गांधीवादी, राष्ट्रवादी और समाजसेवी अन्ना हजारे द्वारा भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन से आम आदमी पार्टी का उदय हुआ था । औपचारिक तौर से पार्टी की शुरुआत 26 नवंबर 2012 को हुई । अन्ना के आंदोलन में सक्रिय भागेदारी निभाने वाले अरविंद केजरीवाल, वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण, योगेन्द्र यादव, शाजिया इल्मी, डा कुमार विश्वास और आनंद कुमार जैसे लोग इसके संस्थापकों में शामिल थे । हालांकि ये बात अलग है, कि अरविंद केजरीवाल के अतिरिक्त बाकी सभी संस्थापक सदस्य अब आप से दूरी बना चुके हैं । वर्तमान में आप के मुखिया अरविंद केजरीवाल हैं, और दिल्ली के मुख्यमंत्री भी हैं | इस पार्टी का चुनाव चिन्ह “झाड़ू” है । अरविंद केजरीवाल के देखरेख में इस समय दिल्ली में इस पार्टी की सरकार है । यदि आप भी आम आदमी पार्टी (AAP) के विषय में जानना चाहते है तो यहाँ पर AAP का फुल फॉर्म क्या है, AAP का इतिहास और AAP के राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन है, इसके बारे में सम्पूर्ण जानकारी दी जा रही है |
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एम्स (AIIMS) का फुल फॉर्म क्या है
AAP (आप) का फुल फॉर्म
AAP (आप) का फुल फॉर्म “आम आदमी पार्टी ” (AAM Aadmi Party)” है | अरविंद केजरीवाल के नेतृत्तव में इस समय दिल्ली में इस पार्टी की सरकार है । दिसम्बर 2013 में दिल्ली विधानसभा चुनाव में झाड़ू चुनाव चिन्ह के साथ आम आदमी पार्टी चुनाव मैदान में पहली बार उतरी । इस चुनाव में इस पार्टी को 28 सीटों पर जीत मिलीं और कांग्रेस के साथ गठबंधन की सरकार बनाई । लेकिन लगभग 49 दिनों के उपरांत कांग्रेस के असहयोग के कारण केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र दे दिया । हालांकि 2015 में हुए विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने दिल्ली की कुल 70 विधानसभा सीटों में से 67 सीटों पर जीत हासिल किया, और केजरीवाल दोबारा फिर मुख्यमंत्री बने । इस विधानसभा चुनाव में भाजपा को केवल तीन सीट और कांग्रेस को एक भी सीट हाथ नहीं लगी । लोकसभा में आम आदमी पार्टी के 1 और राज्यसभा में तीन सदस्य हैं ।
आप (AAP) की स्थापना
आम आदमी पार्टी (आप) की स्थापना 26 नवम्बर 2012 को भारतीय संविधान अधिनियम की 63वीं वर्षगाँठ के सुयोग पर जंतर मंतर, दिल्ली में हुई थी । सन् 2011 में “इंडिया अगेंस्ट करप्शन” नामक समिति ने अन्ना हजारे के नेतृत्व में हुए जन लोकपाल आंदोलन के समय भारतीय राजनीतिक पार्टियों से जनहित की उपेक्षा के विरुद्ध आवाज़ उठाई । अन्ना हजारे भ्रष्टाचार विरोधी जनलोकपाल आंदोलन को राजनीति से अलग करना चाहते थे, जबकि अरविन्द केजरीवाल और उनके साथियों की यह राय थी कि पार्टी बनाकर चुनाव लड़ा जाये । इसी उद्देश्य के अनुसार दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी पहली बार 2013 में ‘झाड़ू’ चुनाव चिन्ह के साथ चुनावी मैदान में उतरी । आम आदमी पार्टी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में 28 सीटों पर विजय प्राप्त की और अपना विधायक दल का नेता अरविंद केजरीवाल को चुना जो 28 दिसम्बर, 2013 को दिल्ली के सातवें मुख्यमंत्री बने ।
आप (AAP) की इतिहास
- आम आदमी पार्टी (आप) को 2013 में भारत के चुनाव आयोग से राजनीतिक पार्टी के तौर पर मंजूरी मिल जाने के पश्चात इस पार्टी का नेतृत्व करने वाले नेता अरविन्द केजरीवाल ने दिल्ली में अपने समर्थन जुटाने के लिए रैलियों का समारोह जुटा कर दिल्ली में कांग्रेस सरकार पर हमला बोल दिया था |
- इस विधानसभा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी ने जो पहला चुनाई मुद्दा उठाया था | वह फर्जी तरीके से बिजली की बिलों और पानी के बिलों का उछाल | उस समय बिजली वितरण कंपनियों और पानी के टैंकर माफिया के साथ मिली भगत के खिलाफ आम आदमी पार्टी ने सत्ताधारी कांग्रेस सरकार के विरुद्ध आंदोलन छेड़ दिया था |
- अरविन्द केजरीवाल ने शीला दीक्षित, यानि कि कांग्रेस सरकार पर दबाव बनाने के लिए उपवास भी शुरू किया था, और इसे बड़े स्तर पर लेकर गए थे, और फिर चौदा दिन बाद केजरीवाल ने अपने अनशन को समाप्त किया | इस आंदोलन ने आम आदमी पार्टी को एक राजनीतिक शक्ति दी थी |
- लोकप्रिय समर्थन होने के कारण से दिल्ली विधानसभा चुनाव में 70 में से 28 सीटें जीतने के पश्चात आम आदमी पार्टी ने राजनीतिक क्षेत्र में शानदार शुरुआत की थी | एक साधारण पार्टी होते हुए भी इतनी सीटों पर जीत हासिल करना इस पार्टी की एक बहुत बड़ी कामयाबी थी |
- अरविंद केजरीवाल की यह पार्टी लोगों के बीच में काफी प्रसिद्ध हुई, जिसके चलते सरकार के गठन पर दिल्ली के लोगों से राय लेने के बाद पार्टी ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से बाहरी समर्थन लिया और फिर अपनी सरकार बनाई, और 28 दिसंबर को अरविन्द केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री बने |
- हालाँकि दिल्ली विधानसभा में ये संख्या की कमी के कारण वे अपने मुख्य उद्देश्य जन लोकपाल बिल पारित करने में विफल हो गए थे | इसलिए उस समय केवल 49 दिन में ही केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था | फिर फरवरी, 2014 में आम आदमी पार्टी ने एक नये और पूर्ण जनादेश की मांग की |
- हालाँकि दिल्ली में फिर से विधानसभा चुनाव से पहले अप्रैल – मई 2014 में लोकसभा चुनाव आयोजित हुए थे | आम आदमी पार्टी ने इस लोकसभा चुनाव में लगभग 400 से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ा, और केवल 4 सीटों पर जीत हासिल की, वो केवल पंजाब राज्यों से थी, जबकि परिणाम लोगों को पार्टी की अनुमान से कम था, लेकिन फिर भी दिल्ली के अलावां पंजाब में इस पार्टी की एक मजबूत शुरुआत हुई थी, जहाँ इस पार्टी को जीत हासिल हुई |
- सन 2014 के लोकसभा चुनाव में दिल्ली की सातों लोकसभा सीटें हारने के बाद भी इस पार्टी ने हार नहीं मानी और जल्द ही वापस आ गई | आम आदमी पार्टी ने सन 2015 में फिर से दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ा, और भ्रष्टाचार को एक बार फिर से खत्म करने का वादा किया, इस बार इस पार्टी का नारा था कि –“पांच साल केजरीवाल”, उस दौरान उन्हें ‘मफलरमैन’ के रूप में जाना जाता था, जो दिल्ली के मफलर – क्लैड एंटी करप्शन क्रूसेडर के लिए एक निक नेम था |
- अरविन्द केजरीवाल के इस बार अक्रामक प्रदर्शन के चलते सन 2015 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 70 सीटों में से 67 सीटें जीतकर एक इतिहास रच दिया था, और इस बार केजरीवाल की आप सरकार ने अपने पांच साल के कार्यकाल को भी पूरा किया है |
- अप्रैल सन 2015 को आम आदमी पार्टी ने भूमि अधिग्रहण बिल के विरुद्ध भी दिल्ली में एक रैली का आयोजन किया था |
- फिर सन 2017 में इस पार्टी ने गोवा विधानसभा चुनाव और पंजाब विधानसभा चुनाव दोनों लड़ा था, और वे सभी सीटें हार गये और गोवा की जो 39 में से 38 सीटें उन्होंने जमा की थी उसे बचाने में भी वे नाकाम रहे, जिस पर उनके उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था |
- पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए वहां की एक स्थानीय पार्टी लोक इंसाफ पार्टी ने आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन किया था, और इस गठबंधन को आप गठबंधन कहा गया, इसने सब मिलाकर 22 सीटें जीती, जिनमें से दो सीटें लोक इंसाफ पार्टी और 20 सीटें आम आदमी पार्टी ने जीतीं थी |
- इसके बाद सन 2019 के लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने एक बार फिर से कुछ प्रदेशों से सीमित सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया, हरयाणा राज्य में पार्टी ने तीन लोकसभा क्षेत्रों पर चुनाव लड़ने के लिए दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी के साथ गठबंधन किया था |
- वहीँ उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद से इन्होने अपना पहला ट्रांसजेंडर उम्मीदवार भी उतारा था, इस सब के अलावां भी आम आदमी पार्टी ने 40 सीटों में से 39 सीटें खो दी, जिसमें आम आदमी पार्टी ने 9 राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेशों से चुनाव लड़ा था |
- 2019 में भी आम आदमी पार्टी ने दिल्ली विधानसभा चुनावों में अच्छा प्रदर्शन किया और पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाने में कामयाब रही |
आप (AAP) पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष
आम आदमी पार्टी (आप) के वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष अरविन्द केजरीवाल जी है, और ये दिल्ली के मुख्यमंत्री भी है | आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद में अभी तक कोई बदलाव नहीं हुआ है |
आप (AAP) पार्टी के मुख्यमंत्री
आम आदमी पार्टी से अरविन्द केजरीवाल दिल्ली के दो बार मुख्यमंत्री बने, जिसमे पहली बार 28 दिसम्बर 2013 से 14 फरवरी 2014 तक मात्र 49 दिन ही मुख्यमंत्री पद पर रहें और दूसरी बार 14 फरवरी 2015 से 2019 तक मुख्यमंत्री पद पर रहे, इसके बाद 2019 से अब तक हैं |
इस आर्टिकल में हमनें आप को आम आदमी पार्टी यानि कि AAP के विषय में जानकारी दी | यदि इस जानकारी से रिलेटेड आपके मन में किसी प्रकार का प्रश्न या विचार आ रहा है, अथवा इससे सम्बंधित अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो कमेंट बाक्स के माध्यम से पूँछ सकते है, हम आपके द्वारा की गयी प्रतिक्रिया और सुझावों का इंतजार कर रहे है |