
Judge Kaise Bane दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम आपको जज के बारे में सभी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करेंगे| क्योंकि ऐसे बहुत से छात्र हैंI जो लॉ (कानून) की डिग्री हासिल करने के बाद जज बनने का ख़्वाब (Dream) देखते हैं ऐसे Students (छात्रों( के लिए आज का आर्टिकल दिलचस्प साबित होगा| क्योंकि आज के आर्टिकल के जरिये हम आपको Judge Kaise Bane के बारे में विस्तार से बताएंगे| अगर आप भविष्य में जज के रूप में अपना करियर बनाना चाहते हैं तो Judge Kaise Bane हमारे लेख को आखिर तक जरूर पढ़ें| यहाँ हम आपको बताएंगे कि जज कौन होता है जज बनने के लिए योग्यता, आयु सीमा,, वेतन ,प्रोसेस एवं न्यायाधीश बनने के लिए क्या करें| आदि न्यायाधीश के बारे में अधिक जानकारी हासिल करने के लिए Judge Kaise Bane आर्टिकल के साथ आखिर तक बने रहें.
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जज कौन होता है
अगर आप जानना चाहते हैं कि जज कौन होता है तो हम आपको बता दें कि जज वह व्यक्ति होता है जो अदालत (कोर्ट) में किसी भी अपराधी के खिलाफ सही और गलत का फैसला करता है हम उन्हें जज या न्यायाधीश भी कहते हैं एक न्यायाधीश अकेले या अन्य लोगों के साथ संयुक्त रूप से अदालत की कार्यवाही की अध्यक्षता करेगा| इसके अलावा आपको बता दें कि वह वकीलों या दोनों पक्षों की राय सुनने के बाद ही सही फैसला लेता है उसी को जज कहा जाता है| न्यायाधीश के बारे में अधिक जानकारी हासिल करने के लिए आर्टिकल को आखिर तक गौर से पढ़े.

Judge Kaise Bane
- अगर आप जज बनना चाहते हैं तो आपको सबसे पहले किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से10वीं और 12वीं कक्षा में उत्तीर्ण होना चाहिए|
- यह कक्षा आप किसी भी स्क्रीन से पास कर सकते हैं|
- इसके बाद आपको किसी भी मान्यता प्राप्त कॉलेज या यूनिवर्सिटी से एलएलबी डिग्री कोर्स करना होगा|
- और LLB Degree Course करने के बाद आपको जज के लिए आवेदन करना होगा|
- राज्य के हाई कोर्ट और राज्य लोक सेवा आयोग समय-समय पर जज भर्ती के लिए नोटिफिकेशन जारी करती रहती है जैसे ही आपके पास अप्लाई करने का Notification आए आपको तुरंत Apply करना होगा|
- जज के लिए आवेदन करने के बाद आपको न्यायिक सेवा परीक्षा में शामिल होना होगा|
- जैजी फिर सर्विस एग्जाम 3 चरणों में होता है प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा, साक्षात्कार|
- तीनों चरणों की परीक्षाओं में अच्छे अंक प्राप्त करने होंगे क्योंकि परीक्षा के अंकों के आधार पर ही मेरिट बनती है|
- मेरिट के आधार पर ही जज की नियुक्ति होती है|
भारतीय न्याय व्यवस्था के स्तर
सर्वोच्च न्यायालय सुप्रीम कोर्ट | पूरे भारत में एक |
राज्य न्यायपालिका या उच्च न्यायालय हाई कोर्ट | पूरे भारत में 24 |
जिला एवं सत्र न्यायालय | प्रत्येक जिले में एक |
जिला एवं सत्र न्यायालय के सरकार
जिला एवं सत्र न्यायालय तीन प्रकार के होते हैं:-
- दीवानी न्यायालय: दीवानी न्यायालय जमीन, जायदाद, और संपत्ति से संबंधित मुकदमों के फैसले करते हैं।
- फौजदारी न्यायालय: फौजदारी न्यायालय ज्यादातर दण्ड विधिक मुकदमों के फैसले करते हैं, जैसे कि हत्या, झगड़े, और अन्य दण्ड अपराध से संबंधित मुकदमे।
- राजस्व न्यायालय: राजस्व न्यायालय आयकर और टैक्स से संबंधित मुकदमों का फैसला करते हैं। यहाँ पर कर और राजस्व संबंधित कानूनी मुकदमों के निर्णय होते हैं।
दीवानी न्यायालय के पद
- जिला न्यायाधीश|
- अतिरिक्त जिला न्यायाधीश|
- व्यवहार न्यायाधीश प्रथम श्रेणी|
- व्यवहार न्यायाधीश द्वितीय श्रेणी|
फौजदारी न्यायालय के पद
- जिला एवं सत्र न्यायाधीश|
- अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश|
- मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी|
- अन्य न्यायिक दंडाधिकारी|
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राजस्व न्यायालय
- राजस्व बोर्ड
- आयुक्त
- कलेक्टर
- तहसीलदार
जज बनने के लिए योग्यता
- जो उम्मीदवार जज बनना चाहते हैं उन्हें किसी भी स्ट्रीम से 12वीं पास होना चाहिए.
- उम्मीदवारों के पास किसी भी मान्यता प्राप्त कॉलेज या विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री होनी चाहिए.
- जज बनने के लिए आपके पास वकील के रूप में 7 साल का कानूनी अनुभव होना चाहिए.
- आपके अंदर परिस्थिति के अनुसार सही और गलत निर्णय लेने की क्षमता होनी चाहिए.
- उम्मीदवार को आत्मविश्वासी और ईमानदार होना चाहिए.
- जज बनने के लिए आपको भारत का स्थायी निवासी होना चाहिए.
आयु सीमा (Age Limit)
भारत में न्यायिक सेवा में जज बनने के लिए आमतौर पर आयु सीमा 62 वर्ष से कम होती है नहीं। जज बनने के लिए आयु सीमा विभिन्न राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों में अलग-अलग हो सकती है, लेकिन यह सामान्यतः 21 से 35 वर्ष के बीच होती है, छूट और आरक्षित श्रेणियों (SC/ST/OBC) के आवेदकों के लिए भी भिन्न हो सकती है।
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न्यायाधीश बनने के लिए क्या करें
- 12वीं के बाद Common Law Admission Test (CLAT) परीक्षा में भाग लेना: आप CLAT परीक्षा में भाग लेकर न्यायिक स्टडीज के लिए चयन कर सकते हैं। CLAT के माध्यम से आपको विभिन्न नेशनल लॉ स्कूल्स और यूनिवर्सिटीज में प्रवेश मिलता है।
- B.A LLB की डिग्री प्राप्त करना: CLAT के बाद, आप बीए एलएलबी (बैचलर ऑफ आर्ट्स इन लॉ और लॉ) की डिग्री प्राप्त कर सकते हैं, जिसमें आपको न्यायिक शिक्षा दी जाती है। यह एक 5 वर्षीय कोर्स होता है।
- स्नातक के बाद 3 वर्षीय स्नातक कोर्स: आपके पास बीए या स्नातक की डिग्री के बाद आपके विचारात्मक विकास के लिए और अधिक शिक्षा प्राप्त करने का विचार हो सकता है।
- वकील के रूप में पंजीकरण: आपको वकालत के रूप में पंजीकृत होना होता है ताकि आप न्यायिक प्रैक्टिस कर सकें।
- 7 वर्ष के अनुभव के बाद न्यायाधीश की परीक्षा में भाग लेना: आपको न्यायिक सेवा में 7 वर्ष का अनुभव होने के बाद न्यायाधीश की परीक्षा में भाग लेने की अनुमति मिल सकती है।
यह सभी कदम न्यायिक सेवा में जज बनने के लिए आवश्यक होते हैं, और आपको उचित योग्यता के साथ इन कदमों को पूरा करना होता है।
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परीक्षा (Exam)
भारत के प्रत्येक राज्य में अपने न्यायिक सेवा (जज) की नियुक्ति के लिए राज्य लोक सेवा आयोग (State Public Service Commission) द्वारा एक विशेष न्यायिक सेवा परीक्षा का आयोजन किया जाता है। इस परीक्षा का उद्देश्य राज्य के न्यायिक सेवा में पदों की भर्ती करना होता है। यह परीक्षा राज्य के निर्दिष्ट प्राधिकृत निर्वाचन बोर्ड या आयोग द्वारा आयोजित की जाती है और प्राधिकृतता और पात्रता की आधार पर उम्मीदवारों को चयन करती है। यह परीक्षा विभिन्न राज्यों में अलग-अलग नामों से जानी जाती है, जैसे “राज्य न्यायिक सेवा परीक्षा” या “राज्य न्यायिक सेवा मुख्य परीक्षा,” आदि। यह परीक्षा उम्मीदवारों को ज्यादातर न्यायिक सेवा में जज के पदों के लिए चयन करने में मदद करती है और न्यायिक पदों की भर्ती की प्रक्रिया को स्थापित करती है।
न्यायिक सेवा परीक्षा के चरण
न्यायिक सेवा परीक्षा (Judicial Service Examination) तीन चरणों में होती है:-
- प्रारंभिक परीक्षा (Preliminary Examination): यह पहला चरण होता है और इसमें उम्मीदवारों का चयन विशेष रूप से टेस्ट किया जाता है। प्रारंभिक परीक्षा अक्सर वस्त्रीय प्रश्न पत्र (Objective type) होती है और इसमें सामान्य अध्ययन, विधिक प्रणाली, सामान्य ज्ञान, और न्यायिक प्रशासन के प्रश्न शामिल होते हैं।
- मुख्य परीक्षा (Main Examination): प्रारंभिक परीक्षा को पास करने वाले उम्मीदवार जारी मुख्य परीक्षा में भाग लेते हैं। मुख्य परीक्षा इस परीक्षा की महत्वपूर्ण भाग होती है और इसमें वाक्यांश, निबंध, ज्युडिशियल रिसर्च, और न्यायिक प्रक्रिया के विषयों पर प्रश्न पूछे जाते हैं।
- साक्षात्कार (Interview): मुख्य परीक्षा को पास करने वाले उम्मीदवारों को साक्षात्कार के लिए बुलाया जाता है। साक्षात्कार में उम्मीदवारों का व्यक्तिगत चयन और कौशल का मूल्यांकन किया जाता है, और उनसे न्यायिक और सामाजिक मुद्दों पर प्रश्न पूछे जाते हैं।
यह तीन चरण न्यायिक सेवा परीक्षा के माध्यम से जज के पदों की भर्ती की प्रक्रिया का हिस्सा होते हैं, और उम्मीदवारों को उनकी योग्यता और ज्ञान का प्रमाण देने में मदद करते हैं।
प्रारंभिक परीक्षा एग्जाम पैटर्न (Pre Exam Pattern)
Paper | Subject | Marks | Time |
Paper 1 | General Knowledge | 150 | 2 Hour |
Paper 2 | Law | 300 | 2 Hour |
मुख्य परीक्षा एग्जाम पैटर्न (Main Exam Pattern)
Paper | Subject | Marks | Time |
Paper | General Knowledge | 150 | 3 Hours |
Paper | Language | 200 | 3 Hours |
Paper | Law 1 Substantive Law | 200 | 3 Hours |
Paper | Law 2 Procedure Evidence | 200 | 3 Hours |
Paper | Law 3 Penal Revenue and Local | 200 | 3 Hours |
साक्षात्कार (Interview)
जो अभ्यार्थी मुख्य परीक्षा में सफल होते हैं, उन्हीं को साक्षात्कार के लिए बुलाया जाता है। यह साक्षात्कार 100 अंकों का होता है। यदि आप इस परीक्षा में सफल हो जाते हैं, तो आपको जज (Judge) के पद पर नियुक्त कर दिया जाता है।
जज या न्यायाधीश का वेतन
जज का वेतन राज्यों के आधार पर भिन्न-भिन्न होता है, लेकिन आमतौर पर यह 45 हजार से लेकर लगभग 50 हजार रुपये प्रतिमाह होता है, जबकि सीनियर जज की सैलरी लगभग 80 हजार से 90 हजार रुपये के बीच होती है। उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश का वेतन आमतौर पर 2.50 लाख रुपये होता है, और अन्य न्यायाधीशों का वेतन 2.25 लाख रुपये तक हो सकता है।
Conclusion
दोस्तों, आज के आर्टिकल के जरिये हमने आपको ‘Judge Kaise Bane’ के बारे में सभी विस्तार पूर्वक जानकारियां प्रदान की हैं। इसके अतिरिक्त, हमने आपको न्यायाधीश बनने के लिए क्या करें से संबंधित जानकारियां भी प्रदान की हैं। अगर आपका ख़्वाब (Dream) जज बनने का है और आप जज बनने के लिए सभी जानकारियां हासिल करना चाहते हैं, तो दोस्तों हमारे आर्टिकल को ध्यानपूर्वक पढ़कर आप न्यायाधीश के बारे में सभी जानकारियां Simple language में प्राप्त कर सकते हैं। अगर आपको हमारा आर्टिकल और हमारे लेख के जरिए न्यायाधीश के बारे में दी गई सभी जानकारियां पसंद आए तो आर्टिकल को शेयर जरूर करें.