वर्तमान समय में अब अधिकतर कार्य इंटरनेट की सहायता से किये जाने लगे है, क्योंकि आजकल ऐसे बहुत से कार्य है, जिन्हे घर बैठे ऑलाइन कर सकते हैं | इसके अलावा आप अपने ऑफिस, स्कूलों से सम्बंधित कार्यों को भी इंटरनेट से अपने फोन या लैपटॉप से बहुत ही आसानी के साथ कर सकते है, क्योंकि, वर्तमान समय में अब इंटरनेट का ही जमाना है | आप इंटरनेट की सहायता से किसी भी प्रकार की कोई भी जानकारी प्राप्त कर सकते है |

इसी तरह इंटरनेट की सहायता से किये जाने वालों कार्यों में अधिकतर DNS का ही इस्तेमाल किया जाता है, क्योंकि यह मुख्य रूप से एक एप्लिकेशन लेयर प्रोटोकॉल को परिभाषित करने का काम करता है | इसलिए यदि आपको डीएनएस के विषय में अधिक जानकारी नहीं प्राप्त है और आप डीएनएस के विषय में जानना चाहते है, तो यहाँ पर आपको DNS Full Form in Hindi, डीएनएस का मतलब क्या है ? इसकी पूरी जानकारी प्रदान की जा रही है |
डीएनएस का फुल फॉर्म | DNS FULL FORM
डीएनएस का फुल फॉर्म “Domain Name System” होता है। वहीं इसे हिंदी में “डोमेन नेम सिस्टम” कहा जाता है | यह एक ऐसा शब्द होता है, जो मुख्य रूप से इंटरनेट सेवा को संदर्भित करने का काम करता है, यह एक Domain Name का IP पते में अनुवाद करता है। वहीं जब आप आप किसी कारण वश , हर बार जब किसी विशेष डोमेन नाम का इस्तेमाल करते हैं, तो DNS सेवा संबंधित आई. पी. पते पर इसका अनुवाद कर देती है। उदाहरण के तौर पर, डोमेन नाम ‘ehowhindi.com‘ का अनुवाद ‘139.59.95.159‘ के रूप में किया जा सकता है।
डीएनएस (DNS) का क्या मतलब है ?
डीएनएस प्रमुख रूप से एक एप्लिकेशन लेयर प्रोटोकॉल को परिभाषित करता है, कि विभिन्न प्रणालियों पर चलने वाली एप्लिकेशन प्रक्रियाएं, संदेशों को एक-दूसरे को कैसे पास करने का काम कर देती है | यह एक निर्देशिका सेवा है, जो नेटवर्क पर होस्ट के नाम और उसके संख्यात्मक पते के बीच एक मानचित्रण को दर्शाने का काम करती है | DNS एक सेवा है, यह एक ऐसी सेवा है, जो डोमेन नाम को IP Addresses में Translate कर देती है | इसके साथ ही डीएनएस नेटवर्क के उपयोगकर्ताओं को IP Addresses को याद रखने के बजाय अन्य होस्ट की तलाश करते समय उपयोगकर्ता के अनुकूल नामों का उपयोग करने के लिए कहता है |
उदाहरण के तौर पर मान लीजिये कि, Tutorialsroot पर FTP साइट पर 122.137.145.60 का IP पता था अधिकतर लोग ऐसे हैं, जो ftp.tutorialsroot.com को निर्दिष्ट करके इस साइट तक बहुत ही आसनी पूर्वक पहुंच जाते है | इसलिए, IP Addresses की तुलना में डोमेन का नाम अधिक विश्वसनीय माना जाता है |
इसके अलावा DNS एक TCP, IP Protocol है, जिसका इस्तेमाल विभिन्न प्लेटफार्मों पर होता है | Domain Name को तीन अलग-अलग वर्गों में विभाजित किया गया है जैसे – Generic Domains, Country Domains और Inverse Domain
DNS कैसे काम करता है ?
DNS Servers की मदद से काम करता है, क्योंकि ऐसा तब किया जाता है, जब कोई उपयोगकर्ता वेब ब्राउज़र में डोमेन नाम लिखवा देता है, तो सबसे पहले Request DNS सर्वर पर जाती है | इसके बाद DNS Server Look up Table का उपयोग करके IP Address को निर्धारित कर देता है | फिर यह Proper Server के माध्यम से उपयोगकर्ता की वेब ब्राउज़र को अनुरोधित जानकारी प्रदान कर देता है | डीएनएस का अधिकतर इंटरनेट में इस्तेमाल किया जाता है |
इसके अतिरिक्त, एक DNS सिस्टम का अपना नेटवर्क होता है | इसलिए अगर एक DNS सर्वर को किसी विशेष डोमेन नाम का अनुवाद करने का तरीका नहीं मालूम हो पाता है, तो वह लगातार दूसरे सर्वर से, फिर दूसरे सर्वर से, और इसी तरह, जब तक वह सही IP Address नहीं प्राप्त कर लेता है तब तक वह Request Send करने की प्रक्रिया करता रहता है | एक DNS सर्वर अपने डोमेन नामों के साथ सभी IP Address की एक सूची की जानकारी भी रखता है, जिन्हें आवश्यकता पड़ने पर फिर से प्राप्त कर सकते है |
यहाँ पर हमने आपको डीएनएस (DNS) का मतलब क्या है ? इसके विषय में जानकारी उपलब्ध कराई है | यदि इस जानकारी से रिलेटेड आपके मन में किसी प्रकार का प्रश्न या विचार आ रहा है, अथवा इससे सम्बंधित अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो कमेंट बाक्स के माध्यम से पूँछ सकते है, हम आपके द्वारा की गयी प्रतिक्रिया और सुझावों का इंतजार कर रहे है |