GST Kya Hai ? जी एस टी किया है

GST Kya Hai ? जी एस टी किया है जी एस टी किया है जी एस टी एक टेक्स है जिको हमे भरना होता है हम कुछ भी सामान खरदते है तो हम जी एस टी देना होता है हमारे इंडिया में ये टेक्स 2017 से लागु हुआ था इस टेक्स को हमारे इंडिया में हर किसी को भरना होता है लेकिन इस टेक्स को लागु हुए 6 साल का टाइम गुज़र गया है लेकिन बहुत से लोगो को अभी इसका पता ही नहीं है की जी एस टी होती क्या है

और इसको जमा कैसे किया जाता है लोगो को इसमें बहुत परेशानी आती है और लोगो की यही परेशानी देखते हुवे हमने अपनी इस पोस्ट की मदद से उन लोगो को ये बताने की कोशिश की है की जी एस टी क्या है अगर आपको भी इसकी पूरी जानकारी लेनी है तो आपको हमारी इस पोस्ट को लास्ट तक बहुत धयान से पढ़ो हम आपको जी एस टी की वारे में स्टेप बाई स्टेप बताएँगे

GST Kya Hai (GST का क्या मतलब होता है

GST Kya Hai जी एस टी एक इंदिरेक्ट सिस्टम है जो की हमारे देश में कुछ भी खरीदने या बेचने पर लगाया गया है जी एस टी लागु होने से अब तक बहुत तरह के अतिरिक्त करो जैसे सेवा कर बिक्री कर एक्साइज ड्यूटी से लोगों को निजात दिलाया जाता है अगर इस को और आसान सी बात में बताया जाये तो ये एक इनडायरेक्ट टेस्ट है जो की पुरे देश ले लोगो के लिए लागु है और आपको ये बात और बता दे की जब से टेक्स लागु हुआ है तब से अब तक इसमें बहुत तरह के बदलाव भी किये गए है

GST Kya Hai

और जी एस टी लागु करने की एक वजह ये भी है की की सा तरह के टेक्स को हटा कर बस एक यही टेक्स रखा गया है गुड्स के एक्सपोर्ट पर लगाए गए कस्टम ड्यूटी को छोड़ करके वैल्यू ऐडेड टैक्स, एक्साइज टैक्स, सर्विस टैक्स, एंट्री टैक्स, लग्जरी टैक्स जैसे अलग अलग तरह के टेक्स को हटा कर जी एस टी टेक्स में में तब्दील कर दिया गया

GST Full Form – GST Kya hai

  • G – Goods and
  • S – Service
  • T – Tax

इसका हिंदी कन्वर्शन सामान और सेवा कर है और अब्बरेविएशन में इसको जीएसटी (GST) कहते है

GST Kya Hai जीएसटी की विशेषताएं

  • जीएसटी की खासियत यह है कि कर की प्रणाली को ऑनलाइन रखा गया है अतः इसमें गड़बड़ी होने की संभावना बहुत कम है और यदि गड़बड़ी हो भी जाती है तो इसकी जांच करने पर खामियां पकड़ी जा सकती हैं|
  • GST में Input Credit System लागू है इस सिस्टम के अंतर्गत सबसे अंतिम स्टेज पर टैक्स लगने से पहले जहां-जहां भी टैक्स को अदा किया गया होगा उसे वापस प्राप्त करने की व्यवस्था भी है|
  • GST की वसूली की जिम्मेदारी उस व्यक्ति पर होती है जिसके द्वारा सामान या फिर बिक्री की प्रोसेस होगी उतनी बार जीएसटी अदा करना होगा|
  • जीएसटी आने के पहले भी टैक्स का सिस्टम था परंतु उस टाइम अलग-अलग प्रकार के टैक्स भरने पड़ते थे जिसकी वजह से काफी झंझट भी होता था परंतु उन सभी टैक्स को हटाकर के जीएसटी टैक्स को रखा गया है| इस प्रकार से केवल एक ही टेक्स्ट को भरकर सभी प्रकार के टैक्स अदा किए जा रहे हैं|
  • इस प्रकार से यदि आप अंतिम उपभोक्ता नहीं है और आपने पहले किसी चरण में जीएसटी को जमा किया है| तो उसके बदले आपको क्रेडिट की प्राप्ति होगी जिसका इस्तेमाल आप जीएसटी की पेमेंट गवर्नमेंट को करने के लिए कर सकते हैं|
  • GST के पहले जो Tax System था उसमें State Government अपनी मर्जी के मुताबिक अपने राज्य में बेचे जाने वाले प्रोडक्ट पर टैक्स लगाती थी साथ ही उसका दाम भी अपने हिसाब से तय करती थी परंतु जीएसटी के कारण से अब ऐसा नहीं होगा

जी एस टी केप्रकार (Types of GST

जीएसटी को चार तरह से डिवाइडेड किया गया है जिनके बारे में हम आपको नीचे बताने वाले है

Central goods and service tax (CGST)

और अगर कोई सौदा (लेन-देन) एक ही राज्य के दो पार्टिओ के बीच हो रहा है तो केंद्र सरकार के हिस्से के रूप में सीजीएसटी को चुकाना पड़ता है

BHARAT MAIN KITNE AIRPORT HAI

State goods and service tax (SGST)

और अगर कोई सौदा एक ही राज्य के दो पार्टिओ (कारोबारियों) के बीच हो रहा हो तो उस राज्य सरकार के हिस्से के रूप में एसजीएसटी को चुकाना होता है

Union territory goods and service tax (UTGST)

और अगर कोई सौदा (लेनदेन) किसी केंद्र शासित राज्य के दो पार्टिओ (कारोबारियों) के बीच हो रहा है तो उस केंद्र शासित राज्य के हिस्से के रूप में UTGST चुकाना पड़ता है इसी को UGST भी कहते हैं

Integrated goods and service tax (ITGST)

और अगर कोई सौदा (लेनदेन) दो अलग-अलग राज्यों के कारोबारियों के बीच हो रहा हो तो केंद्र सरकार और राज्य सरकार दोनों का हिस्सा एक साथ ITGST के रूप में चुकाना पड़ता है| जिसे अकेले केंद्र सरकार के पास जमा किया जाता है बाद में केंद्र सरकार की ओर से राज्य सरकार की हिस्से का टैक्स भेज दिया जाता है ITGST में हिस्सा उस राज्य को मिलता है जिसे सप्लाई भेजी जाती हैं

GST लागूकरनेकीआवश्यकताक्योंहुई

और अगर हम भारतीय संविधान में टैक्स की जानकारी जो पुराने नियम थे उनमें ऑब्जेक्ट्स के प्रोडक्शन और सर्विस पर टैक्स लगाने का हक़ केंद्र सरकार के पास था| जबकि वस्तुओं की बिक्री पर टैक्स लगाने का हक़ राज्य सरकार को दिया गया था

और इसकी यही वजह थी सबने अपने अपने हिसाब के टेक्स बनाये और इसी के चलते कभी कभी टेक्स ले ऊपर भी टेक्स लग जाता था इस लिए छोटे मोठे कारोबारी को इन सब से निपटने में बहुत परेशानी होती थी

DRIVING LICENCE KESE BANWAYE

इन्ही परेशानी से निकलने के लिए जी एस टी को लागु किया गया इसकी यही वजह है इसको कानूनी रूप से लगाया गया मॉल और सर्विस देने के लिए दोनों पर लेगा गया और इसलिए इसको प्रोडक्शन से लेकर सेल तक लगया गया

प्रोडक्शन और सेल का अलग-अलग मच को ख़त्म करने के लिए जी एस टी जीका सिर्फ एक ही आधार पर किया गया सप्लाई इसके लिए बाकायदा टैक्स कानूनों में बदलाव किए गए और संसद में संविधान संशोधन की प्रक्रिया अपनाई गई|

GST Kya Hai जी एस टी के फायदे

जीएसटी लागू होने के अगर आप फायदे जाना चाहते हैं तो अब हम आपको जीएसटी के फायदे के बारे में बताएंगे

  • जीएसटी लागू होने की वजह से सबसे अधिक फायदा सामान्य जनता को हुआ है क्योंकि जीएसटी के अंतर्गत सभी उत्पादों की खरीदारी करने पर एक समान टैक्स लग रहा है|
  • जीएसटी लागू हो जाने की वजह से इनकम टैक्स के कर्मचारियों द्वारा भ्रष्टाचार नहीं किया जा सकता है|
  • जीएसटी के लागू होने की वजह से सर्विस टैक्स, सेंट्रल सेलिंग टैक्स, स्टेट सेलिंग टैक्स और वैल्यू ऐडेड टैक्स को खत्म कर दिया गया है|
  • Central Government के द्वारा लागू की गई GST व्यवस्था की वजह से इंडिया में टैक्स सिस्टम काफी आसान हो गया है|
  • जीएसटी आने के पहले हमें अलग-अलग प्रोडक्ट पर 30% से लेकर 35% तक टैक्स भरना होता था अब जीएसटी की वजह से हमें केवल 18% टैक्स ही भरना पड़ता है|

GST Kya Hai जी एस टी के नुकसान

  • आप सभी लोगों ने जीएसटी के फायदों के बारे में तो जानकारी प्राप्त कर ली है अब हम आपको जीएसटी के नुकसान बताएंगे|
  • जीएसटी आईटी संचालित कानून है यही वजह है कि एक बिजनेसमैन को वर्तमान में इस्तेमाल किए जाने वाले इआरपी सॉफ्टवेयर को जीएसटी के लायक बनना होगा या तो फिर उन्हें जीएसटी सॉफ्टवेयर को खरीदना होगा|
  • छोटे और मध्यम साइज के ऐसे बिजनेस जिन्होंने जीएसटी के लिए रजिस्टर नहीं करवाया है उन्हें जल्द से जल्द जीएसटी टैक्स सिस्टम को समझना होगा|
  • जीएसटी के लागू होने के बाद इंश्योरेंस रिनुअल प्रीमियम हेल्थ केयर कोरियर सर्विस डीटीएच सेवाएं महंगी हो गई है|
  • जो बिजनेसमैन अलग-अलग राज्यों में बिजनेस करते हैं उन्हें उन सभी राज्य में जीएसटी का रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य है|
  • GST के कारण दिव्यांग लोगों के इस्तेमाल में आने वाली व्हीलचेयर आवाज सुनने की मशीन जैसी चीजें भी टैक्स के दायरे में आ गई है

जी एस टी ने किन–किन करो का स्थान लिया है

जीएसटी आने से पहले करीब 3 दर्जन से भी ज़्यादा Indirect Tex थे उन सभी टैक्स को GST में समाहित कर दिया गया है| इस तरह से जिन टैक्स की जगह जीएसटी ने ली है उनके बारे में हम नीचे आपको बताएंगे

 Central excise duty

·        Duty of excise medical and toilet preparation

·        Additional duty of excise textile and textile product

·        Additional duty of excise on goods of special importance duty of custom

·        Service tax

·        Special additional duty of custom

·        Sees and service charge

·        Central sales tax

·        Value added tax

·        Entry tax

·        Entertainment tax

·        Purchase tax

·        Luxury tax

·        Tax on advertisement

·        Tax on lottery waiting and gambling

GST Rates List

जी एस टी के अंदर सभी ज़रूरी चीज़ो पर काम टेक्स और वही लक्ज़री चीज़ो पर ज़्यादा टेक्स लगाया गया है और इसी वजह से इसको इंसाफ के साथ लगाए जाने की पूरी कोशिश की है साथ ही कच्चे माल जैसे कि अनाज और ताजी सब्जियों पर टैक्स का परसेंटेज जीरो है
और इसी के साथ पढाई और दवाई दोनों चीज़ो से दूर रखा गया गई जी एस टी के रूल्स कुछ ऐसे है

5% GST- जिंदगी के लिए जरूरी वस्तुओं और सर्विस पर 5% GST है जैसे कि मसाला चीनी तेल खाद चाय कॉफी आदि|

  • 12% GST- दैनिक जीवन में काम आने वाली वस्तुओं और सर्विस पर 12% जीएसटी है जैसे कि मेडिसन, नमकीन, बिस्किट, दंत मंजन आदि|
  • 18% GST- दैनिक जीवन में थोड़ा बहुत इस्तेमाल करने वाली चीजों पर 18% जीएसटी है जैसे कि मिनरल वाटर डिटर्जेंट, चॉकलेट, शैंपू, आइसक्रीम, रेफ्रिजरेटर आदि|
  • 28% GST- लग्जरी अमौर हानिकारक कैटेगरी में आने वाली सर्विस और चीजों पर 28% जीएसटी है जैसे कि ऑटोमोबाइल, पान, मसाला, महंगे होटलों में ठहरना आदि

जीएसटी रजिस्ट्रेशन लेना किसके लिए जरूरी है


  • टर्नओवर लिमिट के हिसाब से नॉर्मल बिजनेसमैन के लिए|
  • जिन व्यापारियों की वार्षिक 4000000 का टर्नओवर है उन्हें जीएसटी लेना जरूरी है|
  • विशेष राज्य के बिजनेसमैन को वार्षिक 2000000 टर्नओवर होने पर जीएसटी लेना जरूरी है

Special category states GST

  Jammu Kashmir

·        Arunachal Pradesh

·        Assam

·        Meghalay

·        Mizoram

·        Manipur

·        Nagaland

·        Tripura

·        Uttrakhand

·        Himachal Pradesh