HIV एक बहुत ही खतरनाक बीमारी होती है इसका कोई इलाज नहीं होता है | यह एक तरह का वायरस (Virus) मानव प्रतिरक्षा प्रणाली पर प्रभाव डालता है और इससे इन्फ्लूएंजा, खांसी, tuberculosis जैसी बीमारियों के संपर्क में आ जाने पर उसे और भी ज्यादा संवेदनशील बना देता है | एचआईवी (HIV) सफेद रक्त कोशिकाएं (white blood cells) को नष्ट करने लगता है | यदि इन श्वेत कोशिकाओं की बड़ी संख्या नष्ट कर देता है, तो शरीर संक्रमण से लड़ने में निष्क्रिय हो जाता है |

संक्रमण की प्रगति तेजी से होने से, यह AIDS का रूप ले लेता है | यहाँ पर का HIV फुल फॉर्म, HIV कैसे होता है इससे कैसे बचाव करे, इसकी जानकारी बताई जा रही है |
HIV का फुल फॉर्म
HIV का फुल फॉर्म “Human Immunodeficiency Virus” होता है और इसे हिंदी में ‘मानवीय प्रतिरक्षी अपूर्णता विषाणु’ के नाम से और अंग्रेजी में “Human Immunodeficiency Virus” नाम से जाना जाता है | यह सबसे खतरनाक वायरस में से एक है जो “Acquired Immunodeficiency syndrome (AIDS)” होने का मुख्य कारण होता है जिसे HIV संक्रमण का प्राथमिक चरण माना जाता है | एड्स (AIDS) सर्वप्रथम संयुक्त राज्य अमेरिका में 1981 में observed किया गया था |
HIV कैसे होता है
HIV होने के कई कारण हो सकते है जिनमे से मुख्य कारण असुरक्षित यौन संबंध से, दूषित रक्त संक्रमण से, हाइपोडर्मिक नीडल्स के प्रयोग से, गर्भावस्था प्रसव या स्तनपान के दौरान मां से बच्चे तक भी फ़ैल जाता है | इसके अलावा कुछ शारीरिक तरल पदार्थ होते है जैसे लार और आँसू ये एचआईवी प्रसारित नहीं करते हैं |
ऐसे करे बचाव
HIV रोकथाम के लिए कुछ स्टेज में संक्रमित लोगों का इलाज किया जा सकता हैं | परन्तु मनुष्य के शरीर में इस बीमारी की उपस्थिति के परीक्षण का कोई समुचित उपाय नहीं है क्योंकि एचआईवी (HIV) वायरस बहुत छोटा होता है और जिसे रक्त से अलग नहीं किया जा सकता है | इस बीमारी से बचाव के लिए दुनिया के विभिन्न हिस्सों में प्रयोग की जाने वाली अलग – अलग प्रक्रियाएं होती हैं | इस बीमारी से निवारण हेतु सबसे ज्यादा प्रयोग किया जाने वाला परीक्षण ELISA (Enzyme-linked Immunodeficient Assay) परीक्षण होता है ।
इसके संक्रमण से बचने के लिए कुछ सावधानिया इस प्रकार है-
- संक्रमित व्यक्ति के साथ असुरक्षित यौन संबंध कभी न बनाये |
- संक्रमित Blood transfusion के पहले पूरी तरह से जांच करवाए |
- Hypodermic needles का उपयोग बिल्कुल न करे |
- थोड़ा भी महसूस या लक्षण लगने पर तुरंत जांच करवाए |
HIV के स्टेज (Stag Of HIV)
HIV इन्फेक्शन मुख्यतः तीन चरणों में होता है, जो इस प्रकार है-
- तीव्र एचआईवी संक्रमण (Acute HIV Infection)
- क्रोनिक एचआईवी संक्रमण (Chronic HIV Infection)
- एड्स / उन्नत संक्रमण (AIDS/Advanced Infection)
तीव्र एचआईवी संक्रमण (Acute HIV Infection)
यह एचआईवी इन्फेक्शन की प्रथम स्टेज होती है। अधिकतर, इस चरण में संक्रमण के लक्षण तुरंत समझ में नहीं आते हैं | यहीं कारण होता है, लोग HIV से संक्रमित होने पर भी उन्हें तुरंत पता नहीं लगता है | इसके प्राथमिक लक्षणों के लिए लगभग दो से चार सप्ताह तक का समय लग जाता है |
क्रोनिक एचआईवी संक्रमण (Chronic HIV Infection)
यह इन्फेक्शन का दूसरा स्टेज होता है | इस स्टेज में, Virus बॉडी में replicating करना शुरू हो जाता है जो धीरे-धीरे प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करता जाता है | इसमें आप बीमार नहीं लगते है और न ही महसूस कर पाते हैं, इसलिए संभावना यह भी पायी जाती है कि इस बीमारी को दूसरों में भी संकर्मित हो सकती हैं | इसलिए, HIV का परीक्षण जल्द से जल्द करवाना बहुत महत्वपूर्ण होता है, भले ही आप अपने आपको बिल्कुल ठीक महसूस कर रहे हों |
एड्स / उन्नत संक्रमण (AIDS/Advanced Infection)
यह HIV संक्रमण का तीसरा और उन्नत स्टेज होता है | इस स्टेज में, रोगी की CD4 T-cell की संख्या 200 से भी नीचे चली जाती है और रोगी की प्रतिरक्षा बहुत कम हो जाती है जिससे रोगी अवसरवादी संक्रमणों के लिए अधिक संक्रमित हो जाता है |