देश में अधिकतर सभी लोग एक अच्छी नौकरी प्राप्त करने की इच्छा रखते है, जिसके लिए लोग कड़ी मेहनत के साथ पढ़ाई के साथ-साथ कई कोर्स करते है, क्योंकि बहुत से अभ्यर्थी ऐसे होते है, जो डॉक्टर, इंजीनियर, वकील या फिर अध्यापक बनना चाहते है | इसी तरह बीएएमएस का भी एक कोर्स होता है | यह एक ऐसा कोर्स होता है, जिसे करने के बाद लोग आयुर्वेदिक चिकित्सा और सर्जरी के स्नातक कहलाते है |

यह कोर्स भी एक अच्छा और महत्वपूर्ण कोर्स माना जाता है, जिसे करने के लिए अभ्यर्थियों को कठिन परिश्रम के साथ पढ़ाई करनी होती है | इसलिए यदि आपको बीएएमएस से सम्बंधित अधिक जानकारी नहीं प्राप्त है और आप इसके विषय में जानना चाहते है, तो यहाँ पर आपको BAMS Full Form in Hindi | बीएएमएस का फुल फॉर्म और मतबलब क्या है ? इसकी पूरी जानकारी प्रदान की जा रही है |
बीएएमएस (BAMS) का फुल फॉर्म
बीएएमएस का फुल फॉर्म “Bachelor of Ayurvedic Medicine and Surgery” होता है, वहीं इसका हिंदी में उच्चारण “बैचलर ऑफ़ आयुर्वेदिक मेडिसिन एंड सर्जरी” होता है और इसे हिंदी भाषा में “आयुर्वेदिक चिकित्सा और सर्जरी के स्नातक” के नाम से जाना जाता है|
बीएएमएस का क्या मतलब है ?
BAMS एक कोर्स होता है, जिसमें अभ्यर्थियों को एक आयुर्वेद चिकित्सक बनने की पढाई करनी होती हैं | यह कोर्स प्रमुख रूप से एक अंडरग्रेजुएट Course होता हैं | इस कोर्स को करने के लिए अभ्यर्थी को 12 वी की कक्षा में सफलता प्राप्त करना आवश्यक होता है | इस कोर्स को पूरा कम्प्लीट कर लेने के बाद आप एक आयुर्वेद के चिकित्सक बन सकते है, क्योंकि BAMS कोर्स पूरा कर लेने के बाद अभ्यर्थी को मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से आयुर्वेदाचार्य की उपाधि प्राप्त हो जाती हैं, जिससे समझ लिया जाता है, कि आपको आयुर्वेद की समझ और अभ्यास हैं और आप इसके विशेषज्ञ बन सकते है |
इस कोर्स को करने में अभ्यर्थी को पूरे साढ़े 5 साल का समय लग जाता है | इस कोर्स में अभ्यर्थियों आयुर्वेद के साथ ही आधुनिक दवाओं का भी ज्ञान कराया जाता है | भारतीय शिक्षा प्रणाली में BAMS की डिग्री बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है, क्योंकि इसमें अभ्यर्थी को नेचुरल हर्ब्स के द्वारा ट्रीटमेंट करना सिखाया जाता है |
BAMS का कोर्स करने के लिए योग्यता
- यदि अभ्यर्थी एक आयुर्वेद के Doctor का पद प्राप्त करना चाहते है, तो इसके लिए अभ्यर्थी को12 वीं कक्षा मेडिकल साइंस के साथ पास करना आवश्यक होता है |
- 12वीं की कक्षा में अभ्यर्थी के पास विषयों में रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान, भौतिक विज्ञान विषय होना जरूरी होता है |
- 12वी कक्षा में अभ्यर्थी को 50% या अधिक अंक प्राप्त करने अनिवार्य है |
- BAMS में प्रवेश के लिए अभ्यर्थी की कम से कम आयु 17 साल होनी चाहिए |
BAMS Subjects
- Charak
- Sanskrit
- Rog Nidhan
- Dravyaguna
- Kaumarbharitya
- Shalya Tantra
- Kayachikitsa
- Sharir Kriya
- Sharit Rachna
- Padarth Vigyan
- Shalakya Tantra
- Prasuti Tantra
- Ashtang Sangreh
- History of Ayurveda
- Rasshasrta & Baishiya Kalona
बीएएमएस के लिए कोर्स
BAMS कोर्स के अंतर्गत विभिन्न प्रकार के विषय पर पढाई कराई जाती है, जिनके नाम इस प्रकार से है-
- शारीरीक रचना विज्ञान (Phusical Anatomy)
- शारीरीक क्रिया विज्ञान (Physiology)
- आँख की चिकित्सा (Ophthalmology)
- शल्यक्रिया के शिद्धान्त (Principal of Surgery)
- चिकित्सा के सिद्धान्त (Principal of Therapy)
- फर्माकोलोजी (Pharmacology)
- विषविज्ञान (Toxicology)
- फोरेंसिक चिकित्सा
- कान नाक-गले की चिकित्सा
BAMS के बाद रोजगार के क्षेत्र
- Hospitals
- Health Centres
- Medical Tourism
- Private Practice
- Educational Institutes
- Herbal Product Manufactures
- Pancha Karma (Massage) Centres
BAMS के बाद जॉब प्रोफाइल
- Nurse
- Teacher
- Therapist
- Researcher
- Consultants
- Kaya Chikitaka
- Shalya Chikitaka
- Nutrition Expert
- Medical Officer
- Production Manager
- Ayurvedic Supervisors
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