है, हिंदी में इसे “स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना” के नाम से जाना जाता है | भारत सरकार की सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) के द्वारा अपने कर्मचारियों के लिए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना का संचालन किया जा रहा है | इस योजना के द्वारा कर्मचारी अधिक से अधिक लाभ प्राप्त कर सकते है | भारत संचार निगम लिमिटेड के अनुसार इस योजना का 70,000 से 80,000 कर्मचारियों के द्वारा लाभ उठाया जा सकता है |

सरकारी नौकरी में VRS का क्या मतलब है?

सरकारी नौकरी में कार्यरत कर्मचारियों के लिए भारत सरकार या राज्य सरकार के द्वारा समय- समय पर कई योजनाओं को लागू किया जाता है | सरकारी संगठन में कर्मचारियों की संख्या को कम करने या संगठन के उद्देश्य को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार या राज्य सरकार के द्वारा स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना को लाया जाता है | इसमें 50 वर्ष की आयु पूरी कर चुके या उससे अधिक की आयु के कर्मचारियों को इस योजना के लिए पात्र माना जाता है | इस योजना का लाभ केवल नियमित और स्थायी कर्मचारी के द्वारा ही लिया जा सकता है |

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वीआरएस (VRS) के नियम (VRS rules)

  • वीआरएस (VRS) में पचास वर्ष की आयु अथवा बीस साल तक क्वालीफाइंग सर्विस पूरा कर चुके कर्मचारी ही भाग ले सकते है |
  • जो सरकारी कर्मचारी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति प्राप्त करना चाहते है उन्हें नियुक्ति प्राधिकारी को प्रत्यक्ष रूप से तीन महीने पहले नोटिस देना अनिवार्य है |
  • नियुक्ति प्राधिकारी द्वारा समय की गणना नोटिस प्राप्त होने की तिथि से की जाती है |
  • वीआरएस (VRS) प्राप्त करने के लिए कर्मचारी को नियुक्ति प्राधिकारी संतुष्ट करना होता है कि उसने क्वालीफाइंग सर्विस को पूरा कर लिया है, नियुक्ति प्राधिकारी संतुष्ट होने के पश्चात अपनी स्वीकृति प्रदान करता है |
  • कर्मचारी को वीआरएस प्राप्त करने पर उन्हें जो कंपनसेशन प्राप्त होता है वह उनकी सैलरी हेड से इनकम मानी जाती है | यह आय “Profit in lieu of salary” के अनुसार टैक्सेबल होती है |
  • इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 10 (10 C) के अनुसार VRS में प्राप्त कम्पेन्सेशन की अधिकतम 5 लाख की छूट प्राप्त की जा सकती है |

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