CJI KA FULL FORM IN HINDI भारत में न्याय प्रक्रिया की सबसे उच्च संस्था सर्वोच्च न्यायालय है | इसके द्वारा सभी प्रकार के बड़े मुद्दों को सुलझाया जाता है | भारत के संविधान में सुप्रीम कोर्ट में एक चीफ जस्टिस की व्यवस्था की गयी है | यह न्याय प्रक्रिया का सबसे प्रमुख व्यक्ति होता है|

प्रधान न्यायाधीश की नियुक्ति के लिए सर्वोच्च न्यायालय की परंपराओं का पालन किया जाता रहा है | इस पेज पर CJI Ka Full Form In Hindi, सीजेआई (CJI) का क्या मतलब है, के विषय में बताया जा रहा है |
सीजेआई (CJI) का फुल फॉर्म (Full Form)
सीजेआई (CJI) का फुल फॉर्म “Chief Justice of India” होता है | हिंदी में इसे “भारत का मुख्य न्यायाधीश“ कहा जाता है | यह भारत की न्यायपालिका और भारत के सर्वोच्च न्यायालय में सबसे अधिक प्रमुख पद होता है | मुख्य न्यायाधीश के द्वारा प्रशासनिक कार्यों का भी संचालन किया जाता है| मुख्य न्यायाधीश के द्वारा मामलों के आवंटन और संवैधानिक पीठों की नियुक्ति की जाती जाती है| इनके द्वारा कानून के महत्वपूर्ण मामलों को सुलझाया जाता है|
सीजेआई (CJI) का क्या मतलब है
भारत के सर्वोच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश को सीजेआई कहा जाता है | सर्वोच्च न्यायालय में यह सबसे प्रमुख होते है | भारतीय संविधान में मुख्य न्यायाधीश के विषय में विस्तार पूर्वक बताया गया है | संविधान के अनुच्छेद 145 तथा सर्वोच्च न्यायालय नियम के अनुच्छेद 1966 के अनुसार मुख्य न्यायाधीश के द्वारा अन्य न्यायाधीशों के कार्य का वितरण किया जाता है |
सीजेआई (CJI) की नियुक्ति
भारत के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति के द्वारा किया जाता है | न्यायाधीशों की नियुक्ति से संबंधित प्रक्रिया में शीर्ष अदालत के वरिष्ठतम न्यायाधीश को उपयुक्त माना जाता है | वरिष्ठतम न्यायाधीश का अर्थ न्यायाधीश की आयु से नहीं बल्कि सुप्रीम कोर्ट में सेवा काल से होता है | निर्धारित समय पर निवर्तमान प्रधान न्यायाधीश से अगले सीजेआई की नियुक्ति के बारे में सिफारिश मांगी जाती है | यह सिफारिश भारत सरकार के माध्यम से राष्ट्रपति के पास भेजी जाती है | राष्ट्रपति की स्वीकृति के बाद अगले नए मुख्य न्यायाधीश की अधिसूचना जारी कर दी जाती है |
सीजेआई का उत्तरदायित्व
लंबित मुकदमें
सीजेआई न्यायिक प्रक्रिया का एक प्रमुख पद है, इसके द्वारा अधिक से अधिक और जल्द से जल्द मामलों का निस्तारण करना चाहिए | अभी तक भारतीय अदालतों में 3.53 करोड़ से अधिक मामले लंबित हैं | सर्वोच्च न्यायालय में ही 58,669 मामले लंबित पड़े हुए हैं, इनमें से 40,409 मामले तो ऐसे हैं जो बीते 30 वर्षों से लंबित हैं | मुख्य न्यायाधीश को एक विस्तृत कार्य योजना के साथ इन सबका हल निकलना होता है | भारत के नागरिकों का विश्वास न्यायिक प्रक्रिया पर बना रहे है इसके लिए सीजेआई को उचित कदम उठाने की आवश्यकता है |
नवीनतम आर्थिक सर्वेक्षण से यह जानकारी प्राप्त होती है इन सभी लंबित मामलों के निस्तारण के लिए लगभग 8,521 न्यायाधीशों की आवश्यकता है | अभी तक उच्च न्यायालय और निचली अदालतों में 5,535 न्यायाधीशों की कमी बनी हुई है | सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों की संख्या 31 है, मुकदमों के आधार पर सर्वोच्च न्यायालय में आठ अतिरिक्त न्यायाधीशों की आवश्यकता है, इन न्यायाधीशों की कमी को सीजेआई के द्वारा प्रमुखता से लेना चाहिए |
जेलों में बंद विचाराधीन क़ैदी
भारतीय जेलों में अभी तक चार लाख कैदी बंद है, जो अपनी सुनवाई की प्रतीक्षा कर रहे है | उन्हें यह प्रतीक्षा अंतहीन प्रतीत हो रही है | इन कैदियों में उनकी संख्या सबसे अधिक है, जिन्हें यदि जमानत प्रदान कर दी जाए तो भी उनके पास जमानत चुकाने के लिए धन उपलब्ध नहीं है | इस प्रकार के कैदियों को तब तक दोषी नहीं माना जा सकता है जब तक उनका दोष साबित न कर दिया जाये | इसका प्रमुख कारण मुक़दमों में होने वाली देरी है |
एक मुख्य न्यायाधीश के रूप में मुक़दमों में होने वाली देरी को रोकने के लिए प्रयास करना चाहिए | इसका हल विचार-विमर्श के बाद कुछ रणनीतिक नीतिगत क़दम बढ़ाने की आवश्यकता है और चल रही प्रक्रिया की कमी को दूर करना चाहिए |
सीजेआई (CJI) के कार्य
- सीजेआई (CJI) सर्वोच्च न्यायालय का प्रमुख होता है |
- मुख्य न्यायाधीश के द्वारा प्रशासनिक कार्यों में भाग लिया जाता है |
- इसके द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में प्रशासक की भूमिका निभाई जाती है |
- यह सर्वोच्च न्यायालय में होने वाले सभी कार्यों के लिए अनुमति प्रदान करता है |
- मुख्य न्यायाधीश के द्वारा रोस्टर का रखरखाव किया जाता है |
- इसके द्वारा संबंधित न्यायालय के अधिकारियों और सामान्य और विविध मामलों की नियुक्ति की जाती है |