जब भारत में, जीएसटी लागू की जाती है, तो इसके लागू करते समय, सभी वस्तुओं को जीएसटी उद्देश्य के लिए एचएसएन संख्या के आधार पर वर्गीकृत भी कर दिया जाता है | एचएसएन एक प्रकार का कोड होता है, जिसका इस्तेमाल वर्तमान समय में, मुख्य रूप से भारत में मूल्य वर्धित कर की गणना करने के लिए सामानों के वर्गीकरण के लिए किया जाता है |

गुड्स एंड सर्विस टैक्स, जीएसटी को वर्गीकृत करने के लिए समान वर्गीकरण कोड (एचएसएन) अपनाया जाता है | एचएसएन कोड सभी सामानो में अलग-अलग होता है | इसलिए यदि आपको एचएसएन से सम्बंधित जानकारी नहीं प्राप्त है और आप इसके विषय में जानना चाहते है, तो यहाँ पर आपको HSN Full Form in Hindi | एचएसएन का मतबलब, फुल फॉर्म क्या है ? इसकी पूरी जानकारी प्रदान की जा रही है |
एचएसएन (HSN) का फुल फॉर्म
एचएसएन का फुल फॉर्म “Harmonized System Nomenclature” होता है, वहीं इसका हिंदी में उच्चारण “हॉर्मोनीज़ेड सिस्टम नोमेनक्लेचरे” होता है और इसे हिंदी भाषा में को “सामंजस्य नामकरण प्रणाली” कहा जाता है | यह Objects और Services के Classification का एक अन्तर्राष्ट्रीय तरीका माना जाता है |
एचएसएन का क्या मतबलब है ?
HSN एक कोड होता है | इस Code को प्रमुख रूप से GST Tax के तहत बेची जा रही सभी वस्तुओ का सही Classification और उन पर लागू होने वाले Tax के Rate को Fixed करने के लिए बनाया गया है | यह Code 2 Points, 4 Points, 6 Points और 8 Points के होते है | इसलिए ये कोड सभी वस्तुओ पर Tax के Rate के तहत अलग – अगल होते है | इसलिए Tax Rate विवाद से बचने के लिए अलग अगल वस्तुओ के लिए 2000 Code बनाये गये है | ताकि सभी वस्तुओं पर अलग-अलग लगाए जा सकते है |
CGST, SGST, IGST FULL FORM IN HINDI
HSN Code का वर्गीकरण
HSN कोड को 21 Groups मे Classified कर दिया गया है और HSN कोड के इन 21 भागो को HSN कोड के 99 Section मे Subclassified किया गया है | प्रत्येक Section को दो Points HSN नंबर के रूप मे Classified की प्रक्रिया की गई है | इसके बाद दो अंको के प्रत्येक HSN नंबर को 4 Points के HSN कोड मे Classified किया गया है | इस तरह के 4 अंको के HSN Code के आधार पर Subclassified 6 Points के HSN कोड के रूप मे किया जाता है |
एचएसएन से सम्बंधित महत्वपूर्ण जानकारी
भारत अपने सभी सामान और सेवा कर या जीएसटी के लिए पूरी तरह से तैयार है, जो सभी वस्तुओं और सेवाओं पर समान रूप से लागू किया जाता है | इसके साथ ही यह कई अप्रत्यक्ष करों को कम करता है, जिससे उपभोक्ता पर किसी भी वस्तु को लेकर बोझ न रहे | भारत केंद्रीय उत्पाद शुल्क और सीमा शुल्क शासन में 1986 से ही HSN प्रणाली का उपयोग करने लगा है | यह अधिक विस्तृत वर्गीकरण है, जिसने 6 अंकों की संरचना में एक और दो अंक जोड़ने का काम किया है | जीएसटी के तहत भारतीय निर्माताओं को एचएसएन की 3-स्तरीय संरचना का पालन करना होता है |
- INR 1.5 करोड़ से कम टर्नओवर वाले लोगों को HSN का पालन करना आवश्यक नहीं होता है |
- INR 1.5 करोड़ से अधिक के टर्नओवर वाले लोग INR 5 करोड़ से कम 2 अंकों वाले HSN कोड का उपयोग करते है |
- INR 5 करोड़ से अधिक के टर्नओवर वाले लोगों को 4 अंकों वाले HSN कोड का उपयोग करना होता है |
यहाँ पर हमने आपको एचएसएन से सम्बंधित जानकारी उपलब्ध कराई है | यदि इस जानकारी से रिलेटेड आपके मन में किसी प्रकार का प्रश्न या विचार आ रहा है, अथवा इससे सम्बंधित अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो कमेंट बाक्स के माध्यम से पूँछ सकते है, हम आपके द्वारा की गयी प्रतिक्रिया और सुझावों का इंतजार कर रहे है |