भारत का सीवीसी या केन्द्रीय सतर्कता आयोग एक प्रकार की संस्था है | यह एक ऐसी संस्था हैं, जो भारत सरकार के विभिन्न विभागों के अधिकारियों/कर्मचारियों से सम्बन्धित भ्रष्टाचार नियंत्रण की सर्वोच्च संस्था कही जाती है। भारत में इस संस्था की स्थापना सन् 1964 में कर दी गयी थी। इस आयोग की शुरुआत करने के लिए संथानम समिति (1962-64) द्वारा सिफारिश की गयी थी | यह एक ऐसी समित है जो भ्रष्टाचार रोकने से सम्बन्धित सुझाव देने का काम करती है। केन्द्रीय सतर्कता आयोग मुख्य रूप से सांविधिक दर्जा प्राप्त एक बहु-सदस्यीय संस्था है, जिससे जनता की कई समस्याओं का समाधान निकाल लिया जाता है | इसलिए यदि आप भी सीवीसी के विषय में जानना चाहते है, तो यहां पर आपको CVC ka Full Form , सीवीसी या केंद्रीय सतर्कता आयुक्त क्या होता है | इसकी विस्तृत जानकारी प्रदान की जा रही है |

CVC (सीवीसी) ka Full Form
सीवीसी (CVC) का फुल फॉर्म “Central Vigilance Commission” होता है और इसे हिंदी भाषा में “केंद्रीय सतर्कता आयुक्त” कहा जाता है, जो एक सहायता प्रदान करने वाली संस्था होती है | यह संस्था देश के नागरिकों के लिए कार्य करती है |
सीवीसी या केंद्रीय सतर्कता आयुक्त क्या होता है
केन्द्रीय सतर्कता आयुक्त (CVC) किसी भी कार्यकारी प्राधिकारी के नियन्त्रण के अंतर्गत नहीं आता है और न ही यह किसी के कहने के अनुसार कार्य करता है बल्कि यह एक ऐसी संस्था है, जो केन्द्रीय सरकार के अन्तर्गत सभी सतर्कता गतिविधियों की निगरानी करने का अपना काम बखूबी निभाता है इसके साथ ही यह केन्द्रीय सरकारी संगठनो मे कई प्राधिकारियों को उनके द्वारा किये जाने वाले कार्यों की योजना बनाने, निष्पादन करने, समीक्षा करने तथा सुधार करने के लिए अपनी सलाह प्रदान करता है और उस काम को करने के लिए एक अच्छा रास्ता बताने का काम करता है |
सीवीसी (CVC) का कार्यलय
सीवीसी का कार्यालय ‘दिल्ली’ में स्थित है, जहाँ पर 21 मार्च 2012 तक 257 कर्मचारी और अधिकारी कार्य करने के लिए मौजूद थे, जिनमे से कुल 299 लोगों को वहां नियुक्त किया जाना था | इसके अलावा इसमें केंद्रीय आयुक्त और दो अन्य आयुक्त भी शामिल रहते है |
केंद्रीय सतर्कता आयुक्त के अधिकार और कार्यक्षेत्र
भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम-1988 के अंतर्गत केंद्रीय सतर्कता आयोग किसी लोक सेवक के भ्रष्टाचार में लिप्त पाए जाने के लिए की जाने वाली जांच की निगरानी करने का काम करता है। इसके अलावा यह आयोग लोक सेवकों के विरुद्ध चल रही जांच की समीक्षा करता है और जांच कार्यों की मुस्तैदी की समीक्षा करने की पूरी जिम्मेदारी इसी आयोग को सौंपी जाती है। इसके साथ ही यह आयोग अनुशासनिक मामलों में जांच करना, अपील, पुनर्निरीक्षण आदि की जांच, अधिकारियों को निष्पक्ष सलाह देना आदि कार्य भी देखता हैं, क्योंकि इस आयोग का मुख्य काम प्रशासनिक भ्रष्टाचार पर रोक लगाने का है | केंद्रीय सतर्कता आयुक्त को सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के निदेशकों और दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना में पुलिस अधीक्षक तथा इससे ऊपर के अधिकारियों की चयन समितियों की अध्यक्षता करने का पूरा अधिकार प्राप्त होता है। इसके साथ ही इसे सभी प्रकार के सरकारी निर्माणों अथवा किसी भी निर्माण कार्य से संबंधित शिकायत आने पर मामले की जांच करने का भी अधिकार प्राप्त होता है। यह आयुक्त एक ऐसा आयुक्त है, जो दिल्ली में संपत्तियों का मूल्यांकन करने में सीबीआई को सहायता भी प्रदान करता है।
सीवीसी या केंद्रीय सतर्कता आयुक्त का वेतन
केन्द्रीय सतर्कता आयुक्त को संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष के समान ही वेतन प्रदान किया जाता हैं, ऐसा इसलिए किया जाता है क्योंकि, सरकार सतर्कता आयुक्त संघ लोक सेवा आयोग के सदस्यों के समकक्ष मानती हैं और समान ही वेतन भी प्रदान करती है |
यहाँ पर हमने आपको सीवीसी (CVC) या केंद्रीय सतर्कता आयुक्त के विषय में सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध कराई है | यदि इस जानकारी से रिलेटेड आपके मन में किसी प्रकार का प्रश्न या विचार आ रहा है, अथवा इससे सम्बंधित अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो कमेंट बाक्स के माध्यम से पूँछ सकते है, हम आपके द्वारा की गयी प्रतिक्रिया और सुझावों का इंतजार कर रहे है |