दोस्तों आपने खासतौर पर यह भी देखा होगा कि दुनिया में सभी लोग डॉक्टर नहीं होते फिर भी उनके नाम के आगे डॉक्टर लगाया जाता है किसी भी तरह की पढ़ाई या फिर किसी क्षेत्र में महारत हासिल करने को PhD की डिग्री दी जाती है और दोस्तों कुछ क्षेत्रों में यह सवाल घूमता है कि Phd की फुल फॉर्म क्या होती है और PhD करने वाले छात्रों को डॉक्टर की डिग्री क्यों दी जाती है तो दोस्तों चलिये जानते है Phd का फुल फॉर्म (PHD Full Form in Hindi) क्या है? और Phd से जुड़ी हुई हर चीज के बारे में आपको इस आर्टिकल के जरिये से आपको जानकारी देंगे.

Phd का फुल फॉर्म:- (PHD Full Form)
दोस्तों PHD का फुल फॉर्म Doctor of Philosophy या दर्शनशास्त्र विशेषज्ञ (Philosophy) या इसे ही विद्यावाचस्पति भी कहा जाता है| Phd की डिग्री Universities के जरिये Education के सेक्टर (क्षेत्र) में दी जाने वाली सबसे जरूरी (important) डिग्री है और ज़्यादातर देशो में यह ग्रेजुएशन की सबसे बड़ी डिग्री भी है| PHD यानि डॉक्टर ऑफ़ फिलॉसफी की डिग्री मिलने के बाद किसी भी व्यक्ति के नाम के आगे डॉक्टर की डिग्री लग जाती हैं| इस तरह से आपको मालूम हो गया होगा की PHD की फुल फॉर्म Doctor of Philosophy होती है|
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Phd क्या है:- (What is Phd)
Phd यूनिवर्सिटीज के जरिये दी जाने वाली Supreme डिग्री है जिसको करने के बाद किसी छात्र के नाम के आगे डॉक्टर की डिग्री लग जाती है अगर देखा जाये तो Phd ग्रेजुएशन के फिल्ड (क्षेत्र) में दी जाने वाली Supreme (सुप्रीम) डिग्री है जिसके लिये छात्र को किसी भी विषय पर रिसर्च (Research) करनी होती है| अपना रिसर्च वर्क या थीसिस जमा करवाने और विशेषज्ञों के जरिये अनुमोदन (Approval) हासिल करने के बाद Candidate को Universities के जरिये Phd की डिग्री हासिल हो जाती है| जिन भी Fields (क्षेत्रों) के रिसर्च वर्क को एक्सेप्ट (Accept) किया जाता है वे अपने नाम के आगे डॉक्टर की डिग्री लगा सकते है हालांकि किसी भी सब्जेक्ट पर बेसिक रिसर्च करने वाले छात्रों को ही यह डिग्री प्रोवाइड (प्रदान) की जाती है|
Phd कैसे करें:- (How to do Phd)
दोस्तों देश के सभी चीफ (प्रमुख) यूनिवर्सिटीज के जरिये Phd डिग्री प्रोवाइड (प्रदान) की जाती है| Phd करने के लिये कैंडिडेट का मास्टर्स डिग्री कम्पलीट होना बहुत जरूरी है| पोस्ट ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद कैंडिडेट इससे जुड़ी फील्ड में रिसर्च कर सकते है जिसके लिए छात्रों को अपनी थीसिस सब्जेक्ट का चुनाव करना होता है| आमतौर पर Phd की डिग्री 5 साल की होती है| जिसमे रिसर्च पेपर प्रेश करना होगा जिसके बाद छात्रों को Phd की डिग्री प्रोवाइड (प्रदान) की जाती है| इंटेसिव रिसर्च वर्क में दिलचस्पी रखने वाले छात्र रिसर्च के लिए Phd डिग्री पूरी करते है|
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