SAARC Ka Full Form – सार्क का फुल फॉर्म क्या है दुनिया में अधिकतर लोगों को देश के विषय में अधिक जानकारी होती है, लेकिन उन्हें देश के समूह के विषय अधिक जानकारी नहीं होती हैं | इसी तरह आपको सार्क के समूह के विषय में भी अधिक जानकारी नहीं होगी, जिसे सार्क के रूप में जाना जाता है | SAARC एक 8 देशों का समूह है, जिसमे South Asia के 8 देश इंडिया , पाकिस्तान , बांग्लादेश , श्री लंका , नेपाल , भूटान , मालदीव्स और अफ़ग़ानिस्तान शामिल है। इसका मुख्यालय काठमांडू नेपाल में स्थित है |

यह एक ऐसा देश जहाँ पर सभी देशों के प्रतिनिधिमंडल हर साल मिलते है और अपने सदस्य देशों के विकास पर बातचीत करते है | यदि आप भी सार्क के विषय में जानना चाहते है, तो यहाँ पर आपको सार्क (SAARC) का फुल फॉर्म क्या है, ‘सार्क’ संगठन SAARC Meaning in hindee | इसके विषय पूरी जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है |
SAARC Ka Full Form सार्क का फुल फॉर्म
सार्क (SAARC) का फुल फॉर्म “South Asian Association for Regional Corporation” होता है | इसका हिंदी में उच्चारण “साउथ एशियन एसोसिएशन फॉर रीजनल कारपोरेशन (दक्षेस)” होता है | सार्क एक दक्षिण एशियाई सहयोग संगठन कहा जाता है | इस सार्क की स्थापना दक्षिण एशिया के सात देशों ने मिलकर की थी, जिसमें भारत के साथ-साथ पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, म्यांमार, श्रीलंका और मालदीव शामिल है | सार्क की स्थापना 1985 में की गई थी | इसका संगठन प्रमुख रूप से दक्षिण एशिया के 7 पड़ौसी देशों के क्षेत्रीय सहयोग के उद्देश्य किया गया है |
SAARC Ka Full Form सार्क क्या मतलब है?
सार्क (SAARC) देशों के समूह में गरीबी, अशिक्षा, कुपोषण तथा विकास जैसे विषयों पर आपसी सहयोग की अनेक संभावनाएं दिखाई देती है | वहीं मालदीव के अलावा शेष सभी देश भारतीय उपमहाद्वीप के हिस्से है | इसी कारण से सभी देश ऐतिहासिक व सांस्कृतिक विरासत साझा करने का काम करते है | इसके साथ ही सार्क ने कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यावरण जैसे आधारभूत क्षेत्रों में प्रभावी कार्यों को करता है | सार्क राष्ट्रों की सभी नदियाँ भारत से गुजरते हुए बहती है |इसके बाद सार्क का 18 वाँ शिखर सम्मेलन नवम्बर 2014 में नेपाल में किया गया था | फिर इस संगठन का 19वाँ व शिखर सम्मेलन पाकिस्तान में 2016 को आयोजित किया गया था, लेकिन पहली बार ऐसा हुआ था कि, भारत ने अपनी प्रतिनिधित्व नही भेजा था |
सार्क के शिखर सम्मेलन का इतिहास (History of the summit of SAARC)
- 1985-(ढाका) बांग्लादेश
- 1986 -(बेंगलूरू) भारत
- 1987 -(काठमांडू) नेपाल
- 1988 -(इस्लामाबाद) पाकिस्तान
- 1990 -(माले) मालदीव
- 1991-(कोलम्बो) श्रीलंका
- 1993 -(ढाका) बांग्लादेश
- 1995- (नई दिल्ली) भारत
- 1997 -(माले) मालदीव
- 1998 -(कोलम्बो) श्रीलंका
- 2002 -(काठमांडू) नेपाल
- 2004 -(इस्लामाबाद) पाकिस्तान
- 2005 -(ढाका) बांग्लादेश
- 2007 -(नई दिल्ली) भारत
- 2008 -(कोलम्बो) श्रीलंका
- 2010 -(थिम्फू) भूटान
- 2011 -(अडडू) मालदीव
- 2014 -(काठमांडू) नेपाल
- 2016 -(इस्लामाबाद) पाकिस्तान
- 2017 -(इंदोर) भारत
सार्क का सांगठनिक ढांचा (Organizational structure of SAARC)
- 3 में दक्षेस के राष्ट्राध्यक्ष के शिखर सम्मेलन का प्रावधान हैं |
- 4 में सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों के परिषद का प्रावधान शामिल किया गया है, जिसकी वर्ष में दो बैठक बहुत ही जरूरी है |
- 5 में एक स्थायी समिति का प्रावधान शामिल है, जिसमें सदस्य देशों के विदेश सचिव शामिल किये जाते है | इसके अंतर्गत वर्ष में एक बार बैठक करना अनिवार्य होता है | यह सहयोग के क्षेत्रों की पहचान और उसकी प्रगति की देखरेख का काम करती है |
- 6 में तकनीकी समितियों का प्रावधान आता है, जो क्षेत्रीय सहयोग के नवीन विषयों और समन्वय का कार्य करते है |
- 7 में कार्यकारी समिति का प्रावधान शामिल किया जाता है |
- 8 में दक्षेस सचिवालय का प्रावधान शामिल है, जिसकी स्थापना 1987 में की गई और इसका मुख्यालय काठमांडू में स्थित हैं | इसका एक महासचिव भी होता है, जो दो वर्ष के कार्यकाल पर कार्यत होता हैं | सचिवालय के साथ-साथ सहयोग के लिए 12 क्षेत्रीय केंद्र विभिन्न सदस्य देशों में बनाए गये हैं |
- 9 और 10 में दक्षेस/ सार्क के वित्तीय संस्थानों और अंशदानों का प्रावधान द्वारा काम किया जाता है |
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