जीएमटी किसी संस्था का नाम नहीं है, बल्कि जीएमटी एक स्थान का नाम है | यह वह स्थान है, जो ग्रीनविच इंग्लैड के लंदन शहर में स्थित है। वही एक ऐसा स्थान हैं, जहाँ से दुनियाभर के समय का निर्धारण किया जाता है | इसी जीएमटी से दुनियाभर के देशों का समय आगे या पीछे रहता है, हालांकि दुनिया मे समय का निर्धारण सूर्य के प्रकाश का धरती पर पड़ने की Event के मुताबिक़ ही हुआ है, लेकिन Greenwich Line के समय का समय सूर्य की Event के मुताबिक ही निर्धारित कर लिया गया, जिसकी वजह से अब पूरी दुनिया के Time का निर्धारण इसी ग्रीनविच रेखा के Time के अनुसार ही निर्धारित हुआ है |

यदि आप अभी जीएमटी के विषय में जानना चाहते है, तो यहाँ पर आपको जीएमटी का फुल फॉर्म क्या होता है, जीएमटी (GMT) का क्या मतलब है ? इसके विषय में विस्तृत जानकारी प्रदान की जा रही है |
जीएमटी का फुल फॉर्म
जीएमटी का फुल फॉर्म “Greenwich Mean Time” होता है, इसका हिंदी में उच्चारण “ग्रीनविच मीन टाइम” होता है | इसी की वजह टाइम का निर्धारण किया जाता है | इस समय का निर्धारण इंग्लैंड के ग्रीनिच में स्थित वेधशाला से किया जाता है। इसी समय को मानक मानकर संसार के विभिन्न देशों में समय क्षेत्र के मुताबिक समय को निर्धारित किया जाता है।
जीएमटी (GMT) का क्या मतलब है
जीएमटी को 1 जनवरी 1972 को एटॉमिक टाइम से बदला गया था, जो सकेंड के हजार-लाखवें हिस्से का भी हिसाब रखने का काम करता है। इसकी यही वजह थी कि, पृथ्वी की धुरी एक ही रफ्तार पर नहीं रहती है, जिसके कारण वह अपनी कक्षा में घूमने में कभी अधिक तो कभी कम समय लगाती है। वहीं, एटॉमिक घड़ियों पर ही आधारित समय होता है, उसे कोऑर्डिनेटेड यूनिवर्सल टाइम (यूटीसी) कहा जाता है, लेकिन इसके बाद भी जीएमटी के आधार पर ही दुनिया में समय का आकलन होता है। इसके अलावा जीएमटी को जुलू टाइम के नाम से भी जाना जाता है |
जीएमटी का उपयोग आधिकारिक तौर पर इंग्लैंड में होता है लेकिन इसका इस्तेमाल सर्दियों में ही किया जाता है, क्योंकि गर्मियों में वहां ‘ब्रिटिश समर टाइम’ का इस्तेमाल होता है। जीएमटी पश्चिमी यूरोप के समय के बराबर ही होता है। जीएमटी को ऐतिहासिक तौर पर दो भिन्न मानकों का आधार बनाया गया था। जिसे 1925 से पहले की खगोलीय विधि में दोपहर 12 बजे के समय को शून्यकाल कहा जाता था, जबकि उसी समय आम जनजीवन में रात्रि 12 को शून्यकाल कहलाता था । इसके बाद रात्रि समय को खगोलीय और आम जनजीवन के तौर पर मान्यता प्रदान की गई थी।
डेलाइट सेविंग टाइम क्या है | (Daylight Saving Time)
ग्रीष्म के दौरान सूर्य के प्रकाश का अधिक से अधिक इस्तेमाल करने के लिए समय में बदलाव कर दिया गया है |
शुरूआत: 20वीं शताब्दी में वैज्ञानिक जॉर्ज वैरन्न हडसन ने अपने विचार प्रदान किये थे |
कैसे: वसंत की शुरूआत में घड़ी को 1 घंटा आगे किया जाता है और पतझड़ में पुन: पीछे किया जाता है |
वहीं, 70 देशों में डेलाइट सेविंग आइम का इस्तेमाल किया जाता है | वहीं, 20 प्रतिशत आबादी दुनिया के डेलाइट सेविंग टाइम पर निर्भर रहती है |
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