SLR, CRR Full Form in Hindi

SLR बैंक से सम्बंधित संस्था है, जो बैंक को रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया के निर्देश पर एक निश्चित अनुपात में लोगों द्वारा जमा कराई गयी धन राशि, सोना, और भी मूल्यवान चीजों का निवेश सरकार द्वारा चलाई गयी ब्रांड में करने का कार्य पूरा करता है | वहीं सीआरआर भी इससे मिलती जुलती एक संस्था है | वहीं  देश के कुछ नियमो के मुताबिक़  हर बैंक को कुल जमा नकद राशि का कुछ निश्चित हिस्सा रिजर्ब बैंक ऑफ़ इंडिया के पास सुरक्षित रखना होता है, तो इस तरह की जाने वाली प्रक्रिया को  Cash Reserve Ratio (CRR)  कहते है  | यह नियम लोगों  को सुविधा प्रदान करने के लिए बनाया गया है |

इसलिए यदि आप भी  एसएलआर (SLR) और सीआरआर (CRR) के विषय में जानना चाहते है, तो यहाँ पर आपको एसएलआर (SLR) और सीआरआर (CRR) का फुल फॉर्म क्या है, SLR, CRR का क्या मतलब है ? इसके विषय में पूरी जानकारी प्रदान की जा रही है | 

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एसएलआर (SLR) का फुल फॉर्म

एसएलआर (SLR) का फुल फॉर्म “Statutory liquidity ratio” होता है | इसका हिंदी में उच्चारण “स्टैचुटरी लिक्विड रेश्यो” होता है | एस एल आर  से अर्थव्यवस्था में धन की संचार को अच्छे से नियंत्रित किया जा सकता है।

सीआरआर (CRR) का फुल फॉर्म

सीआरआर (CRR) का फुल फॉर्म “Cash Reserve Ratio” होता है | इसका हिंदी में उच्चारण “कैश रिजर्व रेशियो ” होता है | CRR को इस बनाया गया है ताकि, लोगों को उनका पैसा उनकी जरूरत के मुताबिक़ समय पर प्रपात हो जाए |

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एसएलआर (SLR) का क्या मतलब है

एसएलआर (SLR)  में मुख्य रूप से जानकारी प्रदान की जाती है कि, इसमें  कितना धन रखने की आवश्यकता होती है | इसमें नियम के  मुताबिक रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया  द्वारा एक निर्देश जारी किया जाता है, जिसके तहत सभी बैंको को उन्हें एक निश्चित अनुपात का धन राशि, सोना या अन्य मूलयवान चीजें सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त बॉन्डों में निवेश करना पड़ता है | ऐसा नियम इसलिए बनाया गया है ताकि कोई भी बैंक उधार देने की एक लिमिट बनाकर रखे और किसी भी व्यक्ति को अधिक उधार न दे।

सीआरआर (CRR) का क्या मतलब है

सीआरआर (CRR) को एक बहुत ही अच्छा साधन कहा जाता है | यह एक ऐसा साधन है, जिसके माध्यम से  रिज़र्व बैंक के पास बिना रिवर्स रेपो रेट में कोई बदलाव किये बाजार से नकदी की तरलता को कम बहुत ही आसानी के साथ कम किया जा सकता है। इसके अलावा  बैंकों को CRR में वृद्धि  प्राप्त  होने पर उन्हें अपनी जमा धन राशि का बड़ा हिस्सा RBI के पास जमा करना पड़ जाता है | यही कारण है कि बैंक को लोन देने के लिए कम धन राशि बच  पाती हैं, जिससे बैंक लोगो को भी लोन नहीं प्रदान कर पाती है | इसके अतिरिक्त यदि आप सोच रहें कि, क्या सीआरआर में किसी प्रकार का कोई बदलाव नहीं किया जा सकता है, लेकिन ऐसा नहीं है CRR में किसी भी प्रकार का बदलाव तब किया  जा सकता है जब बाज़ार में नकदी की तरलता पर तुरंत  ही किसी प्रकार प्रभाव डालना होता है, क्योंकि बाजार को सबसे अधिक असर CRR से ही पड़ता है | 

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एसएलआर (SLR) के प्रमुख कार्य  

  • एसएलआर (SLR) मुख्य रूप से बैंक द्वारा अर्थव्यवस्था में धन के संचार को नियंत्रित रखने का काम करता है |
  • एसएलआर को पूरा करने के लिए बैंक नगदी, सोना, अधिकृत रिन्प्त्रों का  इस्तेमाल किया जा सकता है | 
  • एसएलआर चलनिधि के रूप में बैंकों के साथ बनाने का काम करता है | 
  • एसएलआर में कमी का अर्थ है , बैंकों के पास अधिक पैसा होगा । घर गाड़ी तथा वाणिज्य ऋण की दर में कमी आने की संभावना होती है |

Key RBI Policy Rates and Ratio – February, 2019

  • Current Bank Rate – 6.50%
  • Current Repo Rate – 6.25%
  • Current Reverse Repo Rate – 6.00%
  • Current Marginal Standing Facility – 6.50%
  • Current Cash Reserve Ratio – 4%
  • Current Statutory Liquidity Ratio –  19.25%

यहाँ पर हमने आपको एसएलआर (SLR) और सीआरआर (CRR) के फुल फॉर्म के विषय में जानकारी उपलब्ध कराई है | इसके विषय में जानकारी उपलब्ध कराई है | इसके विषय में जानकारी उपलब्ध कराई है | यदि इस जानकारी से रिलेटेड आपके मन में किसी प्रकार का प्रश्न या विचार आ रहा है, अथवा इससे सम्बंधित अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो कमेंट बाक्स के माध्यम से पूँछ सकते है, हम आपके द्वारा की गयी प्रतिक्रिया और सुझावों का इंतजार कर रहे है |

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