दुनिया में बहुत से लोग ऐसे होते हैं, जो दूसरों के अंतर्गत रहकर नौकरी करते हैं तो वहीं कुछ लोग ऐसे होते है, जो अपना स्वयं का व्यसाय करते है, जिससे उन्हें बहुत अच्छी कमाई प्राप्त हो जाती है लेकिन कई बार ऐसा हो जाता है, हमे स्वयं के व्यवसाय में कभी फायदा तो कभी नुकसान का भी सामना करना पड़ता है | इसलिये जब हमारे व्यवसाय में किसी भी प्रकार की समस्या आती हैं, तो हमे केवल उन समस्याओं का समाधान ही नहीं करना होता है, बल्कि कोई भी समस्या होने से पहले कंपनियां व्यावसायिक प्रक्रियाओं को बेहतर बनाने के लिए काम करें। वहीं यदि आप स्वयं का व्यवसाय करते हैं, तो व्यवसायों को सुव्यवस्थित करने के लिए आप BPO मॉडल को अपना सकते है, क्योंकि यह प्रमुख रूप से थर्ड पार्टी के विक्रेताओं के लिए व्यापार-से संबंधित कई ऑपरेशन को सब- कॉन्ट्रेक्टींग से ऑपरेट करने की एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है |

जब बिज़नेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग की शुरुआत की गई, तो यह मुख्य रूप से मैन्युफैक्चरिंग संस्थाओं, जैसे – शीतल पेय निर्माताओं, ने अपनी आपूर्ति श्रृंखला के बड़े क्षेत्रों को आउटसोर्स करने का काम किया | वही, अब यह सर्विसेस की आउटसोर्सिंग के लिए भी लागू कर दी गई हैं | इसलिए यदि आप भी बीपीओ के विषय में जानना चाहते है, तो यहाँ पर आपको BPO Full Form in Hindi, बीपीओ का मतलब क्या है ? इसकी पूरी जानकारी प्रदान की जा रही है |
बीपीओ का फुल फॉर्म | BPO FULL FORM
BPO एक संक्षिप्त रूप है, जिसका फुल फॉर्म “Business Process Outsourcing” होता है। वहीं इसे हिंदी में “बिज़नेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग” कहा जाता है |
बीपीओ (BPO) का मतलब क्या है ?
Business Process Outsourcing (BPO) थर्ड पार्टी के विक्रेताओं के लिए व्यापार-से संबंधित कई ऑपरेशन को सब- कॉन्ट्रेक्टींग से ऑपरेट करने का एक बहुत ही बेहतरीन प्रक्रिया है। इसलिए जब बिज़नेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग की शुरुआत की गई, तो यह मुख्य रूप से मैन्युफैक्चरिंग संस्थाओं, जैसे शीतल पेय निर्माताओं, ने अपनी आपूर्ति श्रृंखला के बड़े क्षेत्रों को आउटसोर्स कर दिया |
कंपनियों द्वारा BPO का इस्तेमाल क्यों किया जाता है ?
कंपनियों के दो कारण हैं, जिसकी वजह से उन्हें व्यावसायिक प्रक्रिया आउटसोर्सिंग की आवश्यकता पड़ती है, जैसे -सबसे पहले तो इन-हाउस काम करने की तुलना में आउटसोर्सिंग अक्सर कम खर्चीली होती है , तो वही दूसरा कारण यह है कि, कंपनियां BPO को आउटसोर्सिंग करती हैं, क्योंकि BPO ही बेहतर सेवाएं प्रदान करते है । उदाहरण के तौर पर जान लीजिये कि, बड़े ई-कॉमर्स प्रोवाइडर्स्, ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म बनाने और ट्रैफ़िक ड्राइव करने में बहुत अच्छे साबित हो सकते हैं, लेकिन यदि हम इसे लेकर कस्टमर सपोर्ट की बात करें, तो यह इसके लिए बिल्कुल भी अच्छे नहीं होते हैं, क्योंकि उनके पास कौशल की बहुत अधिक कमी होती है।
BPO प्रमुख रूप से अपने ग्राहकों के साथ सर्विस लेवल एग्रीमेंट या SLA की तरह होता है। यह स्वयं सुनिश्चित करता है कि, उनके परफॉर्मेंस का एक स्पष्ट मैट्रिक्स है, क्योंकि वे अपने काम की पूरी गुणवत्ता प्रदान करने में सक्षम होता है | बीपीओ हमेशा सोचता है, कि उन्हें कैसे पेमेंट दिया जाएगा | इसलिए जब एक बार अपने ग्राहक से निर्धारित अपेक्षाओं को पूरा कर लेता है, तो इसके बाद उन्हें पेमेंट कर दिया जाता है। इसके अलावा, BPO प्रोजेक्ट के तौर पर भी लिए जाते हैं, क्योंकि वे अक्सर ऐसे ग्राहकों को प्रदान करने में बेहतर साबित होते है, जो लगातार बढ़ते ही चले जाते हैं तभी उन्हें BPO की आवश्यकता आ पड़ती है, जो उन्हें बढ़ने में उनकी पूरी तरह मदद कर सकते हैं।
यहाँ पर हमने आपको बीपीओ (BPO) का मतलब क्या है ? इसके विषय में जानकारी उपलब्ध कराई है | यदि इस जानकारी से रिलेटेड आपके मन में किसी प्रकार का प्रश्न या विचार आ रहा है, अथवा इससे सम्बंधित अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो कमेंट बाक्स के माध्यम से पूँछ सकते है, हम आपके द्वारा की गयी प्रतिक्रिया और सुझावों का इंतजार कर रहे है |