ABG FULL FORM IN HINDI | एबीजी का फुल फॉर्म हिंदी में

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ABG का फुल फॉर्म “Arterial Blood Gas” (आर्टेरिअल ब्लड गैस) हैं| जो हिन्दी में “धमनीय रक्त गैस” कहलाता है| ABG एबीजी एक परीक्षण प्रक्रिया है जो हमारे शरीर के रक्त की अम्लता या पीएच और ऑक्सीजन के स्तर को मापती है। इसके अलावा यह जानना भी जरूरी है कि एबीजी टेस्ट मरीज के फेफड़ों की कार्यप्रणाली की जांच के लिए किया जाता है| ABG लेवल चेक हमारे शरीर के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है, जिसकी मदद से आपके फेफड़े कितनी अच्छी तरह ऑक्सीजन को सोख पाते हैं| इसके साथ ही रक्त में ऑक्सीजन की मात्रा की जांच कर शरीर के मेटाबॉलिज्म के बारे में भी जाना जाता है|

इस परीक्षण के द्वारा हमारे रक्त में हाइड्रोजन आयनों की मात्रा की भी जाँच की जाती है, जिसके आधार पर शून्य से कम pH को अम्लीय और 7.0 से अधिक pH को क्षारीय कहा जाता है| धमनी रक्त गैस परीक्षण विशेष रूप से धमनियों के लिए किया जाने वाला रक्त परीक्षण है, जो बहुत आसानी से ऑक्सीजन, CO2, कार्बन डाइऑक्साइड और वेंटिलेशन स्थिति का पता लगाता है| यदि आपके रक्त में ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड का स्तर असंतुलन है, तो इसका मतलब है कि आपके फेफड़ों में कमजोर हो जाते हैं और ठीक से काम नहीं कर पाते हैं। जिस किसी को भी सांस लेने में तकलीफ हो रही हो या फिर फेफड़ों से जुड़ी कोई परेशानी हो तो उसे यह टेस्ट कराना होता है|

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ABG टेस्ट का नोर्मल रेंज क्या होता है?

एबीजी (अर्टेरियल ब्लड गैस) टेस्ट में मापे जाने वाले पैरामीटर्स श्वसन से सम्बंधित होते हैं और उनके लिए नॉर्मल रेंज निम्नप्रत होता है:-

  • एबीजी कार्बन डाइऑक्साइड (pCO2): 35-45 मिलीमीटर ऑफ मर्क्युरी (mmHg)
  • एबीजी ऑक्सीजन (pO2): 75-100 mmHg
  • फियूमेट्रिक ऑक्सीजन (O2 सेंट्रल): 95-100%
  • बायकार्बनेट (HCO3-): 22-28 मेक्गालीटर (mEq/L)
  • बेज़ बेस (BE): -2 से +2 मेक्गालीटर (mEq/L)

यह नॉर्मल रेंज व्यक्ति की उम्र, स्थिति और अन्य आवश्यकताओं पर भी निर्भर कर सकता है, इसलिए आपको अपने चिकित्सक से विशेष परामर्श लेना चाहिए| वे आपके स्वास्थ्य स्थिति और अन्य सामरिक तत्वों का ध्यान रखकर आपके लिए सटीक नॉर्मल रेंज निर्धारित करेंगे| यह आपके विशेष परिस्थितियों और व्यक्तिगत चरित्रित पर निर्भर करेगा जिसके लिए आप टेस्ट करवा रहे हैं|

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ABG टेस्ट क्यों किया जाता है?

एक तरह से हम कह सकते हैं कि यह हमारे शरीर में ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड के स्तर को सही-सही मापने के लिए किया जाता है| जहां आप डॉक्टरी सलाह की मदद से आसानी से पता लगा सकते हैं कि आपके फेफड़े और किडनी कितनी अच्छी तरह काम कर रहे हैं| प्राथमिक देखभाल सेटिंग में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका नहीं है, लेकिन प्रयोगशाला या क्लिनिक में इसका इस्तेमाल किया जा सकता है| इस टेस्ट को करवाने की स्थिति को देखते हुए आपके शरीर में कुछ खास लक्षण दिखाई देते हैं, जिसके कारण आपको यह टेस्ट कराने की सलाह दी जाती है|

आपको सांस की तकलीफ, भ्रम, मतली या सांस की तकलीफ का अनुभव हो सकता है जो यह संकेत दे सकता है कि आपको एबीजी (धमनी रक्त गैस) परीक्षण से गुजरना चाहिए। जब भी आप ऑक्सीजन, सीओ2 या पीएच के स्तर के बारे में जानना चाहते हैं, या यह जानना चाहते हैं कि यह हमारे शरीर में संतुलित है या नहीं, तो आप एबीजी (धमनी रक्त गैस) परीक्षण करवा सकते हैं| एक महत्वपूर्ण बात जो आपको पता होनी चाहिए वह यह है कि यह टेस्ट सांस की समस्याओं का पता लगाने के साथ-साथ मेटाबॉलिक और किडनी की बीमारियों की ठीक से जांच करने के लिए किया जाता है|

हमारे रक्त में अम्ल का स्तर क्या है और फेफड़ों के उपचार के प्रकार में किस प्रकार का प्रभाव देखा जा रहा है, जैसे किसी व्यक्ति को ऑक्सीजन देने पर उसका किस प्रकार का प्रभाव पड़ रहा है? यह धमनी रक्त गैस परीक्षण सभी कारकों का पता लगाने के लिए किया जाता है| एक महत्वपूर्ण बात यह जानना है कि अगर किसी व्यक्ति को ऑक्सीजन थेरेपी दी जा रही है तो इसे करीब 10 से 20 मिनट पहले बंद कर देना चाहिए| अगर कोई व्यक्ति ऑक्सीजन ट्यूब की मदद के बिना सांस नहीं ले पाता है तो यह टेस्ट ऑक्सीजन को बंद कर देता है, जिसके बाद मरीज को दी जाने वाली ऑक्सीजन की मात्रा को रिकॉर्ड किया जाता है|

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ABG टेस्ट कब करना चाहिए?

ABG टेस्ट (Arterial Blood Gas Test) श्वसन और वायुमंडल सम्बन्धी समस्याओं की न्यूनतम स्थिति की जांच करने के लिए किया जाता है। इस टेस्ट का उपयोग श्वसन और एसिड-बेस प्रतिसंतुलन को मापने के लिए किया जाता है|

यदि आपको निम्नलिखित स्थितियों में से कोई भी हो, तो आपको ABG टेस्ट करवाने की सलाह दी जा सकती है:-

  1. श्वसन निर्धारितता की कमी (Respiratory distress)
  2. निःश्वासन विफलता (Respiratory failure)
  3. दिल की बीमारी (Cardiac disease)
  4. अक्सीजन स्तर की कमी (Hypoxemia)
  5. अनुमानित असिड-बेस विकार (Suspected acid-base disturbances)
  6. सीवीआईपी (ICU) में एडमिट किया जाना (Admission to ICU)
  7. सामान्य वायुमंडल प्रतिस्थापन (Mechanical ventilation)
  8. डायबीटीज के संकेत (Signs of diabetes)
  9. अनुमानित कार्बनिक गैस अनिस्थिति (Suspected carbonic gas abnormalities)

कृपया ध्यान दें कि यह एक सामान्य दिशानिर्देश है और आपके चिकित्सक की सलाह का पालन करें. वे आपके रोगी इतिहास, लक्षण और जांच करने के आधार पर आपको सही सलाह दे सकेंगे.

इससे पहले आपको एक अति आवश्यक सूचना दें कि यदि आप अपने blood को पतला या aspirin बनाने के लिए कोई दवा ले रहे हैं, तो यह जानकारी आपको अपने डॉक्टर को पहले ही दे देनी चाहिए| वहीं जब आपके पास साँस की समस्या के लक्षण नजर आ रहे हैं, जैसे कि सांस लेने में तकलीफ,तेजी से सांस लेना तब हम इस Test के लिए जा सकते हैं| जब आप एक फेफड़े की बीमारी के लिए इलाज करा रहे हैं, तब आपके शरीर में acid base और संतुलन का संदेह होता है| जहां आप blood के O2और CO2 के लिए कुछ हद तक सर्जरी भी करा सकते हैं|

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ABG के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानने योग्य बातें

  • Arterial Blood Gas Test ऐसी स्थिति में कराया जाता है जब आपको गंभीर रूप से सांस लेने में समस्या हो जैसे कि आप अस्थमा या पुरानी प्रतिरोधी किसी रोग से परेशान है, तो आप इस जाँच को करवा सकते हैं|
  • इसके जरिये आप यह भी जान सकते हैं कि आपका एसिड बेस बैलेंस कितना है, क्योंकि एक व्यक्ति के शरीर में गंभीर तरह के संक्रमण से मधुमेह हो या फिर गुर्दे की विफलता से भी शरीर में Acid की मात्रा बढ़ जाती है|
  • अपने फेफड़ों की कार्य क्षमता सही है या नहीं इसके जरिये से आप आसानी से जानने में समर्थ हो सकते हैं|

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रक्त गैसें आपको क्या बताती हैं?

Arterial blood gas एक ऐसा नैदानिक परीक्षण माना जाता है, जिसमें धमनी रक्त के पीएच का माप शामिल होता है, जिसमें मुख्य रूप से हमारे शरीर की धमनियों के रक्त में घुलने वाले ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा का नियमित रूप से निदान किया जाता है| इस परीक्षण का उपयोग रक्त में पीएच स्तर को निर्धारित करने के लिए भी किया जाता है| आप यह भी आसानी से जान सकते हैं कि यह कितना अम्लीय है| इसके लिए हमारे शरीर में कुछ ऐसे संकेत नजर आते हैं, जिसके बाद हमें ब्लड गैस टेस्ट की सलाह दी जाती है| जैसे कि यदि आपको काफी समय से खराब किडनी, नकसीर, झटका और नियमित मधुमेह के लक्षण नजर आ रहे हैं तो फिर आपको चिकित्सक की और रक्त गैस टेस्ट की सलाह लेनी पड़ सकती है|

जिस परीक्षण में धमनी से थोड़ी मात्रा में रक्त के संग्रह की आवश्यकता होती है| इसे पूरा होने में केवल कुछ ही मिनट का समय लगता है। आपको यह बता दे कि ब्लड गैस टेस्ट के परिणाम आसानी से आपके डॉक्टर को यह जाने की अनुमति देता है कि आपके शरीर में फेफड़ों की बीमारी सहित कुछ स्थितियों के लिए दिए जा रहे उपचार कितने अच्छे तरीके से काम कर रहे हैं| आपको यह बताया जाता है कि आपकी ज्यादातर एक नाडी से रक्त का नमूना अधिकतर पर व्यक्ति के कलाई में Radial धमनी या तो कभी-कभी आपकी हाथो से नमूने के तौर पर निकाला जाता है, जिसे परीक्षण के लिए आगे भेजा जाता है|

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