NGO Kya Hota Hai | एनजीओ के बारे में पूरी जानकारी हिंदी में

NGO Kya Hota Hai | एनजीओ के बारे में पूरी जानकारी हिंदी में मेरे प्यारे दोस्तों आज मैं आपको इस पोस्ट के जरिये से NGO Kya Hota Hai इस से रैलिटेड जानकारी देने जा रहा हूँ. दुनिया भर में NGO को संचालित किया जाता है। जो गरीब लोगों की मदद करने के लिए काम करता है। यह संगठन समाज के वह लोग बनाते हैं जिनके पास पैसे या बिजनेस होता है। NGO से आप सभी लोग भी जुड़ सकते हैं और समाज सेवा कर सकते हैं। इसलिए सभी भारतवासियों को यह जानना बहुत जरूरी है कि NGO Kya Hota Hai और NGO Kese kaam Krta hai है, तो चलिए फिर हमारे इसके आर्टिकल के माध्यम से जानिए कि एनजीओ क्या होता है और यह कैसे काम करता है| तो दोस्तों आइये जानते है NGO Kya Hota Hai क्या होता है?

OP FULL FORM IN HINDI

NGO Kya Hota Hai

NGO को नॉन गवर्नमेंट ऑर्गेनाइजेशन कहते हैं। यह एक गैर सरकारी संगठन होता है। जो समाज के गरीब, बेसहारा/कमजोर लोगों के लिए काम करता है। एनजीओ में सरकार का कोई दखल नहीं होती है और ना ही किसी प्रकार की कोई भूमिका होती है। क्योंकि यह एक गैर सरकारी संगठन होता है जो हम जैसे आम लोग ही चलाते हैं। लेकिन एनजीओ की स्थापना पैसे वाली या बिजनेसमैन लोग ही करते हैं। क्योंकि NGO का काम पैसा कमाना नहीं होता है, बल्कि समाज का कल्याण करना और लोगों की मदद करना होता है।

NGO Kese Kaam Krta hai?

  • हमारे देश में और देश के बाहर यानी विदेशों में NGO गरीब बेसहारा लोगों को मदद करने का काम करता है। यह बेसहारा लोगों के दुख दर्द को समझता है और उन्हें जीवन जीने के सहारा देता है। NGO का उद्देश्य पैसा कमाना नहीं होता है। इसका उद्देश्य केवल गरीब के द्वारा लोगों की मदद करना ही होता है।  NGO संगठनों को पैसे वाले या बिजनेस लोग चलाते हैं। क्योंकि वहीं लोगों की मदद करने के लिए Funding करते हैं। इस संगठन को शुरू करने का विचार अमेरिका में किया गया था। क्योंकि वहां पर लोगों की ऐसी सोच है कि इंसान का जन्म सिर्फ पैसे कमाने के लिए नहीं हुआ, बल्कि सभी इंसानों को जन कल्याण करने में यानी अन्य लोगों की सहायता करने का काम भी करना चाहिए।
  • एनजीओ एक व्यक्ति के द्वारा स्थापित नहीं किया जा सकता बल्कि इसमें कम से कम 7 या इससे अधिक व्यक्तियों का सहयोग होना चाहिए। साथ ही यह व्यक्तिय सामाजिक कार्य या सामाजिक सुधार में काम करना चाहते हो। क्योंकि एनजीओ का मकसद पैसे कमाने नहीं है, बल्कि समाज कल्याण के लिए काम करना है।
  • आप NGO को रजिस्टर्ड या बिना रजिस्टर्ड करके चला सकते हैं। परंतु एनजीओ को रजिस्टर्ड करने से आपको यह फायदा होगा कि सरकार या अन्य कंपनियां आपको लोगों की मदद करने के लिए यानी समाज कल्याण के लिए आर्थिक सहायता देंगी।
  • हमारे भारत में लगभग 1 से 2 मिलियन तक के NGO होने का आंकड़ा है। भारत के सभी एनजीओ केंद्रीय सोसाइटी एक्ट के तहत आते हैं बस राजस्थान में अपना राजस्थान सोसायटी एक्ट बना हुआ है। जिसके तहत वहां पर NGO संचालित किए जाते हैं। वर्तमान समय में देश में लगभग सक्रिय सूचीबद्ध एनमहाराष्ट्र में लगभग 418 लाख एनजीओ है, आंध्र प्रदेश में 416 लउत्तर प्रदेश में 413 लाख, केरला में 313 लाख, कर्नाटक में 119 लाख एनजीओ है। वहीं तमिलनाडु में 114 लाख, उड़ीसा में 113 लाख, राजस्थान में एक लाख एनजीओ सक्रिय है।जीओ की संख्या एक रिपोर्ट के मुताबिक 33 लाख है। अगर देखा जाए तो‌ दुनिया में सबसे अधिक एनजीओ हमारे देश में है।

NGO की स्थापना कैसे करें?

अगर आप NGO स्थापित करना चाहते हैं तो पहले आप जिस क्षेत्र में काम करना चाहते हैं। वहां पर जाकर देखे के लोगों की मूल समस्या क्या है। क्योंकि जब तक आप यह नहीं देखेंगे कि आप जिस क्षेत्र में एनजीओ शुरू करना चाह रहे हैं, वहां के लोगों की मूल समस्या क्या है तब तक आप वहां के लोगों की मदद नहीं कर पाएंगे। साथ ही आप लोगों की मूल समस्या सुनकर अपने NGO के Vision, Mission और Objectives को आसानी से तय कर सकेंगे। गैर सरकारी संगठन को स्थापित करने से पहले आप ऐसे लोगों का समूह बनाए, जो वित्तीय प्रबंधन, मानवीय संसाधन और नेटवर्किंग क्षेत्र में सही निर्णय लेने के लिए जिम्मेदार हो।

आपको NGO शुरू करने से पहले आपको कुछ डॉक्यूमेंट जैसे- Trust deed/Memorandum of Association और Rules and Regulations/ Memorandum and Articles Of Association और Regulation आदि की जरूरत होगी। इन तीनों डॉक्यूमेंट में से आपके पास कोई एक डॉक्यूमेंट जरुर होना चाहिए। इसे bio-log भी कहा जाता है। कौन से डाक्यूमेंट्स की आपको जरूरत पड़ सकती है यह आपके एनजीओ के स्वरूप जैसे-आपके एनजीओ में कितने सदस्य हैं, एनजीओ का उद्देश्य, चुनाव प्रक्रिया, काम करने का तरीका आदि पर निर्भर करता है।

 आपको अपने सभी डॉक्यूमेंट अपने जिले के चैरिटेबल ट्रस्ट के ऑफिस में जमा करने पड़ते हैं। फिर बाद में अधिकारी द्वारा आपके एप्लीकेशन और डॉक्यूमेंट की छानबीन की जाती है और आपका एक इंटरव्यू होता है। यदि सभी चीजें ठीक होती है तो आपके इन NGO का पंजीकरण उसी समय कर दिया जाता है। अगर एक बार NGO का पंजीकरण हो जाता है तो एनजीओ के नाम से एक अलग बैंक अकाउंट खुलवाना होता है इसलिए आपके पास पैन कार्ड होना चाहिए। क्योंकि पैन कार्ड की सहायता से ही बैंक अकाउंट खोला जाता है। Bank Account इसलिए खुलवाया जाता है क्योंकि आपको कोई डोनेशन देता है तो वह डोनेशन एनजीओ के अकाउंट में ही आती है।

एनजीओ स्थापित करने के अधिनियम

हमारे देश के अलग-अलग राज्यों में एनजीओ स्थापित करने के अधिनियम अलग-अलग है। जो निम्नलिखित नीचे तीन प्रकार के हैं।

  • Trust Act
  • Society Act
  • Companies Act
NGO को प्रमोट करने का तरीके
  • आप एनजीओ की एक वेबसाइट बनाइए ‌
  • विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन करिए
  • प्राइवेट कंपनियों से संपर्क करिए
  • पैसे वालों और बिजनेसमैन से संपर्क करके अपने एनजीओ के बारे में बताइए और कहिए कि आप लोग भी जन कल्याण में अपना योगदान दें।