देश दुनिया में सभी लोग अपना काम खत्म करके थोड़ी देर अपना समय व्यतीत करने के लिए कुछ समय टेलीविजन देखना पसंद करते हैं, जिससे उन्हें देश दुनिया के विषय में कुछ जानकारी भी प्राप्त हो जाती है और उनका कुछ फ्री समय भी अच्छे से व्यतीत हो जाता है | वहीं टेलीविजन को कितने लोग देख रहें हैं और कितने लोग इसे कितनी देर देखते हैं इसके लिए टेलीविजन में टीआरपी का इस्तेमाल किया गया है |

टीआरपी एक प्रकार की गणना होती है, जिसकी सहायता से यह जानकारी प्राप्त की जाती है कि, किसी एक जगह में कितने लोग टीवी में किस चैनल को दिन में कितनी देर देखते है इसलिए यदि आप भी टीआरपी के विषय में जानना चाहते है, तो यहाँ पर आपको टीआरपी का फुल फॉर्म क्या है , TRP क्या होता है , टीआरपी की कैलकुलेशन कैसे होती है | इसकी पूरी जानकारी प्रदान की जा रही है |
टीआरपी (TRP) क्या होता है
टीआरपी गणना करने का एक बेहतरीन रास्ता है | यह एक ऐसा उपकरण हैं, जो कुछ घरों के टीवी में लगाया जाता है, जिससे टीआरपी के विषय में जानकारी प्राप्त की जा सकती है और इससे मालूम किया जाता है कि, उस टीवी में कौन सा चैनल कितनी देर देखा गया है? इसी के साथ यह भी जानकारी प्राप्त की जाती है कि, उस इलाके में मौजूद सभी घरों में लोग टीवी पर कौन सा चैनल कितनी देर देखना पसंद करते है |
टीआरपी का फुल फॉर्म (trp KA full form in hindi)
टीआरपी का फुल फॉर्म TRP – “Target rating point” होता है। इसका हिंदी में उच्चारण “टारगेट रेटेड पॉइंट ” होता है | इसका अर्थ यह होता है कि, निश्चित इलाके में कितने बार एक निर्धारित प्रोग्राम देखा गया है | इसके अलावा टीआरपी उपकरण से उस टीवी में देखे गए सभी प्रोग्राम के समय के साथ आसानी से रिकॉर्ड किया जा सकता है लेकिन इस उपकरण को सफल बनाने के लिए एक बार गणना करने के लिए कम से कम 30 दिनों का डेटा प्राप्त किया जाता है, जिससे इसकी गणना की जाती है |
टीआरपी का उपयोग (Use of Trp )
- टीआरपी का उपयोग टीवी पर विज्ञापन दिखाने के लिए किया जाता है।
- टीआरपी उपकरण का इस्तेमाल करके निर्धारित चैनल को किसी एक इलाके में कितनी बार देखा जाता है और कितने देर के लिय देखा जाता है | यह भी मालूम किया जाता है |
- टीआरपी के लिए, गाँवों में स्टार प्लस, जी टीवी, आज तक, कलर्स, दंगल जैसे चैनल सबसे अधिक देखे जाते हैं तो इन कारणों से बड़ी कंपनियां अपने विज्ञापन ऐसे ही चैनलों को प्रदान करती है, जिससे उनका मुनाफा हो सके |
- क्रिकेट मैच को भी एक साथ करोड़ों लोग देखते हैं, जिसके लिए लोगों द्वारा स्पोर्ट्स का चैनल अधिक देखा जाता है, तो इन चैनल के लिए टीआरपी मापी जाती है, और उसी पर निर्धारित उनपर विज्ञापन चलाये जाते हैं।
टीआरपी की कैलकुलेशन कैसे होती है
- कोई कंपनी किसी इलाके में टीवी पर अपने विज्ञापन दिखाने का प्रारूप बनाये हुए हैं, तो वह कंपनी इसके लिए सबसबे पहले उस इलाके का टीआरपी डेटा एकत्रित करने का काम पूर्ण करती है ।
- उसके बाद कंपनी निर्धारित करती है, कि प्रत्येक व्यक्ति के विज्ञापन देखने से उसको औसतन कितना लाभ प्राप्त हो सकता है | यह सब तय करने के बाद विज्ञापन जारी करने वाली कंपनी उस इलाके में टीवी देखने वाले लोगों का डेटा एकत्रित करती है |
- इन दोनों का गुणा किया जाता है और इसके बाद जो संख्या निकलती है, कंपनी उस हिसाब से अपने विज्ञापन चैनल को देती है और उसके पैसे भी चुकाती है |
- इसी प्रकार यदि कंपनी इन्टरनेट पर विज्ञापन दिखाने का काम करती है तो इसके लिए कंपनियां व्यूज या इम्प्रैशन का उपयोग करती हैं |
- उसके बाद इसी के आधार पर पैसे की रकम तय की जाती है |
यहाँ पर हमने आपको टीआरपी के फुल फॉर्म के विषय में जानकारी उपलब्ध कराई है | यदि इस जानकारी से रिलेटेड आपके मन में किसी प्रकार का प्रश्न या विचार आ रहा है, अथवा इससे सम्बंधित अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो कमेंट बाक्स के माध्यम से पूँछ सकते है, हम आपके द्वारा की गयी प्रतिक्रिया और सुझावों का इंतजार कर रहे है |