NRC Ka Full Form in Hindi असम में घुसपैठियों की पहचान करने के लिए भारत सरकार के द्वारा एनआरसी को लागू किया जा रहा है| इसके द्वारा उन्हें पहचान कर देश से बाहर भेजा जायेगा. घुसपैठियों को देश से बाहर भेजने के लिए 1951 में नेशनल रजिस्टर फॉर सिटीजन (एनआरसी) बनाया गया था. NRC Ka Full Form in Hindi भारत सरकार के द्वारा एनआरसी का अंतिम मसौदा प्रकाशित किया गया है| इसमें केवल उन लोगों के नाम को सम्मिलित किया गया है, जो 25 मार्च 1971 के पहले से असम में रह रहे हैं| लिस्ट में नाम नहीं होने पर लोगों को भारत से बाहर भेजा जायेगा इसलिए वह अपने भविष्य के लिए चिंतित है| इस पेज पर NRC Ka Full Form in Hindi , एनआरसी (NRC) का मतलब क्या होता है.
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एनआरसी फुल फॉर्म (NRC Full Form)
एनआरसी फुल फॉर्म “National Register of Citizens” है, हिंदी में इसे “राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर” के नाम से जाना जाता है | यह एक रजिस्टर है इसमें 25 मार्च 1971 के पहले से असम में रह रहे भारतीय नागरिकों के नाम है | वर्तमान में केवल असम में ही ऐसा रजिस्टर है | भविष्य में से अन्य राज्यों में भी लागू किया जा सकता है | नागालैंड के द्वारा पहले से ही एक समान डेटाबेस का निर्माण किया जा रहा है.
इसे रजिस्टर ऑफ इंडिजिनस इनहेबिटेंट्स के रूप में जाना जाता है| भारत सरकार के गृहमंत्री के द्वारा 20 नवंबर 2019 को संसद में घोषणा की गयी कि पूरे देश में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर लागू कर दिया जायेगा | इसमें सभी नागरिकों के जनसांख्यिकीय और बायोमेट्रिक विवरण को दर्ज किया जायेगा | केंद्रीय गृहमंत्री ने राज्यसभा में जानकारी दी थी एनआरसी में धर्म के आधार पर लोगों को बाहर करने का कोई प्रावधान नहीं है|
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एनआरसी का मतलब क्या होता है (NRC Meaning)?
एनआरसी (NRC) का मतलब नेशनल सिटिजन रजिस्टर है | इससे असम में रहने वाले भारतीय नागरिकों की पहचान की जाती है | असम में रहने वाले मूल भारतीय नागरिकों की पहचान के लिए बनाई गई यह एक सूची है | इसका मुख्य उद्देश्य असम राज्य में अवैध रूप से रह रहे विदेशियों जैसे बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान करना है | पहचान के बाद इन्हें भारत से बाहर भेजा जायेगा | इसके लिए 1986 में सिटीजनशिप एक्ट में संशोधन किया गया था | इसके लिए भारत सरकार ने असम के लिए विशेष प्रावधान किया था | इस प्रावधान के द्वारा रजिस्टर में केवल उन्ही लोगों के नाम सम्मिलित किए गए हैं, जो 25 मार्च 1971 के पहले से असम के नागरिक हैं, अथवा उनके पूर्वज असम राज्य में रहते थे |
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भारत में केवल असम अकेला ऐसा राज्य है, जहां पर अभी तक एनआरसी लागू किया गया है | असम में पहली बार नेशनल सिटीजन रजिस्टर का निर्माण वर्ष 1951 में किया गया था | 1951 में की गयी जनगणना में सम्मिलित किये गए प्रत्येक व्यक्ति को असम राज्य का नागरिक की मान्यता प्रदान की गयी | कुछ समय पहले ही राज्य में एकबार फिर से एनआरसी को अपडेट करने की मांग की जा रही थी | इसका मुख्य कारण पिछले कई दशकों से राज्य में पड़ोसी देशों खासकर बांग्लादेश से हो रही अवैध घुसपैठ है इससे असम जनसंख्या का संतुलन बिगड़ गया है | इस कारण से वहां के लोग एनआरसी को अपडेट करने की मांग कर रहे थे |
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एनआरसी से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी
- 1951- प्रथम बार एनआरसी का निर्माण किया गया |
- 1971- भारत-पाकिस्तान का युद्ध हुआ था इसमें बड़ी मात्रा में बांग्लादेशी शरणार्थियों को भारत में प्रवेश दिया गया था |
- 1970-80- असम में बहुत ही तेजी से जनांकिकीय परिवर्तन हुआ इसके परिणामस्वरूप अवैध शरणार्थियों और राज्य के निवासियों के बीच सामाजिक, जातीय और वर्ग-संघर्ष प्रारम्भ हो गया |
- 1979-85- ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन के नेतृत्व में असम विद्रोह शुरू किया गया इस विद्रोह को ऑल असम गण संग्राम परिषद का समर्थन प्राप्त था |
- 1985- असम समझौते पर हस्ताक्षर किये गए और 1951 में प्रकाशित राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर को विस्तारित किया गया |
- 2012-13- असम में सर्वोच्च न्यायालय ने हस्तक्षेप किया और केंद्र सरकार को एनआरसी को अपडेट करने का निर्देश प्रदान किया गया |
- 31 अगस्त 2019- एनआरसी की अंतिम सूची जारी की गयी इसमें करीब 19 लाख लोग को सूची से बाहर कर दिया गया | इस पर एनआरसी में गड़बड़ी का आरोप लगाया गया |
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एनआरसी की आवश्यकता (Need to NRC)
इस समय असम में लगभग 50 लाख बांग्लादेशी गैर-कानूनी ढंग से रह रहे हैं | सरकार ने असम में अवैध रूप से निवास कर रहे लोगों को निकालने के लिए नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स अर्थात एनआरसी का निर्माण किया है | यह विश्व के कई बड़े अभियानों में से एक है | इसके द्वारा अवैध रूप से रह रहे लोगों की पहचान की जाएगी | पहचान के बाद वापस उनके देश भेजा जाएगा | अधिक जनसंख्या की वजह से यहां सामजिक और आर्थिक समस्याएं कई दशकों से बनी हुई है | एनआरसी की रिपोर्ट से यह जानकारी हो जाएगी कि कौन भारतीय नागरिक है और कौन नहीं है, यदि वह व्यक्ति भारतीय है, तो उन्हें सामान रूप से वह सभी अधिकार प्राप्त होंगे, जो एक भारतीय को प्रदान किये जाते है |
समस्याएँ (Problem)
- यदि किसी नागरिक का नाम एनआरसी की सूची में नहीं है तो वह भारत का नागरिक नहीं है, ऐसी स्थिति में राज्य में हिंसा का खतरा बना हुआ है |
- लिस्ट में न होने वाले लोग काफी लम्बे समय से असम में निवास कर रहे थे | नागरिकता समाप्त होने के बाद वह वोट नहीं दे सकेंगे और न ही इन्हें किसी कल्याणकारी योजना का लाभ प्रदान किया जायेगा |
- इन्हें अपनी ही संपत्ति पर भी इनका कोई अधिकार नहीं रहेगा |
- जिनके पास स्वयं की संपत्ति है, उन्हें दूसरे लोगों द्वारा खतरा है |
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