भारत में ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था | इन्ही सभी समस्याओं को देखते हुए भारत सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में विकास को बढ़ाने के लिए एक फैसला लिया और उन्होंने इस ग्रामीण लोगों की समस्याओं का खात्मा करने के लिए राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) की स्थापना कर दी है । स्थापना हो जाने के बाद नाबार्ड इस क्षेत्र में बेहतर काम कर रहा है, जिसकी वजह से उसकी उपयोगिता भी बढ़ती ही जा रही है।

नाबार्ड बैंक के साथ-साथ ग्रामीण उद्योग के विकास में भी अपनी अहम भूमिका निभा रहा है। इसलिए यदि आपको नाबार्ड के विषय में अधिक जानकारी नहीं प्राप्त है और आप इसके विषय में जानना चाहते है, तो यहाँ पर आपको नाबार्ड का फुल फॉर्म क्या है? पूरा नाम, NABARD का क्या मतलब है ? इसकी पूरी जानकारी प्रदान की जा रही है |
नाबार्ड (NABARD) का फुल फॉर्म
नाबार्ड का फुल फॉर्म “National Bank for Agriculture and Rural Development” होता है | वहीं इसका हिंदी में उच्चारण “नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट” होता है | यह भारत में शीर्ष विकास बैंक है | इसका मुख्यालय मुंबई, भारत और महाराष्ट्र में स्थित है |
नाबार्ड की स्थापना कब हुई थी ?
राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) की स्थापना सन 1982 में गई थी। प्रबंध निदेशक को नाबार्ड की संचालन की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके साथ ही भारत के अलग-अलग राज्यों और शहरों में नाबार्ड की शाखाएं और कार्यालय स्थित हैं। यह प्रमुख रूप से राज्य सरकारों के साथ मिलाकर कार्यों को पूरा करता है इसके लिए केंद्र सरकार कभी-कभी बजट भी जारी करता है, ताकि ऐसा करने से ग्रामीण इलाकों में पब्लिक सेक्टर से जुड़ी योजनाओं में नाबार्ड की भूमिका को आसानी पूर्वक बढ़ाया जा सके ।
नाबार्ड (NABARD) का प्रमुख उद्देश्य क्या है ?
नाबार्ड प्रमुख रूप से राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक कृषि, कुटीर उद्योग और ग्रामीण उद्योग के विकास के लिए ऋण प्रवाह को सुविधाजनक बनाता है। भारत में ऐसी ढेर सारी योजनाओं की शुरुआत की गई हैं, जिनमें लोगों को नाबार्ड के तहत ऋण प्रदान किया जाता है। ग्रामीण क्षेत्रों में उद्योग को बढ़ाने के लिए कुटीर उद्योग को गतिशील बनाने के लिए नाबार्ड तेजी से काम कर रहा है। इसी तरह यह कृषि क्षेत्र में भी किसानों के लिए लोन की सुविधा देने का भी काम करता है, क्योंकि ऐसा करने से किसानो को बहुत ही अधिक राहत प्राप्त होती है |
नाबार्ड (NABARD) के मुख्य कार्य
- नाबार्ड निगरानी और पुनर्वास योजनाओं का निर्माण करता है और साथ ही में ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में संस्थाओं और लोगों के लिए ऋण का भी प्रबंध करता है |
- नाबार्ड एकीकृत ग्रामीण विकास कार्यक्रम (आईआरडीपी) के तहत गठित की गई परियोजनाओं को उच्च प्राथमिकमा दिलाने का काम करता है |
- यह प्रमुख रूप से गरीबी उन्मूलन कार्यक्रमों को बढ़ावा देने के लिए पूंजी की व्यवस्था करता है और साथ ही में एजेंसियों के लिए काम को आसान बनाता है।
- यह सहकारी और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों का निरीक्षण करता है और जब आवश्यकता होती है, तो उनके लिए दिशा-निर्देश भी जारी करता है।
NABARD ग्रामीण ऋण योजनाओं पर क्या काम करता है ?
नाबार्ड देश के सभी जिलों के लिए सालाना ऋण योजनाओं को तैयार करता है और ग्रामीण बैंकिंग और कृषि के क्षेत्र में विकास को बढ़ावा देता है। इसके अलावा नाबार्ड को उन संस्थाओं के लिए एक रिफाइनेंसिंग एजेंसी भी कहा जाता है, जो प्रमुख रूप से ग्रामीण विकास के लिए विकासात्मक कार्यक्रमों को बढ़ावा देने के लिए निवेश और उत्पादक ऋण प्रदान करते हैं । इसके साथ ही नाबार्ड कुटीर और लघु उद्योग को बढ़ावा देने के लिए कार्यक्रमों का संचालन भी करता है ।
यहाँ पर हमने आपको नाबार्ड के फुल फॉर्म के विषय में जानकारी उपलब्ध कराई है | यदि इस जानकारी से रिलेटेड आपके मन में किसी प्रकार का प्रश्न या विचार आ रहा है, अथवा इससे सम्बंधित अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो कमेंट बाक्स के माध्यम से पूँछ सकते है, हम आपके द्वारा की गयी प्रतिक्रिया और सुझावों का इंतजार कर रहे है |