Bulb Ka Avishkar Kisne Kiya Tha | बल्ब का आविष्कार किसने किया था?

Bulb Ka Avishkar Kisne Kiya Tha | बल्ब का आविष्कार किसने किया था? दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल में बताएंगे कि Bulb Ka Avishkar Kisne Kiya Tha, बल्ब का आविष्कार किसने किया था? तो दोस्तों जैसा कि आप सब जानते है की पुराने जमाने में घरों में लालटेन या घी के दीपक जलते थे और मशाल और मोमबत्ती का इस्तेमाल करते थे. लेकिन इस तरह इन चीजों का सही तरीके से इस्तेमाल नहीं करने पर बहुत सी दुर्घटनाएं भी हो जाती थी और काफी नुकसान हो जाता था|

लेकिन जब से Bulb (बल्ब) का आविष्कार हुआ है| घर में Bulb जलना शुरू हुआ और घर में रोशनी फैल गई| लेकिन बहुत ही कम लोगो लोगों को मालूम होगा कि Bulb (बल्ब) का Invention (आविष्कार) किसने किया |  तो दोस्तों  आज हम आपको Balb (बल्ब) बारे में जानकारी देने वाले है. आइए जानते हैं कि Bulb Ka Avishkar Kisne Kiya Tha आविष्कार किसने किया था?

TAJMAHAL KISNE BANWAYA THA

Bulb Ka Avishkar Kisne Kiya Tha

सन 14 अक्टूबर 1878 को थॉमस ऐल्वा एडीसन (Thomas Alva Edison) ने Balb का आविष्कार किया था| एडीसन उस जमाने के मशहूर वैज्ञानिक थे| उन्होंने कार्बन फिलामेंट लाइट बल्ब का अविष्कार किया था| जो कि बिजली के तार को जोड़ने से गरम होकर बल्ब जलने लगता था| इस अविष्कार करने में उन्हें लगभग डेढ़ साल का समय लगा था और जब यह बल्ब अविष्कार होने के बाद जलाया गया तो 13 घंटे से भी ज्यादा तक बल्ब जला था|

उन्होंने बल्ब का तो अविष्कार किया ही था लेकिन इसके आलावा 1091 प्रकार के छोटे-बड़े उपकरणों का अविष्कार किया जैसे ग्रामोफोन, मोशन पिक्चर कैमरा, कार्बन टेलीफोन ट्रांसमीटर, एल्कलाइन स्टोरेज बैटरी और भी शामिल है| इन All यंत्रों का एडिसन जी के नाम पर पेटेंट बुक हैं| एडिसन ने दुनिया के पहले लाइट Balb को पेटेंट अपने नाम कराया| इस अनोखे अविष्कार को करने में उनको लगभग डेढ़ साल लग गए थे|  काफी वैज्ञानिको ने एडिसन से पहले ही इस विषय पर काफी रिसर्च और इस्तेमाल किया था| यही कारण से एडिसन को काफी मदद मिली.

पेटेंट अपने नाम करते वक़्त उन्होंने उस पेटेंट का नाम इम्प्रूवमेंट इन इलेक्ट्रिक लाइट्स के नाम से 14 अक्टूबर 1878 में करवाया|  डेढ़ साल के इस रिसर्च पर कई धातुओं का यूज़ किया जैसे कार्बन, प्लैटिनम का इस्तेमाल किया|  लेकिन प्लैटिनम धातु के यूज़ से बल्ब की रौशनी 12 घंटे तक तो सिमित थी| लेकिन प्लैटिनम बल्ब का प्रयोग काफी महंगी पड़ी|  फिर उनके कई Use से उन्हें कार्बन फिलामेंट के धातु के इस्तेमाल से उनका प्रयोग सफल रहा.

बल्ब के आविष्कार का इतिहास

बल्ब का आविष्कार (Bulb Ka Avishkar Kisne Kiya) थॉमस अल्वा एडिसन ने किया था|  इस आविष्कार पर उन्होंने 1878 में काम शुरू किया था|  थॉमस एडिसन से पहले भी बहुत वैज्ञानिक लाइट बल्ब की खोज में लगे हुए थे|  इनमें से एक वैज्ञानिक का नाम हंफ्री डेवी (Humphrey Davy) था जिन्होंने 1802 में सबसे पहले इलेक्ट्रिक बल्ब का आविष्कार किया|  हंफ्री डेवी ने बिजली के साथ प्रयोग करके एक बैटरी तैयार किया| जब उन्होंने तार को बैटरी से जोड़ा साथ में कार्बन लगाया तो कार्बन रोशनी देने लगा इस तरह सबसे पहले इलेक्ट्रिक बल्ब की खोज हुई.

उनके इस आविष्कार को Electric Arc Lamp का नाम दिया गया, लेकिन इस आविष्कार में दिक्कत यह थी की रोशनी ज्यादा देर नहीं होती थी| यह प्रयोग फिर से 3 फरवरी 1879 के दिन Literary and Philosophical Society of Newcastle upon Tyne मीटिंग के दौरान दिखाया| इस लैंप में इस्तेमाल हुए कार्बन रोड का प्रतिरोध काफी कम था जिस वजह से लैंप तक बिजली पहुँचाने के लिए बड़े कंडक्टर की जरुरत पड़ती थी इसलिए यह सामान्य इस्तेमाल या फिर मार्किट में बेचने लायक नहीं था|

इसके बाद उनका ध्यान Carbon Filament के सुधार पर गया जो उन्होंने Cotton की मदद से तैयार किया जिसका नाम Parchmentised Thread था| इस फिलामेंट का पेटेंट उन्होंने 27 नवंबर 1880 को हासिल किया| थॉमस अल्वा एडिसन ने 1878 में Improvement In Electric Lights नाम से 14 अक्टूबर 1878 को पेटेंट करवाया, उन्होंने काफी प्रयोग किये इसी प्रकार दुनिया का पहला बल्ब तैयार हुआ जो मार्किट में बेचा जा सकता था.

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