एसडीएम (SDM) का फुल फॉर्म क्या होता है

वर्तमान समय में सभी जिलें में एक उप प्रभागीय न्यायधीश की आवश्यकता होती है, जिसके लिए प्रत्येक जिले में  SDM  को तैनात किया जाता है  क्योंकि एसडीएम मुख्य रूप से अपने जिले की सभी जमीन और  व्यापार की देख रेख  करता है और इसके बाद अपने मन मुताबिक़ कुछ फैसले भी लेता है | इसके अलावा वह एसडीएम ही होता है, जिले की सभी भूमि  का लेखा – जोखा करने का काम पूरा करता है | यह एक सम्मान जनक पद होता है, जिसमें व्यक्ति को सम्मान के साथ-साथ अच्छी सैलरी भी प्रदान की जाती है |

इसलिए यदि आप भी एसडीएम के विषय में जानना चाहते हैं, तो यहाँ पर आपको एसडीएम (SDM) का फुल फॉर्म क्या होता है, SDM का क्या मतलब होता है ? इसके विषय में पूरी जानकारी प्रदान की जा रही है | 

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एसडीएम (SDM) का फुल फॉर्म

SDM का फुल फॉर्म  “Sub Divisional Magistrate” होता है, और इसे हिंदी भाषा में  “उप प्रभागीय न्यायाधीश” कहा जाता है | एसडीएम का पद एक बड़ा पद होता है, इसलिए इसे कई विशेष शक्तियां  प्रदान की गई है | 

SDM का क्या मतलब होता है

SDM एक बड़ा अधिकारी होता है, जो मुख्य रूप से अपने जिले के प्रशासनिक,विकास, न्याय, और व्यवस्था बनाये रखने के लिये  कार्यों को करने की जिम्मेदारी बखूबी निभाता है | इसके साथ ही एसडीएम कानून और व्यवस्था रखरखाव, आंसूगैस के गोले छोड़ने, कर्फ्यू लगाने और भी कानूनी कार्यो की अनुमति  भी प्रदान कर सकता है।  वहीं, एसडीएम प्रमाण पत्र बनाने का काम , विवाह पत्र जारी करने के आदि कामो को करता है | 

एसडीएम (SDM) बनने हेतु शैक्षणिक योग्यता (EDUCATIONAL QUALIFICATION)

एसडीएम का डी प्राप्त करने वाले अभ्यर्थी को किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक  में सफलता प्राप्त करना अनिवार्य होता है | 

एसडीएम (SDM) बनने हेतु आयु सीमा (AGE LIMIT)

इस पद पर आवेदन करने वाले सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों की न्यूनतम आयु 21 वर्ष व अधिकतम आयु 40 वर्ष होनी चाहिए | वहीं अन्य पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों की न्यूनतम आयु 21 वर्ष व अधिकतम आयु 45 वर्ष होनी आवश्यक है |इसके अलावा अनुसूचित जाति और जन जाति के अभ्यर्थियों की न्यूनतम आयु 21 वर्ष व अधिकतम आयु 45 वर्ष होनी चाहिए | वहीं दिव्यांग अभ्यर्थियों की न्यूनतम आयु 21 वर्ष व अधिकतम आयु 55 वर्ष होनी अनिवार्य है |

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एसडीएम बनने हेतु चयन प्रक्रिया (SELECTION PROCESS)

इसकी परीक्षा का आयोजन तीन चरणों में किया जाता है | 

  1. प्रारम्भिक परीक्षा
  2. मुख्य परीक्षा
  3. साक्षात्कार

प्रारंभिक परीक्षा पैटर्न (PRELIMINARY EXAM PATTERN)

प्रारंभिक परीक्षा पैटर्न इस प्रकार है-

प्रश्न पत्र अंक
सामान्य ज्ञान-1 200
सामान्य ज्ञान- 2 200

मुख्य परीक्षा पैटर्न (MAIN EXAM PATTERN)

मुख्य परीक्षा पैटर्न इस प्रकार है-

प्रश्नपत्र अंक
हिंदी 150 अंक
निबंध 150 अंक
सामान्य अध्ययन 1 200 अंक
सामान्य अध्ययन 2 200 अंक
सामान्य अध्ययन 3 200 अंक
सामान्य अध्ययन 4 200 अंक
वैकल्पिक विषय पेपर 1 200 अंक
वैकल्पिक विषय पेपर 2 200 अंक

साक्षात्कार (INTERVIEW)

इन दोनों परीक्षाओं में सफलता प्राप्त कर लेने के बाद अभ्यर्थी को साक्षात्कार के लिए बुलाया जाता है, जिसमें अभ्यर्थी की योग्यता का आकलन किया जाता है | इसके बाद साक्षात्कार में सफलता प्राप्त कर लेने वाले अभ्यर्थी का चयन एसडीएम के पद पर कर दिया जाता है |

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SDM का अधिकार क्या है 

  1. एक एसडीएम को कई अधिकार प्रदान किये जाते हैं क्योंकि SDM को  अपने राज्यों के लोकसभा और विधानसभा के सदस्यों का चुनाव करवाने का अधिकार प्राप्त है | 
  2. SDM  को अलग अलग प्रकार के पंजीकरण  कराने का अधिकर प्रदान किया गया हैं जिनमें जाति प्रमाणपत्र आदि शामिल होते हैं।  इसके साथ ही एसडीएम को licence जारी  कराने औ  उसका नवीकरण  की देख रेख करने का अधिकार दिया जाता है |
  3. यदि शादी के बाद किसी भी महिला की मौत शादी के 7 साल के अंदर हो जाती  है तो SDM को निजी तौर पर इसकी जांच कराने का अधिकार प्राप्त होता है |

एसडीएम का वेतन (SALARY)

एसडीएम का वेतन ग्रेड पे के मुताबिक  न्यूनतम वेतन 53,000 रूपए व 67,700 रूपए तथा अधिकतम 1 लाख रूपए से भी अधिक प्रदान किया जाता है |

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यहाँ पर हमने आपको एसडीएम के फुल फॉर्म के विषय में जानकारी उपलब्ध कराई है | इसके विषय में जानकारी उपलब्ध कराई है | यदि इस जानकारी से रिलेटेड आपके मन में किसी प्रकार का प्रश्न या विचार आ रहा है, अथवा इससे सम्बंधित अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो कमेंट बाक्स के माध्यम से पूँछ सकते है, हम आपके द्वारा की गयी प्रतिक्रिया और सुझावों का इंतजार कर रहे है |

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